Haryana
Amit Shah के बयान पर सियासी घमासान, बसपा का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन, विपक्ष एकजुट
केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah के बी.आर. अंबेडकर को लेकर दिए गए बयान पर राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को इस बयान के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी भाजपा पर हमलावर हैं। इस मुद्दे पर विपक्षी दल एकजुट नजर आ रहे हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का पलटवार
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन को अनुचित करार देते हुए कहा कि भाजपा को अंबेडकर के योगदान पर ज्ञान देने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा:“जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में भाजपा की सरकार आई है, तब से हम बाबा साहब के अधूरे सपनों को साकार करने और गरीबों के उत्थान के लिए समर्पित होकर काम कर रहे हैं। भाजपा और आरएसएस के कार्यकर्ता हमेशा अंबेडकर के प्रति श्रद्धा रखते हैं।”
उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा: “मायावती अपनी पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान दें, सपा खुद को खत्म होने से बचाए, और कांग्रेस अपनी पार्टी को ‘भारत मुक्त’ होने से रोकने का प्रयास करे। ये सभी दल बाबा साहब के जन्मजात विरोधी हैं।”
क्या है विवाद की जड़?
Amit Shah ने हाल ही में राज्यसभा में बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा: “अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहना आजकल एक फैशन बन गया है। अगर विपक्षी दल इतने भगवान का नाम लेते, तो उन्हें सात जन्मों का मोक्ष मिल जाता।”
भाजपा का कहना है कि उनके बयान के इस छोटे से हिस्से को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। वहीं, विपक्ष इसे अंबेडकर का अपमान करार दे रहा है और भाजपा पर निशाना साध रहा है।
बसपा का विरोध प्रदर्शन
मायावती ने इस बयान को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला और इसे अंबेडकर के आदर्शों का अपमान बताया। उन्होंने इसके खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
बीजेपी का जवाब
भाजपा ने आरोप लगाया है कि अमित शाह के बयान को संदर्भ से अलग पेश किया गया है। पार्टी ने कहा कि वह अंबेडकर के विचारों और आदर्शों को सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।
राजनीतिक घमासान जारी
इस मुद्दे ने राजनीतिक दलों के बीच तल्खी बढ़ा दी है। जहां विपक्षी दल इसे दलित विरोधी रवैया करार दे रहे हैं, वहीं भाजपा इसे विपक्ष की रणनीति का हिस्सा बता रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है।