Haryana
Haryana में थार और बस के बीच हुई भयानक टक्कर, सवारियों की अटकी सांसें
Haryana के नारनौल में एक बड़ी बस और थार के बीच टक्कर हो गई। थार पुल से नीचे गिर गई और बस पुल पर फंस गई। बस में बहुत से लोग सवार थे, लेकिन थार में सवार दो युवक दुर्घटना के समय कार के बाहर थे, इसलिए उन्हें मामूली चोट ही आई। वे पटीकरा में सगाई पार्टी में जा रहे थे। सगाई कुलदीप यादव नामक व्यक्ति के बेटे की थी, जो रोहतक नामक कस्बे में अस्थल बोहर मठ नामक स्थान की देखभाल करता है। पुलिस ने बताया कि रेवाड़ी रोड पर चिंकारा रेस्ट हाउस के पास पुल पर दुर्घटना हुई। नारनौल से रेवाड़ी लोगों को लेकर जा रही एक बस ने एक खड़ी थार गाड़ी को टक्कर मार दी। थार सड़क के किनारे खड़ी थी और जब बस ने उसे टक्कर मारी, तो थार पुल के नीचे गिर गई। बस पुल पर लगे बैरियर से टकराने के बाद रुक गई और उसका एक हिस्सा किनारे से लटक गया। हालाँकि बस में यात्री भरे हुए थे, लेकिन शुक्र है कि किसी को चोट नहीं आई।
जब दुर्घटना हुई, तो बहुत से लोग यह देखने के लिए आए कि क्या हो रहा है। उन्होंने यात्रियों को बस से सुरक्षित बाहर निकालने में मदद की। बस चालक और सहायक भी ठीक थे। थार कार में सवार युवाओं को कुछ मामूली चोटें आईं, इसलिए वे नज़दीकी अस्पताल गए। वहाँ, उनके कट पर पट्टी बाँधी गई और फिर उन्हें घर जाने दिया गया।
प्रवीण और नवीन नाम के दो लोगों ने दुर्घटना होते देखी। उन्होंने बताया कि एक थार गाड़ी खड़ी थी, और हरियाणा से आ रही एक बड़ी बस समय पर नहीं रुकी और उससे टकरा गई। बस ने थार को तब टक्कर मारी जब उसमें सवार लोग नाश्ता कर रहे थे। बस एक खंभे पर चढ़ गई, और थार सड़क से लुढ़क कर सूखी नदी में जा गिरी। सौभाग्य से, दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आई, और सभी ठीक हैं।
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Haryana में ठंड की हुई शुरुआत, तापमान में लगातार आ रही गिरावट
Haryana में बहुत ठंड पड़ रही है! दिन और रात दोनों समय तापमान कम हो रहा है। सिर्फ़ एक दिन में, यह थोड़ा ठंडा हो गया – 0.3 डिग्री तक। Haryana में तीन जगहें, रोहतक, सिरसा और करनाल, सबसे ज़्यादा ठंड का सामना कर रही हैं। वहाँ अब अधिकतम तापमान 30 डिग्री से नीचे है।
हिसार और सोनीपत में अभी बहुत ठंड है क्योंकि रात का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन दिनों में, यह थोड़ा ठंडा हो जाएगा – दिन और रात में लगभग 2 से 3 डिग्री कम। नवंबर के अंत तक, रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है, जिसका मतलब है कि यह बहुत सर्द होगा!
राज्य में हवा बेहतर हो रही है! सिर्फ़ एक दिन में, एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) के आंकड़ों से पता चला कि कैथल 301 पर था, रोहतक 230 पर था, सिरसा 219 पर था, और मुरथल 218 पर था। यह वाकई अच्छी खबर है! गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है, जो 298 से घटकर लगभग 270 पर आ गया है।
कुछ स्थानों पर वायु प्रदूषण के स्तर को मापा गया, और ये संख्याएँ हैं: नारनौल में 272, फरीदाबाद में 261, भिवानी में 257, हिसार में 220 और फतेहाबाद में 253। ये संख्याएँ हमें बताती हैं कि उन क्षेत्रों में हवा कितनी साफ या गंदी है।
गेहूँ और जौ का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र सिंह छौक्कर ने कहा कि अभी मौसम गेहूँ की बुआई के लिए अच्छा है। हमारे राज्य में गेहूँ की बुआई के लिए सबसे अच्छा समय 25 अक्टूबर से 20 नवंबर तक है। अगर कोई इसे 25 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच लगाता है, तो उसे जल्दी बुआई कहते हैं। लेकिन अगर आप इसे 25 नवंबर तक लगाते हैं, तो यह अभी भी ठीक है और बहुत देर नहीं हुई है।
राज्य में अब तक बारिश का मौसम काफी अच्छा रहा है। कुल 406.4 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य 424.6 मिमी से थोड़ी कम है – केवल 4% कम। इसका मतलब है कि हमें जितनी बारिश की ज़रूरत है, वह लगभग मिल ही गई है। हालाँकि, अगर हम राज्य के अलग-अलग इलाकों की जाँच करें, तो हम पाते हैं कि 10 जगहों पर सामान्य से 10 से 38% कम बारिश हुई है। लेकिन 12 अन्य जगहों पर सामान्य से बहुत ज़्यादा बारिश हुई है – 10% से 71% ज़्यादा!
