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Punjab में संपत्ति के पुश्तैनी विवाद होंगे समाप्त: ड्रोन के माध्यम से होगा हजारों गांवों का सर्वेक्षण, मालिकों को मिलेगा कानूनी अधिकार।

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पंजाब। Punjab राज्य के 23 जिलों के 12,787 गांवों में डिजिटल स्वामित्व मानचित्रण सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है, जिसका लाभ अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना, जालंधर, पटियाला, रूपनगर और मोहाली सहित सभी जिलों के निवासियों को मिलेगा।

Punjab के ग्रामीण इलाकों में पीढ़ियों से चल रहे संपत्ति विवादों का समाधान अब जल्द ही होने वाला है। केंद्र सरकार ने डिजिटल स्वामित्व मानचित्रण का 81 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया है।

ड्रोन के माध्यम से राज्य के 10,369 गांवों का सर्वेक्षण किया जा चुका है, और अब घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिसमें संपत्ति के रिकॉर्ड इकट्ठा किए जा रहे हैं। वास्तविक मालिकों को जल्द ही संपत्ति कार्ड जारी करके स्वामित्व दिया जाएगा।

केंद्र सरकार इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षों से चले आ रहे विवादों को समाप्त करने और लोगों को कानूनी अधिकार प्रदान करने का प्रयास कर रही है। पंचायती राज मंत्रालय ने लोकसभा में एक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें बताया गया कि 108 गांवों में सर्वेक्षण पूरा होने के बाद संपत्ति कार्ड जारी किए गए हैं। जनवरी में लगभग 17,000 संपत्ति कार्ड जारी किए गए थे, और शेष संपत्तियों के लिए सर्वेक्षण जारी किया गया है।

मुख्य बिंदु:

ड्रोन सर्वेक्षण।

ड्रोन और घर-घर सर्वेक्षण के बाद, 178 गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं, जिनमें 24,089 संपत्ति कार्ड शामिल हैं। सरकार जल्द ही इन कार्डों को जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।

स्वामित्व योजना के लाभ।

स्वामित्व योजना न केवल गांवों में लोगों को संपत्ति का स्वामित्व देती है, बल्कि कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त संपत्ति कार्ड भी प्रदान करती है, जिससे लोग अपनी संपत्ति पर ऋण भी ले सकते हैं।

जीआईएस सर्वेक्षणबी।

भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के तहत संपत्ति रिकॉर्ड को अपडेट किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इन संपत्तियों पर कोई विवाद न हो।

राष्ट्रीय प्रगति।

पूरे देश में अब तक 3.20 लाख गांवों का ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, और 1.6 लाख घरों के लिए 2.41 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।

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