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Uttar Pradesh

Mainpuri के करहल में दलित युवती की हत्या, सपा को वोट देने से मना करने पर हत्या का आरोप

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Mainpuri के करहल में आज मतदान के बीच एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक दलित युवती की कथित रूप से रेप के बाद हत्या कर दी गई है। युवती का शव नग्न अवस्था में मिला है, और आरोप है कि उसे समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देने से मना करने पर हत्या की गई।

पीड़ित परिवार का आरोप
पीड़ित परिवार का कहना है कि एक दिन पहले युवती को इस मामले को लेकर धमकी मिली थी। कल दो लोग युवती को जबरन बाइक पर बैठाकर ले गए थे, और आज उसका शव करहल थाना क्षेत्र के कंजरा नदी पुल के पास मिला। युवती के परिजनों का आरोप है कि सपा को वोट देने के लिए दबाव बनाने के बाद जब युवती ने भाजपा को वोट देने की बात की, तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी।

युवती के पिता का बयान
मृतक युवती के पिता का कहना है कि तीन दिन पहले वे अपनी बेटी के साथ कहीं जा रहे थे, तभी एक नेता ने उनसे कहा कि सपा को वोट देना है। इसके जवाब में उनकी बेटी ने कहा कि “हमारा वोट तो भाजपा को जाएगा।” इस पर उस नेता और उसके साथियों ने युवती को धमकी दी थी।

पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा
पुलिस ने युवती का शव कब्जे में लेकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस को इस मामले में रेप की भी आशंका है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस घटना की जांच कर रही है, और इस हत्याकांड ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है।

परिजनों का गुस्सा
परिजनों का कहना है कि पुलिस की कार्यशैली को लेकर उनका गुस्सा बढ़ गया है, और वे मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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यूपी उपचुनाव: Ghaziabad में वोटिंग में सबसे कम दिलचस्पी, सिर्फ 33.3% मतदान

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उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए बुधवार को मतदान संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के अनुसार, इन चुनावों में औसत मतदान 49.3% दर्ज किया गया। हालांकि, Ghaziabad विधानसभा सीट पर सबसे कम वोटिंग रही, जहां मात्र 33.3% लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया।

Ghaziabad में सबसे कम वोटिंग

Ghaziabad में बुधवार को 507 बूथों पर मतदान हुआ। छुट्टी के बावजूद, इस सीट पर मतदाताओं ने वोटिंग में खास रुचि नहीं दिखाई। 2022 के विधानसभा चुनावों में यहां 51.78% और 2017 में 53.27% मतदान हुआ था। लेकिन इस बार, केवल एक-तिहाई मतदाता ही घरों से बाहर निकले।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद का यह प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, खासकर जब इसे मुरादाबाद की कुंदरकी सीट से तुलना की जाए, जहां 57.32% मतदान हुआ।

अन्य सीटों पर वोटिंग का हाल

अन्य सीटों पर मतदान प्रतिशत बेहतर रहा।

सीसामऊ: 49.03%

मझावां: 50.41%

मीरापुर: 57.02%

खैर: 46.35%

फूलपुर: 43.43%

करहल: 53.92%

कटेहरी: 56.69%

Ghaziabad सीट का राजनीतिक परिदृश्य

यह सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। 2022 में, भाजपा के अतुल गर्ग ने यहां जीत दर्ज की थी। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हुई, जिसके चलते उपचुनाव कराए गए। भाजपा ने इस बार संजीव शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। उनके खिलाफ सपा ने सिंहराज जाटव और बसपा ने पीएन गर्ग को मैदान में उतारा है।

कम वोटिंग का कारण

विशेषज्ञों का मानना है कि उपचुनाव में आमतौर पर मतदान कम होता है। गाजियाबाद में इसका प्रभाव और ज्यादा दिखा क्योंकि यह क्षेत्र कामकाजी लोगों का है। यहां के अधिकांश मतदाता छुट्टी के दिन भी मतदान के बजाय आराम करना या दिन को मनोरंजन के तौर पर बिताना पसंद करते हैं।

नतीजों का इंतजार

गाजियाबाद समेत नौ सीटों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित होंगे। देखना दिलचस्प होगा कि इस कम मतदान का असर चुनाव परिणामों पर कितना पड़ता है।

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इस शख्श को Vande Bharat में बैठाना पड़ा महंगा, 2870 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा

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उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पिता को अपने बेटे को Vande Bharat ट्रेन में बैठाने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे बंद हो गए, जिससे पिता को दिल्ली तक का सफर करना पड़ा और 2870 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन के दरवाजों को लेकर नई एडवाइजरी जारी की है।