इस साल बारिश का मौसम नूह, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ जैसे इलाकों के लिए अच्छा रहा। नूह में सामान्य से बहुत ज़्यादा बारिश हुई – 71% ज़्यादा! गुरुग्राम में 53% ज़्यादा और महेंद्रगढ़ में 43% ज़्यादा बारिश हुई। लेकिन करनाल, यमुनानगर और पंचकूला जैसे इलाकों में ज़्यादा बारिश नहीं हुई और हालात ठीक-ठाक रहे।
करनाल, यमुनानगर और पंचकूला में इस साल पर्याप्त बारिश नहीं हुई। करनाल में सामान्य से 38% कम बारिश हुई, यमुनानगर में 33% कम और पंचकूला में 32% कम बारिश हुई। चूंकि बारिश का मौसम जल्द ही खत्म हो सकता है, इसलिए ऐसा लगता है कि इन जगहों पर पर्याप्त बारिश नहीं होगी।
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Haryana के खिलाड़ियों को खुश खबरी, ग्रुप-सी के सभी पदों पर 3% आरक्षण करेगी बहाल
Haryana के खिलाड़ियों के लिए खुशखबरी! राज्य सरकार ग्रुप सी में खिलाड़ियों को 3% नौकरियां देने वाला विशेष नियम वापस ला सकती है। अभी खिलाड़ियों को ये नौकरियां सिर्फ 7 विभागों में ही मिल सकती हैं। वे शुरू से ही इस बात से नाखुश हैं। इससे पहले सरकार ने ग्रुप ए, बी और सी में खिलाड़ियों को मिलने वाली विशेष नौकरी को बंद कर दिया था। बाद में उन्होंने एक नियम वापस लाने का फैसला किया, जिसके अनुसार हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) द्वारा ग्रुप सी की नौकरियों के लिए एक साल में चुनी गई हर 100 नौकरियों में से 3 नौकरियां कुछ खास समूहों के लोगों को मिलेंगी।
पहले यह नियम सिर्फ चार क्षेत्रों पर लागू होता था: गृह, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा और खेल। जब ज्यादा लोगों ने विरोध करना शुरू किया तो तय हुआ कि सिर्फ 7 समूहों को ही विरोध करने की अनुमति दी जाएगी। अब मुख्यमंत्री नायब सैनी खिलाड़ियों की मांगों पर पूरा ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने अपने मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर को इस अहम मुद्दे पर ध्यान देने को कहा है। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। राजेश खुल्लर, जो मुख्यमंत्री के एक महत्वपूर्ण सहायक हैं, अब एक समस्या को ठीक करने के लिए प्रभारी हैं। उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करने के लिए खेल विभाग और HSSC के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने चर्चा की कि अब एथलीटों के लिए किसी भी विभाग में ग्रुप सी में नौकरी पाने का कोई विशेष मौका नहीं है।
उन्होंने ग्रुप सी में कुछ नौकरियों के पदों को वापस लाने के बारे में बात की, लेकिन केवल सात विभाग ही ऐसे होंगे जहाँ ऐसा हो सकता है। उन्होंने यह भी देखा कि इस नए नियम का उपयोग करके कितनी नौकरियाँ भरी गई हैं। लोगों ने चर्चा की कि हर विभाग में ग्रुप सी की सभी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिए विशेष स्थान होने चाहिए। इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे।
आइए बात करते हैं कि खिलाड़ियों और उनके खेलने के लिए विशेष स्थानों के साथ क्या हुआ। यहाँ इसके बारे में एक सरल कहानी है!
