Uttar Pradesh
Hardoi में भीषण ऑटो एक्सीडेंट, 6 महिलाओं समेत 10 की मौत
उत्तर प्रदेश स्थित Hardoi में एक बहुत ही दुखद कार दुर्घटना हुई। इस दुर्घटना में दस लोगों की जान चली गई, जिनमें से छह महिलाएँ थीं। ऐसा लगता है कि एक तेज़ रफ़्तार ट्रक ने एक छोटे वाहन ऑटो को टक्कर मार दी। दुख की बात है कि ऑटो में सवार सभी दस लोगों की मौत हो गई। पीड़ितों में तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं। जिस समय यह खबर शेयर की जा रही थी, तब तक मरने वालों के नाम पता नहीं चल पाए थे। यह दुर्घटना हीरापुर नामक गाँव में हुई।
रोशनपुर के पास एक सड़क पर एक बहुत ही भयानक कार दुर्घटना हुई। एक ऑटो (एक छोटा वाहन) नियंत्रण खो बैठा और अचानक एक बड़े ट्रक के सामने आ जाने के कारण पलट गया। पुलिस तुरंत सभी की मदद के लिए आई। दुख की बात है कि ऑटो में सवार सात लोगों की तुरंत मौत हो गई, और तीन और लोगों ने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया। ऑटो में सवार चार अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए। मरने वालों में पाँच महिलाएँ, दो लड़कियाँ, एक लड़का और दो पुरुष थे।
कुछ लोग घायल हो गए और उन्हें मदद के लिए बिलग्राम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। पुलिस को जब घटना की जानकारी मिली तो वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। दुर्घटना के बाद चालक और उसका सहायक भाग गए। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि मरने वाले लोग कौन हैं।
Hardoi में नीरज कुमार जादौन नामक पुलिस अधिकारी ने एक दुर्घटना के बारे में दुखद खबर साझा की। उन्होंने बताया कि एक छोटे वाहन ऑटो के एक बड़े ट्रक से टकराने से 6 महिलाओं समेत 10 लोगों की मौत हो गई। चार अन्य लोग घायल हुए हैं, लेकिन वे अब ठीक हैं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की जरूरत है। पुलिस को दोपहर के भोजन के समय दुर्घटना के बारे में पता चला और वे तुरंत सभी की मदद के लिए पहुंचे। उन्होंने घायल लोगों को अस्पताल पहुंचाया। दुर्भाग्य से, दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 6 महिलाएं, 3 बच्चे और 1 पुरुष शामिल हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि 4 घायल लोगों को कोई खतरा नहीं है।
पुलिस ने बताया कि कुछ लोग घायल हुए हैं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल भेजा जा रहा है। हम घायल हुए अन्य लोगों के परिवारों को बता रहे हैं कि क्या हुआ। पुलिस ने बड़ी गाड़ी के ड्राइवर को हिरासत में ले लिया है। हमें अभी भी नहीं पता कि ऑटो ड्राइवर कौन है, लेकिन ऑटो हमारे पास है। जब मैं उस जगह गया, जहाँ दुर्घटना हुई, तो लोगों ने बताया कि बड़ी गाड़ी मोटरसाइकिल से टकराने से बचने की कोशिश में ऑटो से टकरा गई। हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि दुर्घटना किस वजह से हुई। अभी हमारा मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना है कि घायलों को सर्वोत्तम संभव देखभाल मिले, ताकि वे ठीक हो सकें।
नेता, सीएम योगी आदित्यनाथ ने हरदोई में हुई एक दुखद कार दुर्घटना के बारे में बात की। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएँ साझा करते हुए कहा कि उन्हें उन लोगों के लिए बहुत दुख है, जिन्होंने अपनी जान गंवाई और वे उनके परिवारों के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों से कहा कि वे घायल लोगों की मदद करें और सुनिश्चित करें कि उन्हें सही चिकित्सा सेवा मिले। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि मरने वाले लोग शांतिपूर्ण जगह पर रहें और घायल जल्दी ठीक हो जाएँ।
Uttar Pradesh
Varanasi में परिवार की मर्डर मिस्ट्री उलझती चली जा रही, आखिर राजेंद्र गुप्ता ने खुद को कैसे मार ली 2-3 गोली?
