Connect with us

Uttar Pradesh

Uttar Pradesh में पलटी स्कूली बच्चों से भरी बस, पांच बच्चे हुए घायल

Published

on

Uttar Pradesh के महाराजगंज पर एक बहुत ही भयानक दुर्घटना हुई। सुबह-सुबह बहुत सी छात्राओं को ले जा रही एक बस पलट गई। इस दुर्घटना में पाँच बच्चे घायल हो गए। दुर्घटना के बाद, बहुत तेज़ आवाज़ें आईं और आस-पास के लोगों ने बच्चों को बाहर निकालने के लिए बस की खिड़कियाँ तोड़कर मदद की। कुछ बच्चे बुरी तरह से घायल हो गए, जबकि अन्य को मामूली चोटें आईं। सौभाग्य से, दुर्घटना में किसी की मृत्यु नहीं हुई।

आज सुबह, एक स्कूल की छात्राओं को ले जा रही एक बस नियंत्रण खोकर पुल के पास पलट गई। यह बैरिया नामक स्थान पर हुआ। दुर्घटना में पाँच लड़कियाँ घायल हो गईं। उनमें से एक को बहुत गंभीर चोट लगी है और उसे मदद के लिए विशेष अस्पताल ले जाया गया है, जबकि अन्य चार को मामूली चोटें आई हैं। यह दुर्घटना इसलिए हुई क्योंकि बहुत अधिक कोहरा था, जिससे देखना मुश्किल हो गया था।

जब पुलिस को दुर्घटना के बारे में पता चला, तो वे तुरंत उस स्थान पर पहुँचे जहाँ यह दुर्घटना हुई थी। छात्राओं के कई माता-पिता भी पहुँचे और अपनी बेटियों को घर ले गए। अन्य छात्राओं को भी सुरक्षित उनके घर वापस भेज दिया गया। जब यह सब हो रहा था, तो पुलिस ने जाँच शुरू कर दी कि क्या हुआ था। उन्हें पता चला कि बस को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं थी क्योंकि उसके पास वर्तमान लाइसेंस नहीं था और उसकी फिटनेस जांच समाप्त हो चुकी थी। एआरटीओ विनय कुमार नाम के एक व्यक्ति ने बताया कि बस गोरखपुर में पंजीकृत थी, लेकिन इसका पंजीकरण बहुत पहले रद्द कर दिया गया था।

वे अब स्थिति को संभालने के लिए और कदम उठा रहे हैं। पिछले चार दिनों से कुछ लोग परेशान हैं और विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) नामक एक समूह द्वारा लिए गए निर्णय पसंद नहीं हैं। चौथे दिन, वे चिल्ला रहे थे और पुलिस के साथ उनकी बड़ी बहस हुई। कुछ बैरियर गिरा दिए गए, और वहाँ अभी भी हालात थोड़े अजीब हैं। अब, जो कुछ हो रहा है उसमें कुछ राजनेता भी शामिल हो रहे हैं।

author avatar
Editor Two

Uttar Pradesh

Google Map की गलती से फिर हुआ हादसा, बरेली में कार नहर में गिरी

Published

on

उत्तर प्रदेश के बरेली में Google Map का इस्तेमाल करते हुए एक और हादसा हुआ। इज्जतनगर थाना क्षेत्र में पीलीभीत रोड पर एक टाटा टियागो कार गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए कलापुर नहर में गिर गई। कार में तीन युवक सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और जेसीबी की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला गया।

गूगल मैप के निर्देशों पर भरोसा बना हादसे की वजह

औरैया निवासी दिव्यांशु अपने दोस्तों के साथ हरियाणा नंबर प्लेट वाली कार में पीलीभीत जा रहे थे। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान गूगल मैप का सहारा लिया। कलापुर नहर के पास बरकापुर तिराहे पर सड़क का कटान था, जिसे समय पर देख नहीं पाए, और कार नहर में पलट गई। गनीमत रही कि तीनों को कोई चोट नहीं आई। बाद में क्रेन की मदद से कार को बाहर निकाला गया।

एसपी सिटी ने दी जानकारी

एसपी सिटी मानुष पारिक ने बताया कि मंगलवार सुबह कानपुर से पीलीभीत जा रहे तीन लोग गूगल मैप के निर्देशों का पालन करते हुए गलत रास्ते पर चले गए, जिससे उनकी कार नहर में गिर गई। राहत की बात यह रही कि सभी सुरक्षित हैं, और कार को नहर से बाहर निकाल लिया गया है।

