Himachal Pradesh
पार्वती जल विद्युत परियोजना के पावर हाउस में रिसाव, लोगों में मची अफरातफरी
सैंज। देश की महत्वाकांक्षी पार्वती जल विद्युत परियोजना चरण-दो के पावर हाउस सियूंड में आज अचानक एकाएक जल रिसाव होने लगा, जिसके चलते पावर हाउस के स्टाफ में आफरी तफरी मच गई। रिसाव के कारणों का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया। पानी का रिसाब अभी भी जारी है भारी मात्रा में एकाएक पावर हाउस के टनल से पानी निकलने से स्थानीय लोगों में अफरा तफरी मच गई है।
पावर हाउस के अधिकारियों से बात करने पर पता चला है की जानमाल की कोई भी क्षति नहीं हुई हैं। सभी सुरक्षित हैं पानी का रिसाब कहां से हो रहा है, इसकी जांच चल रही है।
Himachal Pradesh
Sirmaur में पति की दरिंदगी, पत्नी को डंडों से पीटकर मार डाला
कई फैक्ट्रियों वाले Sirmaur के व्यस्त इलाके पांवटा साहिब में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को लाठी से बुरी तरह घायल कर दिया, जिससे रविवार देर रात उसकी मौत हो गई। पांवटा साहिब में पुलिस ने तुरंत इस बारे में पता लगा लिया और महज 4 घंटे में ही उस व्यक्ति को पकड़ लिया, जिसने यह कृत्य किया था।
पांवटा पुलिस को रविवार देर रात करीब 1:00 बजे इस घटना के बारे में पता चला। उन्होंने सोमवार सुबह 5:00 बजे इस कृत्य को अंजाम देने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया। नेहा नामक एक छोटी बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसके पिता सोहन सिंह ने उसकी मां रक्षा देवी को लाठी से बुरी तरह घायल कर दिया, जिससे उसकी मां की मौत हो गई।
सोहन सिंह चौधरी उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर नामक गांव में रहते हैं। वे तारूवाला में शिव कॉलोनी नामक स्थान पर बलिराम नामक चाचा से काफी समय से किराए पर मकान लेकर रह रहे हैं। नेहा ने पुलिस को बताया कि वह और उसके माता-पिता भी करीब 6-7 साल से बलिराम चाचा के यहां किराए पर रह रहे हैं।
रविवार की रात, हर दिन की तरह, मम्मी ने खाना बनाने के बाद मम्मी और पापा टीवी देख रहे थे। रात के करीब 9:30 बजे थे। रात के खाने के बाद मम्मी और पापा अपने कमरे में चले गए और वह और उसकी बहन अपने कमरे में चली गईं। पापा अक्सर गुस्सा हो जाते थे और मम्मी को छोटी-छोटी बातों पर चोट पहुँचाते थे। रविवार रात को मम्मी और पापा 11 बजे तक टीवी देखते रहे। उस दौरान वह और उसकी बहन भी जाग रही थीं।
आधी रात के करीब उसने मेन गेट खुलने की आवाज़ सुनी, तो वह मम्मी और पापा के कमरे में गई। पापा वहाँ नहीं थे। वह काफी देर तक इंतज़ार करती रही, लेकिन पापा वापस नहीं आए। उसने मम्मी को कई बार आवाज़ लगाई, लेकिन मम्मी ने जवाब नहीं दिया। इसलिए, वह कमरे में गई और लाइट जलाई। फिर उसने देखा कि मम्मी खून से लथपथ बिस्तर पर पड़ी हैं। वह ज़ोर से चिल्लाई, और फिर उसकी बहन अंजलि भी कमरे में आ गई।
इसके बाद, वह गेट खोलकर बगल के राजू अंकल के घर की ओर भागी और मदद के लिए चिल्लाने लगी। जब राजू अंकल और उनकी पत्नी ने उसकी आवाज़ सुनी, तो वे बाहर आ गए। उसने उन्हें बताया कि उसके पापा ने उसकी मम्मी को बुरी तरह से चोट पहुँचाई है और फिर भाग गए हैं। उन्होंने उसकी मम्मी के सिर पर डंडों और कुछ और चीज़ों से वार किया। पड़ोसी उसकी माँ रक्षा देवी को अस्पताल ले गए। दुख की बात है कि डॉक्टर ने बताया कि रक्षा देवी की मौत रात 1:00 बजे हो गई थी।
अस्पताल ने पुलिस को घटना के बारे में बताया और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने सोमवार सुबह-सुबह बांगरन चौक पर उस व्यक्ति को पकड़ लिया जिसने यह घटना की थी। योगेश रोल्टा नाम के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सोमवार को एक विशेष टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया। उन्होंने शव की जांच करने के बाद उसे परिवार को वापस सौंप दिया। पुलिस अभी भी मामले की जांच कर रही है।
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हिमचाल प्रदेश लगातार बारिश का प्रकोप, Shimla में नहीं थम रहा भूस्खलन
बारालाचा, कुंजुम, रोहतांग और शिंकुला जैसे ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी हुई। बिलासपुर, कांगड़ा और मंडी जैसे अन्य स्थानों पर बहुत अधिक बारिश हुई। सोमवार दोपहर Shimla के बालूगंज के पास क्रॉसिंग पर पत्थरों और मिट्टी का एक बड़ा ढेर गिर गया। इस वजह से बालूगंज रोड अब बंद हो गया है। जब यह हुआ, तो कुछ लोग बस का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वे जल्दी से भाग गए और सुरक्षित रहे।
कल्पना कीजिए कि आपके पास कई अलग-अलग कप हैं, और हर कप बारिश से अलग-अलग मात्रा में पानी से भर गया है। श्री नयना देवी में कप में 142.6 मिमी पानी भर गया। बैजनाथ में कप में 120 मिमी पानी भर गया। गुलेर में कप में 78.4 मिमी पानी था। घागस में कप में 60.4 मिमी पानी था, और बिलासपुर में 60.2 मिमी पानी था। जोगिंदरनगर में कप में 57 मिमी, पालमपुर में 47 मिमी, कांगड़ा में 44 मिमी, धर्मशाला में 42.6 मिमी और मंडी में 31.5 मिमी पानी बरसा। तो, हर जगह अलग-अलग मात्रा में बारिश हुई, ठीक वैसे ही जैसे हर कप में अलग-अलग मात्रा में पानी बरसा!
