Uttar Pradesh
गुरु तेग बहादुर के बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने अर्पित की श्रद्धांजलि
लखनऊ के यहियागंज गुरुद्वारा में मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने सिख परंपरा के नवम गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने उनके बलिदान और त्याग को नमन करते हुए कहा कि गुरु तेग बहादुर जी का योगदान केवल सिख समुदाय के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश और सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणादायक है।
सनातन धर्म और कश्मीर की रक्षा
सीएम योगी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने कश्मीरी पंडितों को उस समय धर्मांतरण के अत्याचार से बचाया था जब विदेशी आक्रांताओं ने कश्मीर में सनातन धर्मावलंबियों को धर्म परिवर्तन का आदेश दिया था। उन्होंने न केवल उन्हें साहस और सुरक्षा दी, बल्कि अत्याचारियों को चुनौती दी। गुरु जी ने कहा था कि “पहले हमारे गुरु को इस्लाम स्वीकार कराओ,” यह कहते हुए उन्होंने अत्याचार के खिलाफ अपने प्राणों की आहुति दी।
गुरु परंपरा और देश की सेवा
मुख्यमंत्री ने सिख गुरु परंपरा को नमन करते हुए कहा कि यह परंपरा गुरु नानक देव जी से शुरू होकर गुरु गोविंद सिंह जी तक चली, जिन्होंने देश और धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्योछावर कर दिए। उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी द्वारा सिखाए गए त्याग और वीरता को याद करते हुए कहा कि उनके चार साहिबजादों का बलिदान देश की गौरवशाली परंपरा का हिस्सा है।
हिंदू-सिख एकता पर जोर
सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग हिंदुओं और सिखों के बीच खाई पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे प्रयासों को नाकाम करने के लिए गुरु परंपरा के आदर्शों को आत्मसात करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी और गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाएं हमें आज भी देश और धर्म की सेवा के लिए प्रेरित करती हैं।
विशिष्ट जनों की उपस्थिति
इस अवसर पर राज्य मंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह, और गुरुद्वारा समिति के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने गुरु परंपरा के संदेश को साझा करते हुए इसे एकजुटता और समर्पण का प्रतीक बताया।
गुरुद्वारा में आयोजित इस कार्यक्रम में श्रद्धालुओं और गणमान्य व्यक्तियों ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को नमन किया और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।