30 अप्रैल, 2019 को, हरियाणा सरकार ने फैसला किया कि एथलीटों को नौकरी मिलने पर विशेष मदद मिलेगी। उनके लिए ग्रुप ए, बी और सी की नौकरियों में हर 100 में से 3 नौकरियां आरक्षित होंगी, जो उच्च-स्तरीय नौकरियां हैं। ग्रुप डी की नौकरियों के लिए, जो निचले स्तर की नौकरियां हैं, उनके लिए हर 100 में से 10 नौकरियां आरक्षित होंगी।
सरल शब्दों में, 14 मार्च, 2022 को सरकार ने एक नया नियम बनाया। उन्होंने फैसला किया कि वे ग्रुप ए, बी और सी में महत्वपूर्ण नौकरियों के लिए भर्ती करते समय खिलाड़ियों के लिए विशेष स्थान (जिसे आरक्षण कहा जाता है) अलग नहीं रखेंगे। लेकिन वे ग्रुप डी की नौकरियों के लिए कुछ विशेष स्थान अभी भी रखेंगे, जैसा कि उन्होंने पहले किया था।
24 नवंबर, 2022 को राज्य सरकार ने कहा कि ग्रुप सी में हर 100 में से 3 नौकरियां खिलाड़ियों के लिए होंगी। लेकिन ये नौकरियां केवल चार क्षेत्रों में हो सकती हैं: गृह, माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक शिक्षा और खेल विभाग।
22 अप्रैल, 2023 को यह घोषणा की गई कि लोगों को तीन नए क्षेत्रों में नौकरियों के लिए भी चुना जाएगा: जेल, वन और ऊर्जा विभाग। लेकिन, केवल एक छोटा सा हिस्सा – हर सौ नौकरियों में से केवल तीन – हर साल हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा भरे जाएंगे।
खिलाड़ियों को कुछ विभागों में नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए अतिरिक्त समय मिल सकता है, जहां उम्र सीमा 42 वर्ष से कम है। उन्होंने राजेश खुल्लर नामक एक बड़े अधिकारी से अनुरोध किया कि उन्हें नियमित आयु सीमा से तीन साल बाद आवेदन करने की अनुमति दी जाए। इस विचार पर एक बैठक में चर्चा हुई और ऐसा लगता है कि वे इस पर सहमत हो सकते हैं।
खेल खिलाड़ी बचाओ संघर्ष समिति हरियाणा समूह एचएसएससी द्वारा किए गए एक विकल्प से सहमत नहीं था। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखकर इसे बदलने के लिए कहा। उस पत्र में मुख्यमंत्री की मदद करने वाले राजेश खुल्लर ने उल्लेख किया कि इस स्थिति में भाजपा सरकार शामिल थी।
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“हमारी कुश्ती को बचा लीजिए” Sakshi Malik ने पीएम मोदी से मांगी मदद !
पहलवान Sakshi Malik को फिर से डरावने संदेश मिल रहे हैं। उन्होंने बुधवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि पिछले कुछ दिनों से बृज भूषण शरण सिंह नाम के एक व्यक्ति से जुड़े कुछ लोग उन्हें धमका रहे हैं। वे कह रहे हैं कि वह उत्तर रेलवे के लिए बच्चों की भर्ती का काम संभालती हैं और अगर उन्होंने कुछ गलत किया तो वे उन्हें दोषी ठहराएंगे।
Sakshi Malik ने रेसलिंग का भविष्य बचाने के लिए पीएम मोदी से गुहार लगाई। कहा- सर, मुझे उन धमकियों से कोई फर्क नहीं पड़ता। मेरा आपसे निवेदन है कि आप हमारी कुश्ती को बचाएं।
Sakshi Malik ने आगे कहा- कोर्ट के आदेश के बावजूद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI )देश में कुश्ती खेल का कामकाज देख रही है। साथ ही उन्हें यह भी कहा- उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने की धमकी दी गई है।
साक्षी ने कहा- प्रधानमंत्री जी और खेल मंत्री जी नमस्कार…। पिछले साल रेसलिंग फेडरेशन के चुनाव हुए, उससे अगले ही दिन बृजभूषण की दादा गिरी और दबदबे को आपने और पूरे देश ने देखा। जिससे दुखी होकर और परेशान होकर मुझे कुश्ती को त्यागना पड़ा। इसके बाद सरकार ने फेडरेशन को सस्पेंड कर दिया। हालांकि फेडरेशन ने फिर से काम करना शुरू कर दिया।
इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सरकार द्वारा बैन लगाने के बाद फेडरेशन कैसे काम देख सकती है। हाईकोर्ट ने रोक लगाई। डब्ल्यूएफआई ने एक भी आदेश नहीं माना। जब कोर्ट ने दोबारा फटकार लगाई तो फिर फेडरेशन ने बच्चों को आगे कर दिया।
साक्षी ने कहा- मैं उन बच्चों की मजबूरी समझ सकती हूं। उनके आगे पूरा करियर है और वह करियर फेडरेशन के हाथों में है। सर (पीएम) अगर आपको लगता है कि बृजभूषण के दबदबे वाली फेडरेशन के हाथों में बच्चियों का भविष्य सुरक्षित है तो आप सस्पेंशन हटा दीजिए। नहीं तो इसका परमानेंट इलाज ढूंढिए।
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