Haryana
किरण चौधरी के BJP में आने से ओल्ड भिवानी जिले के तमाम समीकरण बदले
ज्वॉइन करते ही राजनीति गरमा गई। सबसे पहले किरण के आवास पर लगा कांग्रेस का झंडा हटाकर BJP का झंड़ा लगाया व आवास पर लगे कांग्रेस समर्थित होर्डिंग व बैनर हटा दिए। किरण के BJP में जाने से ओल्ड भिवानी जिला के सभी समीकरण बदल गए हैं। विस चुनाव की घोषणा तक कोई भाजपा से कष्ठीस में तो कोई कांग्रेस से भाजपा में जा सकता है।
भिवानी हो या लोहारू, तोशाम हो या फिर दादरी या फिर बवानी खेड़ा या जाट लैंड बाढ़डा हो, सभी के समीकरण बदलने तय हैं। ओल्ड भिवानी में किरण के चलते कांग्रेस हुड्डा व किरण गुट में बंटी हुई थी। यहां तक की दोनों गुट सरकार विरोधी प्रदर्शन अलग अलग करते थे। इस कारण भिवानी ही नहीं अपितु प्रदेश भर में कांग्रेस का संगठन अभी तक नहीं बन पाया है।
बंसीलाल का पुराने जिले भिवानी व दादरी में पूरा प्रभाव था। ससुर व पति की मौत के बाद किरण ने बंसीलाल की राजनीति को आगे बढ़ाया। किरण के कांग्रेस से छोड़ने के बाद तोशाम से चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले बंसीलाल के पौत्र अनिरूद्ध चौधरी की राह आसान हो गई है। अनिरूद्ध चौधरी इस बार तोशाम से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। लोस चुनाव में सक्रियता के बावजूद किरण चौधरी के विरोध के कारण सक्रिय नहीं हो पाए।
हमेशा दबदबा रहा है, पर किरण भिवानी में वह दबदबा कायम नहीं रख सकी। लगातार 3 विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सर्राफ विजयी होते रहे हैं। किरण ने 2014 में रामप्रताप शर्माव 2019 में अमर सिंह को कांग्रेस की टिकट दिलवाई व दोनों ही बार काठीस जमानत नहीं बचा सकी।
तोशाम विधानसभाः यह क्षेत्र बंसीलाल की परंपरागत सीट रही है। 1987 व 2000 को छोड़कर इस सीट से अब तक बंसीलाल परिवार से अब तक विधायक निर्वाचित होती रही है। लोहारूद जाट बाहुल्य लोहारू विस सीट पर लगातार 3 बार कांग्रेस सीट गंवा चुकी है। बवानी खेड़ा इस क्षेत्र पर बंसीलाल का विशेष प्रभाव था। रामकिशन फौजी हरियाणा विकास पार्टी से 2000 में विधायक निर्वाचित हुए थे। अब फौजी हुड्डा गुट से जुड़ चुके हैं।