Uttar Pradesh
Aligarh जा रही ट्रेन में महिला से मनचलों ने की छेड़छाड़, आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की
दिल्ली से Aligarh जा रही एक महिला को ट्रेन में कुछ बदमाशों ने परेशान किया। जब वह अपने बचाव के लिए खड़ी हुई तो अलीगढ़ स्टेशन पर ट्रेन से उतरते ही उन लोगों ने उसके पति को पीटना शुरू कर दिया। महिला ने आसपास के लोगों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। जब उसके पति ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की तो वे भाग गए।
पुलिस ने एक व्यक्ति को पकड़ लिया है, जिसके बारे में उन्हें लगता है कि उसने कुछ गलत किया है, लेकिन बाकी लोग छिपे हुए हैं। जब अज्जू इशाक नामक एक नेता को इस बारे में पता चला तो वह अपनी टीम के साथ थाने गया और खूब शोर मचाया। पुलिस प्रमुख ने कहा कि उन्हें तुरंत सभी लोगों को पकड़ने की जरूरत है और उन्होंने पीड़ित व्यक्ति की बातों के आधार पर आधिकारिक मामला शुरू कर दिया है।
एक महिला देर रात दिल्ली से Aligarh की ट्रेन में यात्रा कर रही थी। जब वह ट्रेन में थी, तो छह लड़कों ने उसके साथ बुरा व्यवहार करना शुरू कर दिया। जब वह अपने बचाव के लिए खड़ी हुई तो वे लड़के ट्रेन के दूसरे हिस्से में चले गए। अलीगढ़ स्टेशन पर पहुंचने के बाद लड़कों ने उसके पति को बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया। महिला ने बताया कि वह अलीगढ़ में अपने साले की शादी के लिए खास ड्रेस लेने दिल्ली गई थी, इसलिए उसका बैग दिल्ली में ही था। समाजवादी पार्टी के नेता अज्जू इशाक ने एक ऐसी घटना के बारे में बताया जो उन्हें बहुत अनुचित लगती है। उन्होंने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री ने महिलाओं की मदद करने की अच्छी बातें कही हों, लेकिन थाने में जो हुआ वह इसके उलट था।
एक महिला ट्रेन में थी और कुछ लड़के उसे परेशान कर रहे थे। जब उसके पति ने उसका बचाव करने की कोशिश की तो लड़कों ने उसे ही चोट पहुंचाई। अज्जू इशाक चाहते हैं कि ऐसा करने वालों को उनके किए की सजा मिलनी चाहिए। जीआरपी थाने के प्रभारी शैलेंद्र कुमार यादव से जब घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जांच शुरू कर दी है क्योंकि एक महिला ने कुछ गलत होने की सूचना दी है। उन्होंने जीतू सिंह नाम के एक व्यक्ति को पकड़ा है जो आगरा के उस्मानपुर खंडौली में रहता है। इसमें तीन और लोग शामिल हैं, जिनमें महेश नाम का व्यक्ति भी शामिल है जो आगरा के सिंह कुबेरपुर में रहता है और वे पुलिस से छिप रहे हैं। पुलिस जल्द ही उन्हें ढूंढ लेगी।
Uttar Pradesh
Google Map की गलती से फिर हुआ हादसा, बरेली में कार नहर में गिरी
उत्तर प्रदेश के बरेली में Google Map का इस्तेमाल करते हुए एक और हादसा हुआ। इज्जतनगर थाना क्षेत्र में पीलीभीत रोड पर एक टाटा टियागो कार गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए कलापुर नहर में गिर गई। कार में तीन युवक सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और जेसीबी की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया।
गूगल मैप के निर्देशों पर भरोसा बना हादसे की वजह
औरैया निवासी दिव्यांशु अपने दोस्तों के साथ हरियाणा नंबर प्लेट वाली कार में पीलीभीत जा रहे थे। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान गूगल मैप का सहारा लिया। कलापुर नहर के पास बरकापुर तिराहे पर सड़क का कटान था, जिसे समय पर देख नहीं पाए, और कार नहर में पलट गई। गनीमत रही कि तीनों को कोई चोट नहीं आई। बाद में क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया।
एसपी सिटी ने दी जानकारी
एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि मंगलवार सुबह कानपुर से पीलीभीत जा रहे तीन लोग गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए गलत रास्ते पर चले गए, जिससे उनकी कार नहर में गिर गई। राहत की बात यह रही कि सभी सुरक्षित हैं, और कार को नहर से बाहर निकाल लिया गया है।
गूगल मैप के कारण पहले भी हुआ है हादसा
गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। 24 नवंबर को भी बरेली में गूगल मैप पर गलत रास्ता दिखाए जाने के कारण एक कार पुल से नीचे गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की जान चली गई थी। बदायूं के दातागंज से बरेली के फरीदपुर जाते समय यह घटना हुई। अधूरे पुल के कारण कार 20 फीट नीचे जा गिरी। जांच में सामने आया कि इस मामले में पीडब्ल्यूडी की गंभीर लापरवाही थी।