Varanasi में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या कैसे हुई, इसका रहस्य समझना अब आसान नहीं रह गया है। सोशल मीडिया से लेकर स्थानीय चाय की दुकानों तक हर जगह इस दुखद घटना के बारे में चर्चा हो रही है। कई सवाल पूछे जा रहे हैं, जो पुलिस की पहले की सोच को बदल रहे हैं। पहले तो पुलिस को लगा कि गुप्ता परिवार की मां, दो बेटों और बेटी की हत्या करने वाला पिता राजेंद्र गुप्ता है। लेकिन वारदात के कुछ ही घंटों बाद उन्हें राजेंद्र का शव भी निर्माणाधीन इमारत में मिला। कई लोग हैरान हैं कि आखिर हुआ क्या था।
सबसे पहले तो वे जानना चाहते हैं कि राजेंद्र गुप्ता ने अपने परिवार को चोट पहुंचाने के बाद खुद को दो-तीन गोलियां कैसे मार लीं। दूसरे, वे इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि उनके परिवार के सभी लोग एक ही तरह से कैसे घायल हो गए। आखिर में, वे यह समझना चाहते हैं कि राजेंद्र घटना वाली जगह से 15 किलोमीटर दूर जाकर कैसे सो गया, अपनी शर्ट उतारी और मच्छरदानी का इस्तेमाल किया। चूंकि राजेंद्र लंबे समय से लापता था, इसलिए पुलिस को लगा कि उसने अपने परिवार की परेशानियों के चलते उसे चोट पहुंचाई होगी और फिर भाग गया होगा। उन्हें याद आया कि राजेंद्र पहले भी कुछ ऐसा ही कर चुका है।
1997 में उसने अपने भाई और भाभी को सोते समय चोट पहुंचाई क्योंकि उसे उनकी संपत्ति चाहिए थी। उसके बाद उसके अपने पिता ने उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया, लेकिन राजेंद्र ने अपने पिता को भी चोट पहुंचाने की धमकी दी थी। दुख की बात यह है कि जब वे अपने भाई के लिए एक विशेष समारोह आयोजित कर पाते, उससे ठीक पहले राजेंद्र के पिता को भी गोली मार दी गई। वहां मौजूद दो अन्य लोग भी घायल हो गए। हालांकि पुलिस ने राजेंद्र और उसके दोस्त को पकड़ लिया, लेकिन केस को ठीक से हैंडल न किए जाने के कारण वह सिर्फ एक साल जेल में रहा और उसके बाद उसने सारी संपत्ति अपने नाम कर ली। मंगलवार को कुछ बुरा होने के बाद पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता को उसके पड़ोस में बन रहे एक घर में पाया। उन्हें उसका शव बिस्तर पर मिला और वह खून से लथपथ था। पुलिस को लगा कि शायद राजेंद्र ने अपने परिवार को चोट पहुंचाई और फिर खुद को चोट पहुंचाने के लिए इस घर में आया। लेकिन चूंकि वह बिस्तर पर मिला था, इसलिए यह समझना मुश्किल था कि ऐसा क्यों हुआ।
Uttar Pradesh
डीएम के सामने भड़क उठे Rahul Gandhi, हेल्पलाइन नंबर 181 पर किया डायल, पर किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया
कांग्रेस के सदस्य और विपक्ष के नेता Rahul Gandhi ने रायबरेली में बचत भवन पर दिशा बैठक की, जहाँ वे काम करते हैं। बैठक के दौरान उन्होंने अपने फोन से सहायता नंबर 181 पर कॉल करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इससे वे परेशान हो गए और उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट से पूछा कि कोई फोन क्यों नहीं उठा रहा है। कांग्रेस के सदस्य राहुल गांधी ने रायबरेली का दौरा किया और हर्षिता माथुर से इस बारे में बात की कि क्षेत्र में महिलाएँ कितनी सुरक्षित हैं।
