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Ghunghrali गांव के बायोगैस संयंत्र मुद्दे पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री मान से की मुलाकात

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लुधियाना जिले के Ghunghrali गांव के निवासियों ने आज पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात कर बायोगैस संयंत्र से जुड़े मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने के लिए उनका धन्यवाद किया। ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हरदीप सिंह और नवनिर्वाचित सरपंच अमृतपाल सिंह ने किया। यह मुलाकात पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री के कार्यालय में हुई।

मुख्यमंत्री का आश्वासन

इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बायोगैस संयंत्र पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगा। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार पंजाब में प्रदूषण रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी नियम का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना की नियमित निगरानी के लिए सभी पक्षों की भागीदारी के साथ एक निगरानी समिति गठित की जाएगी।

सख्त पर्यावरण मानकों का पालन

भगवंत सिंह मान ने बताया कि प्लांट मालिकों ने राज्य सरकार के साथ एक लिखित समझौता किया है, जिसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि संयंत्र सभी पर्यावरणीय मानकों का पालन करेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड संयंत्र के संचालन पर कड़ी नजर रखेगा ताकि किसी भी प्रकार का उल्लंघन न हो। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण मानकों का कोई भी उल्लंघन पूरी तरह अस्वीकार्य होगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीणों की भूमिका और सहयोग

मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों के सकारात्मक दृष्टिकोण और सरकार के साथ सहयोग की सराहना की। उन्होंने इसे एक नई मिसाल करार देते हुए कहा कि सरकार ग्रामीणों की हर जायज मांग को स्वीकार करेगी।

विकास की घोषणाएं

भगवंत सिंह मान ने गांव के विकास को ध्यान में रखते हुए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:

खेल नर्सरी की स्थापना: युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाने के लिए अत्याधुनिक खेल नर्सरी की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

हाईटेक लाइब्रेरी: गांव में उच्च तकनीक वाली लाइब्रेरी की स्थापना की जाएगी।

ग्रामीणों की मांगों पर विचार: मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि गांव से संबंधित सभी जायज मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी।

Ghunghrali गांव के बायोगैस संयंत्र को लेकर उठे विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की दिशा में यह बैठक एक सकारात्मक कदम है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण विकास के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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Punjab सरकार की “जीवनजोत परियोजना” से बाल भिक्षावृत्ति के उन्मूलन की पहल

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Punjab सरकार बाल भिक्षावृत्ति जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा “जीवनजोत परियोजना” चलाई जा रही है। इस योजना का मकसद बाल भिखारियों को बचाना, उनका पुनर्वास करना और उन्हें शोषण-मुक्त जीवन जीने का अवसर प्रदान करना है। यह जानकारी पंजाब की कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने साझा की।

बाल भिक्षावृत्ति के उन्मूलन की दिशा में अभियान

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जीवनजोत परियोजना के तहत पूरे राज्य में एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के बचपन को सुरक्षित बनाना और उन्हें बेहतर भविष्य की ओर प्रेरित करना है। यह अभियान हर माह के दूसरे सप्ताह में आयोजित किया जाता है।

अभियान के तहत अब तक की उपलब्धियां

डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि जुलाई से अब तक इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न जिलों में 187 बच्चों को बचाया गया है। इनमें से:

18 बच्चों को आश्रय की कमी के कारण राज्य द्वारा संचालित बाल गृहों में भेजा गया, जहां उन्हें शिक्षा, भोजन और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

बाकी बच्चों को बाल कल्याण समिति की देखरेख में उनके माता-पिता को सौंपा गया।

80 बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया जा रहा है।

03 बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में दाखिला दिलाया गया।

किशोर न्याय अधिनियम के तहत सुविधाएं

मंत्री ने बताया कि राज्य में किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत 07 सरकारी और 39 पंजीकृत गैर-सरकारी बाल गृह संचालित किए जा रहे हैं। इन संस्थानों में अनाथ, निराश्रित और शोषित बच्चों को आश्रय, शिक्षा और संरक्षण प्रदान किया जा रहा है।

नागरिकों से अपील

कैबिनेट मंत्री ने जनता से अपील की कि यदि उनके आसपास बाल भिक्षावृत्ति से संबंधित कोई मामला नजर आए, तो इसकी सूचना तुरंत:

जिला बाल संरक्षण इकाई

बाल कल्याण समिति

चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098
पर दें। यह सभी प्रयास बच्चों को उनके अधिकारों और एक सुरक्षित जीवन की ओर वापस लाने में मदद करेंगे।

डॉ. बलजीत कौर ने दोहराया कि पंजाब सरकार राज्य में बाल भिक्षावृत्ति को पूरी तरह खत्म करने और बच्चों को एक उज्ज्वल भविष्य देने के लिए प्रतिबद्ध है। “जीवनजोत परियोजना” इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों को उनकी खोई मुस्कान वापस दिलाने का प्रयास कर रही है।

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Doonewala में भारत माला प्रोजेक्ट विवाद, किसानों और प्रशासन के बीच बढ़ा तनाव