अरे बच्चे, अंदाज़ा लगाओ? राज्य में 107 सड़कें हैं, जिनका इस्तेमाल अभी कारें नहीं कर सकतीं। शिमला में 48 सड़कें बंद हैं, और मंडी और कुल्लू में 24-24 सड़कें बंद हैं। लोग उन्हें ठीक करने और फिर से इस्तेमाल करने लायक बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। साथ ही, 301 ट्रांसफॉर्मर (जो हमें बिजली देने में मदद करते हैं) काम नहीं कर रहे हैं, इसलिए कुछ जगहों पर इस समय बिजली नहीं है।
मौसम विभाग का कहना है कि मंगलवार को कई जगहों पर बहुत तेज़ बारिश होगी और गरज के साथ बारिश होगी, लेकिन लाहौल स्पीति और किन्नौर में ऐसा नहीं होगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि कुछ इलाकों में बाढ़ आ सकती है। और, ठंड भी बढ़ रही है, तापमान में एक से तीन डिग्री की गिरावट आ रही है।
धुंधी में भूस्खलन के कारण मनाली-केलांग मार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों को अधिक परेशानी हुई। बर्फबारी के बावजूद, मनाली-केलांग मार्ग पर कारें और अन्य वाहन आसानी से चल रहे थे, साथ ही लेह, शिंकुला-ज़ांस्कर और काज़ा जाने वाली सड़कें भी। हालाँकि, ठंड और बढ़ गई। मनाली के पास के पहाड़ों जैसे रोहतांग, सेवन सिस्टर पीक, मनाली पीक और घेपन पीक पर बर्फबारी हुई।
Himachal Pradesh
Himachal में जारी भारी बारिश, घग्गर नदी का जलस्तर उफान पर
Himachal में भारी बारिश के कारण पंजाब के कई जिलों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद पंजाब की नदियां भी उफान पर हैं. हिमाचल प्रदेश में बारिश के कारण घग्गर नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है|
पिछले 12 घंटों में घग्गर का जलस्तर 5 फीट बढ़ गया है। संगरूर के खानुरी में कल रात जलस्तर 726 फीट पर पहुंच गया और अब सुबह 8 बजे 728 फीट और 10 बजे 730.5 फीट पर पहुंच गया. हर घंटे आधा फीट पानी बढ़ रहा है।
वहीं प्रशासन किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार है. प्रशासन की ओर से गोताखोर टीमें और जेसीबी मशीनें तैयार कर ली गई हैं. आपको बता दें कि घग्गर पिछले साल 10 जुलाई को टूट गया था और पंजाब के कई जिलों में भारी तबाही मचाई थी|
पहाड़ों पर भारी बारिश के बाद पंजाब की नदियां भी उफान पर हैं. पठानकोट और ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण उझ, चक्की और जलालिया नदियों में जलस्तर बढ़ गया है, जिससे उझ और रावी नदियों के संगम स्थल मकोड़ा पाटन में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया है|
इस बीच, पठानकोट के सात गांवों में बाढ़ जैसे हालात हो गए. ऐसे में मकोरा बंदरगाह पर नदी में चलने वाली नौका को रोक दिया गया. पठानकोट जिले के सात गांवों तूर, चेबे, मामिया, लासियां आदि में बाढ़ आ गई और उक्त गांवों का संपर्क पठानकोट और गुरदासपुर जिलों से टूट गया। इसी तरह पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाली चक्की नदी पर तीन पुलों को टूटने से बचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए चेक डैम का असर बांध के नीचे की जमीन पर पड़ने लगा।
इस बीच, गढ़शंकर के अर्ध-पहाड़ी गांव जेजोन दोआबा की घाटी में बारिश के बाद पानी के तेज बहाव में एक इनोवा कार बह गई, जिसमें एक ही परिवार के नौ सदस्यों सहित दस लोगों की मौत हो गई। मृतकों में कार चालक भी शामिल है. इलाके के लोगों ने बड़ी मशक्कत के बाद एक शख्स को बचा लिया है|
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