Punjab
Punjab के स्वास्थ्य मंत्री ने ‘सिरजन’ ऐप लॉन्च किया, मातृ मृत्यु दर घटाने की पहल
Punjab के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म, मोबाइल ऐप “सिरजन” लॉन्च किया। इस ऐप का उद्देश्य गर्भावस्था, प्रसव और जन्म के बाद की देखभाल को अधिक प्रभावी और सटीक बनाना है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक-सह-विशेष सचिव घनश्याम थोरी, परिवार कल्याण निदेशक डॉ. जसमिंदर कौर, और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य प्रभाग की उप निदेशक डॉ. नवजोत भी मौजूद थीं।
सिरजन ऐप को बॉर्न हेल्दी प्रोग्राम के तहत जपाइगो के सहयोग से विकसित किया गया है। यह ऐप सहायक नर्स मिडवाइव्स (एएनएम) और चिकित्सा अधिकारियों को उच्च जोखिम वाली गर्भधारण की पहचान, ट्रैकिंग और प्रबंधन में मदद करेगा। यह ब्लूटूथ के माध्यम से डिजिटल उपकरणों से जुड़कर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़े स्वचालित रूप से ऐप में अपडेट करता है, जिससे मैन्युअल प्रविष्टि की आवश्यकता नहीं रहती।
ऐप की प्रमुख विशेषताएं:
उच्च जोखिम वाले गर्भधारण की पहचान: ऐप गर्भावस्था के दौरान संभावित खतरों की पहचान कर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सूचित निर्णय लेने में मदद करता है।
निरंतर देखभाल: गर्भावस्था से प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है।
डैशबोर्ड और कार्य योजना: एमसीपी कार्ड और डैशबोर्ड तैयार करके देखभाल को व्यवस्थित करता है।
डिजिटल रिकॉर्डिंग: लेबर रूम में आवश्यक जानकारी ऐप पर दर्ज की जा सकती है, जिससे मरीजों को समय पर उपचार और सहायता मिलती है।
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि यह पहल पंजाब में मातृ मृत्यु दर को कम करने और नवजात शिशुओं के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि ऐप की शुरुआत तरनतारन और गुरदासपुर जिलों से की जाएगी, और इसके परिणामों के आधार पर इसे अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा।
इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य गर्भवती माताओं के लिए स्वास्थ्य प्रक्रियाओं में सुधार करके कम वजन वाले शिशुओं की संख्या को 10 प्रतिशत तक कम करना है। सिरजन ऐप का लॉन्च मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
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Jalandhar: एक्साइज विभाग ने 23 शराब ठेकों को किया सील, नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई
Jalandhar में एक्साइज विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए परागपुर ग्रुप से जुड़े अमरीक सिंह बाजवा ग्रुप के 23 शराब ठेकों को सील कर दिया है। यह कदम नियमों के गंभीर उल्लंघन के चलते उठाया गया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई फिलहाल जारी रह सकती है, और अगले दो दिनों तक ये ठेके सील रह सकते हैं।
नियम उल्लंघन पर सख्त कदम
सूत्रों के मुताबिक, इन ठेकों पर शराब के कार्टन की बिक्री का मामला सामने आया था, जो नियमानुसार पूरी तरह से प्रतिबंधित है। जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे ग्रुप के 23 ठेकों को बंद कर सील कर दिया।
लाखों का जुर्माना संभावित
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई के तहत ग्रुप पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इस मामले में आगे की जांच जारी है, और किसी भी तरह की लापरवाही पर सख्त कदम उठाने के संकेत दिए गए हैं।
लंबे समय तक बंद रह सकते हैं ठेके
जानकारी के अनुसार, सील किए गए ठेके आने वाले दिनों में भी बंद रह सकते हैं। विभाग इस बात की जांच कर रहा है कि क्या अन्य ठेकों में भी नियमों का उल्लंघन हुआ है।
यह कार्रवाई यह साबित करती है कि नियमों की अनदेखी पर विभाग कोई ढील नहीं देगा। इस कदम से अन्य ठेका मालिकों को भी सख्त संदेश गया है कि नियमों का पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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Sukhbir Badal पर हमले की साजिश नाकाम, पंजाब पुलिस ने दिखाई सतर्कता
पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष Sukhbir Badal पर आज अमृतसर में श्री दरबार साहिब के बाहर जानलेवा हमला किया गया। राहत की बात यह है कि इस हमले में सुखबीर सिंह बादल बाल-बाल बच गए।
फायरिंग और गिरफ्तारी
घटना के दौरान हमलावर ने गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन पंजाब पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता के चलते सुखबीर सिंह बादल सुरक्षित रहे।
हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है, जो डेरा बाबा नानक के निवासी हैं। हमलावर को मौके पर ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
श्री हरमंदिर साहिब में दर्शन करने के दौरान सुखबीर सिंह बादल के लिए पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। हमलावर ने कथित तौर पर कहा कि उसने हमला इसलिए किया क्योंकि सुखबीर बादल ने “सारे अपराध कबूल कर लिए” हैं। पंजाब पुलिस की सतर्कता ने इस हमले को नाकाम कर दिया।
हमले की साजिश: श्री दरबार साहिब के पवित्र परिसर में ऐसा हमला, पंजाब के हालात खराब करने की साजिश मानी जा रही है।
सुरक्षा की तारीफ: पुलिस की तेजी और सुरक्षा प्रबंधों की बदौलत सुखबीर बादल और वहां मौजूद अन्य श्रद्धालु सुरक्षित रहे।
घटना के समय सुखबीर सिंह बादल श्री हरमंदिर साहिब में सेवा कर रहे थे। वह पहले ही श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा तनखैया घोषित किए जा चुके हैं, जिससे उनकी उपस्थिति पहले से ही चर्चा में थी। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जानकारी में हमले के पीछे व्यक्तिगत कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन इसके पीछे किसी संगठन या साजिश की संभावना से भी इनकार नहीं किया गया है।
पंजाब पुलिस ने अपनी सतर्कता से बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। उम्मीद है कि जांच से इस हमले की असल वजह जल्द सामने आएगी।
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उत्तर भारत में वायु प्रदूषण पर Raghav Chadha का बयान, किसानों को अपराधी ठहराना बंद करें, ठोस समाधान अपनाएं
आम आदमी पार्टी के सांसद Raghav Chadha ने आज संसद में उत्तर भारत में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि यह समस्या सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है, बल्कि भागलपुर, मुजफ्फरनगर, नोएडा, आगरा, फरीदाबाद जैसे शहरों में भी हालात खराब हैं।
किसानों को दोष देना अनुचित
राघव चड्ढा ने पराली जलाने के मुद्दे पर किसानों को अपराधी ठहराने की प्रवृत्ति की आलोचना की। उन्होंने कहा:
“पूरे साल किसान हमारे अन्नदाता कहे जाते हैं, लेकिन पराली जलाने के समय उन्हें अपराधी बना दिया जाता है।”उन्होंने IIT की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वायु प्रदूषण के कई कारण हैं और पराली जलाना उनमें से केवल एक है। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 70% की कमी आई है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि हुई है।
किसानों की समस्याओं पर प्रकाश
चड्ढा ने बताया कि धान की फसल कटाई के बाद किसानों के पास केवल 10-12 दिन होते हैं, जिसमें उन्हें खेत खाली कर अगली फसल बोनी पड़ती है। हैप्पी सीडर और पैडी चॉपर जैसी मशीनें महंगी हैं, जिनका खर्च प्रति एकड़ 2000 रुपये तक आता है। छोटे किसानों के पास यह खर्च उठाने के लिए संसाधन नहीं हैं। उन्होंने कहा, “कोई भी किसान खुशी से पराली नहीं जलाता। पराली जलाने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों और उनके परिवारों को होता है।”
सांसद चड्ढा ने पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान सुझाए:
2500 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
2000 रुपये केंद्र सरकार से
500 रुपये राज्य सरकार से
बायोडीकंपोजर और मशीनों पर सब्सिडी दी जाए।
किसानों को नए कृषि तरीकों के लिए प्रशिक्षित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह मुआवजा किसानों को पराली जलाने से रोकने में मदद करेगा और वायु प्रदूषण में कमी लाएगा।
फसल विविधीकरण की जरूरत
राघव चड्ढा ने फसल विविधीकरण (Crop Diversification) को दीर्घकालिक समाधान बताया। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों को धान की खेती से हटकर मक्का, दालें, तिलहन, और कपास जैसी फसलों पर ध्यान देना चाहिए। धान की खेती से जलस्तर नीचे जा रहा है और मिट्टी खराब हो रही है।
वायु प्रदूषण सीमाओं से परे समस्या
सांसद चड्ढा ने कहा कि वायु प्रदूषण किसी एक राज्य की समस्या नहीं है।
“प्रदूषण सीमाओं को नहीं जानता। इसे नियंत्रित करने के लिए सभी राज्यों को मिलकर काम करना होगा।”
जागरूकता और सहयोग की जरूरत
उन्होंने सरकार से अपील की AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) पर ध्यान दें। किसानों को जागरूक करें और सहायता दें, केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर प्रदूषण नियंत्रण के ठोस प्रयास करें।
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