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कैलाश चौधरी का आरोप- कांग्रेस के लोगों ने पहले महात्मा गांधी का नाम चुराया
नई दिल्लीः विपक्षी गठबंधन के अपना नाम ‘इंडिया’ रखने का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने शनिवार को आरोप लगाया कि ‘कांग्रेस के लोगों’ ने पहले महात्मा गांधी का ‘नाम चुराया’, उसके बाद ‘कांग्रेस’ नाम चुरा लिया, जिसका गठन मूल रूप से देश को आजादी दिलाने के लिए किया गया था। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री चौधरी यहां भाजपा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
गांधी को चुराकर वे गांधीजी जैसा बनना चाहते हैं
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने इंडिया नाम रख लिया है। लेकिन, नाम चुराने का यह काम वह आज से नहीं कर रहे हैं। यदि उन्होंने सबसे पहले नाम चुराने का यह काम किया था, तो कांग्रेस के लोगों ने सबसे पहले महात्मा गांधी जी का नाम चुराया था। आज यह राहुल गांधी, सोनिया गांधी है। गांधी को चुराकर वे गांधीजी जैसा बनना चाहते हैं। उसी तरह वे इंडिया नाम भी चुराना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गठन देश को ब्रिटिश शासन से आजादी दिलाने के लिए किया गया था और महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वतंत्रता आंदोलन के बाद कांग्रेस हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।
भाजपा एकमात्र ऐसा पार्टी है जो ‘वंशवादी राजनीति’ खत्म कर सकती है
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘पहले, उन्होंने कांग्रेस नाम चुराया और फिर (महात्मा) गांधी का नाम, और आज ‘इंडिया’ नाम।” उन्होंने कहा कि तेलंगाना में एक राष्ट्रवादी सरकार बननी चाहिए। इसबीच, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने नयी दिल्ली में कहा कि तेलंगाना के लोग बदलाव चाहते हैं और भाजपा एक मात्र ऐसी पार्टी है, जो भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शासित राज्य में भ्रष्टाचार और ‘वंशवादी राजनीति’ खत्म कर सकती है। नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन के दौरान सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लोगों ने अलग तेलंगाना राज्य के गठन के बाद के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) नीत बीआरएस को जनादेश दिया था, लेकिन यह उनकी उम्मीदों को पूरा कर पाने में नाकाम रहा।
तेलंगाना में 30 नवंबर को होगा मतदान
मंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने (राज्य में) केवल लूट-खसोट की है। उन्होंने तेलंगाना में कुछ नहीं किया। तेलंगाना में जो कुछ बुनियादी ढांचा विकास हुआ है, वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया है। चाहे यह सड़क, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, पानी या बिजली हो…सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं मोदी सरकार ने तेलंगाना में शुरू कीं।” उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना के लोग कांग्रेस की वंशवादी राजनीति नहीं चाहते। वे नहीं चाहते कि बीआरएस सत्ता में बरकरार रहे।” तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना तीन दिसंबर को होगी।