Uttar Pradesh
Agra: रेलवे स्टेशन पर मिली लावारिस नवजात, महिला सिपाही बनी ममता की मिसाल
मां की ममता वह करुणा है जो पत्थर को भी पिघला देती है। लेकिन कभी-कभी मानवता का ऐसा दृश्य सामने आता है, जो इस ममता पर सवाल खड़े कर देता है। Agra कैंट रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम को ऐसा ही एक हृदयविदारक मामला सामने आया, जब एक नवजात बच्ची को उसकी मां फर्श पर छोड़कर चली गई।
नवजात बच्ची वेटिंग रूम में मिली
रविवार शाम को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के सेकंड क्लास वेटिंग रूम में बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। यात्रियों ने तुरंत आरपीएफ को सूचित किया। दो महिला सिपाहियों ने नवजात को गर्म कपड़े में लपेटा और तत्काल इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज भेजा।
बच्ची की हालत नाजुक
चिकित्सकों ने बच्ची को एनआईसीयू में भर्ती किया। एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष, डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बच्ची को रक्त संक्रमण और ठंड लगने के कारण बुखार है। नाल काटी नहीं गई थी और वह गंदगी में पड़ी रही, जिससे संक्रमण हुआ। डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे की निगरानी में रखा है।
वॉशरूम में पड़ी मिली नवजात
आरपीएफ इंस्पेक्टर सुशील कुमार झा ने बताया कि रविवार शाम 5 बजे स्लीपर क्लास वेटिंग रूम के वॉशरूम में बच्ची के होने की सूचना मिली। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, लेकिन वॉशरूम कैमरे की सीमा में नहीं आता। यह स्पष्ट नहीं है कि बच्ची को कौन छोड़कर गया। वॉशरूम में प्रसव होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।
लोग अपनाने को तैयार
बाल कल्याण समिति, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, और स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है। बच्ची की देखभाल वर्तमान में आरपीएफ की महिला सिपाही गीता कश्यप कर रही हैं। अस्पताल में बच्ची की खबर फैलने के बाद, कई महिलाएं उसे गोद लेने की इच्छा जता रही हैं और प्रार्थना पत्र भी दे चुकी हैं।
यह घटना मानवता और ममता पर एक गहरा सवाल छोड़ती है, लेकिन साथ ही, समाज के उन संवेदनशील लोगों की उपस्थिति भी दिखाती है, जो ऐसे बच्चों को अपनाने के लिए तैयार हैं।
Uttar Pradesh
Badaun की जामा मस्जिद शम्सी को लेकर आज कोर्ट में अहम सुनवाई, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
Badaun की जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ महादेव मामले में आज जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। हिंदू नेता मुकेश पटेल ने 2022 में दावा किया था कि इस मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर तोड़कर बनाया गया है। आज कोर्ट यह तय करेगा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने वाली सुनवाई में पहले मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश करेगा। इससे पहले सरकारी वकील और पुरातत्व विभाग ने अपनी बहस पूरी कर ली है। पुरातत्व विभाग ने इस स्थल को अपनी संपत्ति बताया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
मस्जिद या मंदिर: दोनों पक्षों की दलीलें
हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद से पहले वहां नीलकंठ महादेव मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस मस्जिद का निर्माण सूफी संत शमशुद्दीन अल्तमश ने करवाया था और यहां कभी भी मंदिर होने के कोई सबूत नहीं मिले।
मामले में प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 का भी हवाला दिया जा रहा है। इस एक्ट के तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति को 1947 की स्थिति के अनुसार बनाए रखने का प्रावधान है।
संभल की मस्जिद पर भी विवाद
इससे पहले यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद बढ़ा था। 24 नवंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। सपा ने इसे सरकार की साजिश बताया है।आज की सुनवाई के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इससे मामले की आगे की दिशा तय होगी।
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