हर्षिता ने Rahul Gandhi को बताया कि महिलाएँ सुरक्षित हैं। यह जाँचने के लिए कि सहायता प्रणाली काम कर रही है या नहीं, राहुल ने मदद के लिए एक विशेष फ़ोन नंबर पर कॉल किया, लेकिन फ़ोन के काफ़ी देर तक बजने के बाद भी किसी ने जवाब नहीं दिया। फिर, उन्होंने हर्षिता से पूछा कि क्या सरकार को इसी तरह काम करना चाहिए। राहुल खुश नहीं हुए और उन्होंने सिस्टम की समस्याओं को इंगित करना सुनिश्चित किया। कांग्रेस के सदस्य राहुल गांधी पहली बार जिले की मदद करने के बारे में एक बैठक में गए थे। बैठक के दौरान डीएम हर्षिता माथुर ने लोगों की मदद करने और महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बात की।
उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से 30 सितंबर 2024 तक डायल 181 नामक विशेष फोन नंबर पर 74 समस्याएं बताई गईं और उन सभी का समाधान किया गया। कांग्रेस के सदस्य राहुल गांधी ने अपने क्षेत्र रायबरेली के डिग्री कॉलेज चौराहे पर शहीद चौक नामक एक नया चौक खोलकर देश के लिए अपनी जान देने वाले वीरों को सम्मानित किया। उन्होंने समुदाय के लोगों की मदद के लिए बनाई गई कुछ नई सड़कों का भी उद्घाटन किया। जिला अध्यक्ष पंकज तिवारी ने कहा कि दिशा के नेता राहुल गांधी ने महिलाओं को सुरक्षित रखने और उनके साथ सम्मान से पेश आने के बारे में बात करने के लिए एक विशेष फोन नंबर (181) पर कॉल करने की कोशिश की। लेकिन जब किसी ने फोन नहीं उठाया तो राहुल ने जिलाधिकारी से पूछा कि क्या सरकार इसी तरह मदद करने वाली है।
Uttar Pradesh
Raebareli आकार राहुल गांधी ने बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश की, न कोई जनसभा की. न कोई सियासी बयान दिया
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और उत्तर प्रदेश के Raebareli से सांसद राहुल गांधी हाल ही में अपने क्षेत्र में आए थे। कोई बड़ा भाषण देने या राजनीति पर बात करने के बजाय, वे सिर्फ़ एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम के तहत रायबरेली के लिए नई सड़कों की घोषणा की और फिर चले गए। राहुल के समर्थन दिखाने के इस अलग अंदाज़ से लोग हैरान रह गए।
राहुल गांधी महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के बारे में एक बैठक में गए थे। बैठक में, उनके बगल में दिनेश प्रताप सिंह नाम के एक सरकारी मंत्री बैठे थे। बैठक के दौरान, जिला प्रबंधक समझा रहे थे कि कैसे एक विशेष फ़ोन नंबर महिलाओं को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। राहुल ने उस नंबर पर कॉल करने का फ़ैसला किया, जो 181 था, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। इस वजह से, राहुल बहुत नाराज़ हो गए और कार्यक्रम को ठीक से काम न करने के लिए सरकार की आलोचना करने लगे।
जब राहुल गांधी अमेठी से सांसद थे, तो वे ज़्यादा कार्यक्रमों में नहीं जाते थे। लेकिन अब जब वे रायबरेली से जीत गए हैं, तो वे बेहतर प्रदर्शन करना चाहते हैं और ज़्यादा बार आना चाहते हैं। हाल ही में, एक युवा की दुखद हत्या के बाद वे रायबरेली आए थे, और फिर वे दिशा नामक एक बैठक में शामिल होने के लिए फिर से आए। हालांकि, उन्होंने आगामी चुनाव के बारे में अपनी टीम के साथ बैठक नहीं की। यह उनके राजनीतिक कार्य की योजना का हिस्सा हो सकता है। महाराष्ट्र और झारखंड नामक दो जगहों पर चुनाव हो रहे हैं, और राहुल गांधी वहां लोगों के साथ बैठकें कर रहे हैं। साथ ही, लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि वे अचानक यूपी नामक जगह क्यों गए, जबकि वायनाड में एक विशेष सीट के लिए चुनाव हो रहा है। वे सभी को दिखाना चाहते हैं कि वे लोगों के लिए महत्वपूर्ण छोटे-छोटे आयोजनों में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
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