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Punjab पंचायती राज नियम-1994 में संशोधन की कर ली तैयारी

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Punjab में पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बार चुनाव अलग होंगे, क्योंकि उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसके लिए पंजाब सरकार नियमों में बदलाव कर रही है। अगर यह नियम लागू होता है तो उम्मीदवार पार्टी के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बारे में अहम लोगों से बात की है और वे अगली कैबिनेट मीटिंग में इस पर चर्चा करने की तैयारी कर रहे हैं।

भगवंत मान चाहते हैं कि गांवों के चुनाव में राजनीतिक दलों के चिह्न हटाए जाएं, ताकि गांवों का विकास आसान हो और अलग-अलग राजनीतिक समूहों के बीच लड़ाई-झगड़े बंद हों। पंजाब सरकार पिछले एक हफ्ते से इस पर काम कर रही है। सरकार ने हाल ही में कहा था कि पंजाब में राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल कर चुनाव लड़े जा सकते हैं, लेकिन अब वे नियमों में बदलाव करना चाहते हैं, ताकि राजनीतिक दल गांव के फैसलों में ज्यादा दखल न दे सकें।

पंजाब चुनाव आयोग और कानूनी सलाहकार ने पंचायत चुनाव कराने के तरीके में बदलाव को मंजूरी दे दी है। ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग का मानना ​​है कि इन चुनावों में राजनीतिक दलों को शामिल करने से गांवों में समस्याएं और बढ़ जाती हैं। उनका मानना ​​है कि इससे पंचायतों में काम करवाना मुश्किल हो जाता है।

सरल शब्दों में कहें तो पंजाब सरकार स्थानीय ग्राम परिषदों के नियमों में कुछ बदलाव करने की योजना बना रही है। वे खेती का मौसम शुरू होने से पहले इन परिषदों के लिए चुनाव कराना चाहते हैं। पंजाब में ऐसी बहुत सी परिषदें हैं।

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