Haryana
Ambala: 4 माह में 15% को ही लग सका BCG का टीका, एक माह में लक्ष्य पूरा करना चुनौती
टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से अम्बाला समेत 11 जिलों में एक साथ टीकाकरण अभियान शुरू किया गया। 21 फरवरी को शुरू हुए इस अभियान को 15 जुलाई तक चलाना है और 2.70 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है। 4 महीने में ये लक्ष्य 15 प्रतिशत ही पूरा हो सका। अभी 1 महीने में 85 प्रतिशत लक्ष्य पूरा पूरा करना। करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी। हालांकि इसी को लेकर मंगलवार को सीएमओ कार्यालय में स्वास्थ्य थी। जिसमें चर्चा की गई कि लोगों को BCG का टीका लगवाने के लिए कैसे जागरूक किया जाए।
डॉ. पल्ल्वी ने बताया कि अम्बाला में अब तक करीब 41 हजार लोगों को ये टीका लगाया जा चुका है। अब उन सभी लोगों को यह टीका लगाया जा रहा है, जिन्हें टीबी होने का खतरा है। इसके लिए हर गांव में पोलियो बूथ की तर्ज पर शिविर लगाए जा रहे हैं। जिले की सभी स्वास्थ्य केंद्रों में बीसीजी टीका लगाया जा रहा है। केंद्रों के इंचार्ज की बैठक की गई |
टीके को लेकर लोगों को भय
लक्ष्य पूरा करने में आ रही परेशानी को लेकर सामने आया कि अधिकतर लोग टीका लगवाने से परहेज कर रहे हैं। लोगों को इसको लेकर 2 प्रकार के भय पैदा हो रहे हैं। टीका लगने के बाद पकता है और कई दिन तक इससे परेशानी होगी। दूसरी तरफ कोरोना काल के दौरान वैक्सीन को लेकर वायरल हुए कई प्रकार के संदेश के बाद लोग जल्दी से बीसीजी का टीके लगवाने को नहीं मान रहे। हालांकि अब तक जो टीके लगे हैं, उनमें ग्रामीण एरिया में से ज्यादा लोगों ने टीके लगवाए हैं।
इन्हें लगाया जा रहा BCG का टीका
बीसीजी टीका 18 से 60 वर्ष तक के व्यस्क और ठीक हुए टीबी मरीजों व उसके संपर्क में आने वाले लोगों को लगाया जा रहा है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सीमा ने बताया कि ये टीका मधुमेह के मरीजों, तीन वर्ष तक टीबी के मरीजों के कॉन्टेक्ट में रहे लोगों, 5 वर्ष पहले तक जिन्हें टीबी था, 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को, जो बेहद पतले हैं, जो धूम्रपान करते हैं, उन्हें लगाया जा रहा है।
बीसीजी टीकाकरण के लिए विशेष प्रशिक्षण अभियान भी चलाया गया था। सर्वे के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी बीसीजी वेकसीन लगाने की ट्रेनिंग दी गई। बतादें कि अभियान अम्बाला के अलावा भिवानी, हिसार, झज्जर, कैथल, जींद, पंचकूला, रोहतक, सिरसा, मेवात और सोनीपत में एक साथ शुरू किया गया था।