कानपुर निवासी रामविलास यादव अपने बेटे को वंदे भारत एक्सप्रेस में बैठाने के लिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंचे। प्लेटफॉर्म नंबर एक पर वाराणसी-नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के कोच नंबर C-6 में बेटे को उसकी सीट पर बैठाने के दौरान ट्रेन के दरवाजे बंद होने का अलर्ट दिया गया। जब तक रामविलास यादव बाहर निकलते, ट्रेन का दरवाजा लॉक हो गया। इसके बाद चेकिंग स्टाफ ने उन्हें बिना टिकट यात्रा करने का आरोप लगाते हुए 2870 रुपये का जुर्माना वसूला। इसके अलावा, उन्हें बेवजह दिल्ली तक का सफर भी करना पड़ा, क्योंकि ट्रेन कानपुर के बाद सीधे नई दिल्ली तक जाती है।

जानकारी के अनुसार, कानपुर से नई दिल्ली के बीच वंदे भारत ट्रेन का किराया 1830 रुपये है, लेकिन जुर्माने के रूप में रामविलास को 1039 रुपये और चुकाने पड़े। इस घटना के बाद रेलवे ने वंदे भारत के दरवाजों के सुरक्षा फीचर्स को लेकर बयान जारी किया। रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेन में सेंसर वाले दरवाजे लगाए गए हैं, जो ट्रेन के चलने से पहले ही बंद हो जाते हैं। इसलिए, केवल वही लोग ट्रेन में चढ़ें जिन्हें यात्रा करनी है, और परिजनों को प्लेटफॉर्म पर ही रहना चाहिए, ट्रेन में नहीं चढ़ना चाहिए।

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सपा की चुनाव आयोग को चिट्ठी: मुस्लिम महिलाओं के बुर्के हटवाने पर रोक की अपील, Maulana Shahabuddin बरेलवी ने किया समर्थन

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समाजवादी पार्टी (सपा) ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखकर अपील की है कि पुलिस को मुस्लिम महिलाओं के बुर्के हटवाकर उनकी जांच करने से रोका जाए। सपा की इस अपील को बरेली से ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष Maulana Shahabuddin बरेलवी ने समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने जो मांग चुनाव आयोग से की है, वह पूरी तरह सही है।

Maulana Shahabuddin बरेलवी ने कहा, “अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर यह कहा है कि मुस्लिम महिलाओं के बुर्के न उतरवाए जाएं और उन्हें जांच के दौरान सहयोग दिया जाए। यह पत्र बिल्कुल सही लिखा गया है। पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों के दौरान कई जगहों पर मुस्लिम महिलाओं के बुर्के उतरवाए गए और पुरुषों ने उनकी जांच की। यह कानूनी रूप से गलत है।”

Maulana Shahabuddin ने सपा की चिट्ठी का समर्थन किया
Maulana Shahabuddin ने आगे कहा, “पूरी दुनिया जानती है कि बुर्का महिलाओं के लिए एक धार्मिक पहनावा है, जिसे वे पर्दे के लिए पहनती हैं। कुछ महिलाएं घूंघट भी करती हैं, इसलिए उनका सम्मान किया जाना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हर पोलिंग बूथ पर एक महिला कर्मचारी का इंतजाम किया जाए, जो महिलाओं की जांच कर सके। इस प्रक्रिया में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि सपा ने जो पत्र चुनाव आयोग को लिखा है, वह पूरी तरह सही है। उन्होंने अपने पत्र में जो चिंता व्यक्त की है, वह जायज है। मौलाना ने चुनाव आयोग से अपील की कि वे इस पर ध्यान दें और हर बूथ पर महिला कर्मी की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

सपा की मांग पर चुनाव आयोग ने जारी किया दिशा-निर्देश
सपा ने उपचुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर पुलिस द्वारा बुर्का हटवाकर महिलाओं की जांच करने की मांग की थी, जिससे मुस्लिम महिलाएं डर जाती हैं। सपा ने इस मुद्दे को पिछले लोकसभा चुनाव का उदाहरण देकर उठाया था।

इस पर चुनाव आयोग ने सभी पुलिस अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा कि मतदाता पहचान पत्र की जांच का अधिकार सिर्फ पीठासीन अधिकारी और उनकी टीम को है, पुलिस को वोटरों की पहचान नहीं पूछने का अधिकार नहीं है। पुलिस का काम केवल पोलिंग बूथ पर सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

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