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बठिंडा के गांव Doonewala में भारत माला प्रोजेक्ट अब विवाद का रूप ले चुका है। जमीन पर कब्जे को लेकर किसानों और पंजाब पुलिस के बीच तनातनी जारी है। दोनों पक्ष जमीन के अधिकार पर अड़े हुए हैं। कल हुई झड़प के बाद जहां किसान धरने पर डटे हुए हैं, वहीं भारी पुलिस बल स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए तैनात है। ताजा जानकारी के अनुसार, मामले के समाधान के लिए आज किसानों और प्रशासन के बीच बैठक हो सकती है।

किसानों की मांग

गांव Doonewala के किसानों का कहना है कि उन्हें भी उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए, जैसे अन्य किसानों को दिया गया है। किसानों ने आरोप लगाया है कि प्रशासन ने पुलिस बल के सहारे उनकी जमीन का अधिग्रहण कर लिया। इस अधिग्रहण के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन किया, जिसके दौरान पुलिस और किसानों के बीच तीखी झड़प हुई। इस झड़प में कई किसान और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

किसानों पर मामले दर्ज

शनिवार को हुई झड़प के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 12 प्रमुख किसान नेताओं सहित 250 से 300 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। संगत मंडी थाने में भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के जोगिंदर सिंह उगराहां, झंडा सिंह जेठूके, शिंगारा सिंह मान, हरजिंदर सिंह बग्गी, हरजिंदर सिंह घराचों और अजीपाल घुड़ा के नाम शामिल हैं।

किसानों में रोष

पुलिस की कार्रवाई, लाठीचार्ज, और आंसू गैस के इस्तेमाल को लेकर किसानों में गहरा आक्रोश है। इसके जवाब में भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने आज एक बड़ी सभा आयोजित करने और विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

प्रशासन की तैयारी

किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। दूसरे जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

समाधान की कोशिशें

हालांकि, कल की झड़प के बाद आज दोनों पक्षों के बीच बातचीत की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन का कहना है कि वे किसानों के साथ बैठकर मामले का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करेंगे।

भारत माला प्रोजेक्ट को लेकर दूनेवाला में जमीन विवाद गहराता जा रहा है। जहां एक तरफ किसान मुआवजे की मांग को लेकर डटे हैं, वहीं पुलिस और प्रशासन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती बरत रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बातचीत से इस विवाद का कोई समाधान निकलता है या नहीं।

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Punjab के इन जिलों में कोहरे का असर, प्रदूषण के चलते बिगड़ रहा मौसम, जानिए कब बढ़ेगी ठंड?

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Punjab में कोहरे का असर अभी भी कई हिस्सों में देखा जा सकता है। मौजूदा मौसम परिस्थितियों के चलते अगले एक सप्ताह में प्रदेश के विभिन्न शहरों का तापमान 2-3 डिग्री तक गिरने की संभावना है। पश्चिमी हिमालय में सक्रिय हुए एक पश्चिमी विक्षोभ के कारण आने वाले दिनों में पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। अगर ऐसा हुआ, तो निचले इलाकों में ठंड और बढ़ेगी। हालांकि, फिलहाल इसका प्रभाव अधिक नहीं दिख रहा है।

मौसम पूर्वानुमान और कोहरे का प्रभाव

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, आज Punjab के सात जिलों – अमृतसर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला – में कोहरे का प्रभाव रहेगा। दोपहर के समय आसमान साफ रहने की संभावना है। वहीं, चंडीगढ़ में कोहरे को लेकर कोई विशेष अलर्ट जारी नहीं किया गया है। साथ ही, नवंबर के अंत तक पंजाब में बारिश की कोई संभावना नहीं है, जिससे ठंड शुष्क बनी रहेगी।

प्रदूषण की स्थिति

चंडीगढ़ में प्रदूषण का स्तर लगातार कम हो रहा है। यहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से नीचे दर्ज किया गया, जबकि हाल ही में यह 300 से अधिक था। इसके विपरीत, पंजाब के 5 जिलों में प्रदूषण का स्तर अभी भी चिंताजनक बना हुआ है। पटियाला सबसे प्रदूषित शहर है, जहां AQI 250 दर्ज किया गया। लुधियाना (245), अमृतसर (241), मंडी गोबिंदगढ़ (240), और जालंधर (234) में भी प्रदूषण का स्तर अधिक है।

प्रमुख शहरों का तापमान

चंडीगढ़: हल्के कोहरे का अलर्ट; दोपहर में धूप। तापमान 10 से 27 डिग्री के बीच।

अमृतसर: कोहरे का अलर्ट। तापमान 12 से 26 डिग्री।

जालंधर: हल्के कोहरे का अलर्ट। तापमान 10 से 25 डिग्री।

लुधियाना: हल्के कोहरे का अलर्ट। तापमान 11 से 26 डिग्री।

पटियाला: हल्के कोहरे का अलर्ट। तापमान 11 से 27 डिग्री।

मोहाली: हल्के कोहरे का अलर्ट; दोपहर में धूप। तापमान 12 से 26 डिग्री।

निष्कर्ष: पंजाब में कोहरे और ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। प्रदूषण की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है, खासकर पटियाला जैसे शहरों में। नवंबर के अंत तक बारिश की संभावना नहीं होने के कारण ठंड और प्रदूषण दोनों का प्रभाव बरकरार रह सकता है।

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