Haryana
Shambhu Border पर किसानों का आंदोलन, तीसरे जत्थे की तैयारी और अनशन का 16वां दिन
किसानों की मांगों को लेकर जारी आंदोलन अब और जोर पकड़ता जा रहा है। दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिशों में किसानों ने अब तक दो बार प्रयास किए, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें Shambhu Border से आगे बढ़ने नहीं दिया। इन घटनाओं के दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़पें हुईं, और आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
किसानों की रणनीति और आगामी योजना
किसानों ने अब 14 दिसंबर को फिर से Shambhu Border पार करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर भी किसान धरना दे रहे हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल, जो पिछले 16 दिनों से आमरण अनशन पर हैं, की सेहत लगातार खराब हो रही है।
किसान नेताओं ने आम जनता और विभिन्न धर्मों के लोगों से अपील की है कि वे मंदिरों, मस्जिदों, और गुरुद्वारों में उनकी जीत और डल्लेवाल की सेहत के लिए प्रार्थना करें।
आंदोलन का विस्तार और तीसरा जत्था
किसानों के तीसरे जत्थे ने 14 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की घोषणा की है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आंदोलन को 303 दिन हो चुके हैं और अब सरकार को वार्ता के लिए गंभीर होना होगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के दौरे पर आए, लेकिन किसानों के मुद्दों को नजरअंदाज कर दिया।
पिछली असफलताएँ
6 दिसंबर: किसानों ने पहली बार शंभू बॉर्डर पार करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके।
8 दिसंबर: 101 किसानों का जत्था एक बार फिर दिल्ली के लिए निकला, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
13 फरवरी 2024: आंदोलन का पुनः आरंभ हुआ, लेकिन किसान शंभू बॉर्डर से आगे नहीं जा सके।
किसानों की मांगें
गिरफ्तार किसानों और मजदूरों की रिहाई।
सरकार से वार्ता और उनके मुद्दों पर चर्चा।
गायकों और अन्य समर्थकों से आंदोलन में भागीदारी की अपील।
किसानों का कहना है कि भाजपा सरकार किसानों का विश्वास खो चुकी है, और आंदोलन का उद्देश्य अपने अधिकारों और न्याय के लिए संघर्ष करना है।