गूगल मैप के कारण पहले भी हुआ है हादसा

गौरतलब है कि यह पहली घटना नहीं है। 24 नवंबर को भी बरेली में गूगल मैप पर गलत रास्ता दिखाए जाने के कारण एक कार पुल से नीचे गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की जान चली गई थी। बदायूं के दातागंज से बरेली के फरीदपुर जाते समय यह घटना हुई। अधूरे पुल के कारण कार 20 फीट नीचे जा गिरी। जांच में सामने आया कि इस मामले में पीडब्ल्यूडी की गंभीर लापरवाही थी।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Uttar Pradesh

Agra: रेलवे स्टेशन पर मिली लावारिस नवजात, महिला सिपाही बनी ममता की मिसाल

Published

on

मां की ममता वह करुणा है जो पत्थर को भी पिघला देती है। लेकिन कभी-कभी मानवता का ऐसा दृश्य सामने आता है, जो इस ममता पर सवाल खड़े कर देता है। Agra कैंट रेलवे स्टेशन पर रविवार शाम को ऐसा ही एक हृदयविदारक मामला सामने आया, जब एक नवजात बच्ची को उसकी मां फर्श पर छोड़कर चली गई।

नवजात बच्ची वेटिंग रूम में मिली

रविवार शाम को आगरा कैंट रेलवे स्टेशन के सेकंड क्लास वेटिंग रूम में बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। यात्रियों ने तुरंत आरपीएफ को सूचित किया। दो महिला सिपाहियों ने नवजात को गर्म कपड़े में लपेटा और तत्काल इलाज के लिए एसएन मेडिकल कॉलेज भेजा।

बच्ची की हालत नाजुक

चिकित्सकों ने बच्ची को एनआईसीयू में भर्ती किया। एसएन मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के अध्यक्ष, डॉ. नीरज यादव ने बताया कि बच्ची को रक्त संक्रमण और ठंड लगने के कारण बुखार है। नाल काटी नहीं गई थी और वह गंदगी में पड़ी रही, जिससे संक्रमण हुआ। डॉक्टरों ने उसे 48 घंटे की निगरानी में रखा है।

वॉशरूम में पड़ी मिली नवजात

आरपीएफ इंस्पेक्टर सुशील कुमार झा ने बताया कि रविवार शाम 5 बजे स्लीपर क्लास वेटिंग रूम के वॉशरूम में बच्ची के होने की सूचना मिली। सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है, लेकिन वॉशरूम कैमरे की सीमा में नहीं आता। यह स्पष्ट नहीं है कि बच्ची को कौन छोड़कर गया। वॉशरूम में प्रसव होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं।

लोग अपनाने को तैयार

बाल कल्याण समिति, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, और स्थानीय पुलिस को मामले की जानकारी दी गई है। बच्ची की देखभाल वर्तमान में आरपीएफ की महिला सिपाही गीता कश्यप कर रही हैं। अस्पताल में बच्ची की खबर फैलने के बाद, कई महिलाएं उसे गोद लेने की इच्छा जता रही हैं और प्रार्थना पत्र भी दे चुकी हैं।

यह घटना मानवता और ममता पर एक गहरा सवाल छोड़ती है, लेकिन साथ ही, समाज के उन संवेदनशील लोगों की उपस्थिति भी दिखाती है, जो ऐसे बच्चों को अपनाने के लिए तैयार हैं।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Uttar Pradesh

Badaun की जामा मस्जिद शम्सी को लेकर आज कोर्ट में अहम सुनवाई, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

Published

on

Badaun की जामा मस्जिद शम्सी बनाम नीलकंठ महादेव मामले में आज जिला कोर्ट में सुनवाई होगी। हिंदू नेता मुकेश पटेल ने 2022 में दावा किया था कि इस मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर तोड़कर बनाया गया है। आज कोर्ट यह तय करेगा कि यह मामला सुनवाई के योग्य है या नहीं।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने वाली सुनवाई में पहले मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश करेगा। इससे पहले सरकारी वकील और पुरातत्व विभाग ने अपनी बहस पूरी कर ली है। पुरातत्व विभाग ने इस स्थल को अपनी संपत्ति बताया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कोर्ट परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

मस्जिद या मंदिर: दोनों पक्षों की दलीलें
हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद से पहले वहां नीलकंठ महादेव मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि इस मस्जिद का निर्माण सूफी संत शमशुद्दीन अल्तमश ने करवाया था और यहां कभी भी मंदिर होने के कोई सबूत नहीं मिले।

मामले में प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 का भी हवाला दिया जा रहा है। इस एक्ट के तहत धार्मिक स्थलों की स्थिति को 1947 की स्थिति के अनुसार बनाए रखने का प्रावधान है।

संभल की मस्जिद पर भी विवाद
इससे पहले यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर विवाद बढ़ा था। 24 नवंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। सपा ने इसे सरकार की साजिश बताया है।आज की सुनवाई के फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। इससे मामले की आगे की दिशा तय होगी।

author avatar
Editor Two
Continue Reading

Trending