Uttar Pradesh
महामना के पुत्र न्यायमूर्ति Giridhar Malviya का निधन, देश ने खोया एक महान समाजसेवी
भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पुत्र और प्रयागराज के रिटायर्ड न्यायमूर्ति Giridhar Malviya का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने सोमवार सुबह 6:30 बजे प्रयागराज के जॉर्ज टाउन स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। गिरिधर मालवीय लंबे समय से बीमार थे और हाल ही में स्वास्थ्य कारणों से सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए हुए थे।
समर्पित जीवन
Giridhar Malviya न्याय के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ने के साथ-साथ समाज सेवा, शिक्षा और राष्ट्रभक्ति के लिए समर्पित थे। उनके व्यक्तित्व ने विद्वता और सेवा के आदर्शों को साकार किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रस्तावक की भूमिका निभाई थी, जिससे उनकी सामाजिक और राजनीतिक सहभागिता का परिचय मिलता है।
डेप्युटी सीएम ने व्यक्त की शोक संवेदना
उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने सोशल मीडिया पर अपने शोक संदेश में लिखा:
“गिरिधर मालवीय जी का पूरा जीवन विद्वता, राष्ट्रसेवा और समाज कल्याण के लिए समर्पित रहा। उनके निधन से देश ने एक ऐसा महान राष्ट्रभक्त और समाजसेवी खो दिया है, जो शिक्षा और सेवा के मूल्यों का प्रतीक थे।”
दीर्घकालिक बीमारी के बाद निधन
गिरिधर मालवीय बीते कुछ महीनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। हाल ही में आयोजित बीएचयू दीक्षांत समारोह में वे व्हीलचेयर पर आए थे। उनका निधन न केवल मालवीय परिवार बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
पारिवारिक धरोहर और योगदान
महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के पुत्र होने के नाते गिरिधर मालवीय ने शिक्षा, संस्कृति, और समाजसेवा में अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया। न्यायमूर्ति के रूप में उन्होंने अपने फैसलों और कर्तव्यों से न्यायपालिका में उच्च आदर्श स्थापित किए।