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Haryana

कांग्रेस Rohtash Khatana की बढ़ सकती है मुश्किलें, गुर्जर समाज को गुरुग्राम में दो धड़ों में बंटा

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सुखबीर की दुखद खबर पर काफी चर्चा हो रही है, जो कभी नेता हुआ करता था और हरियाणा के गुरुग्राम में मृत पाया गया। एक व्यक्ति जो एक अलग राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार का भाई है, उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया क्योंकि उन्हें लगता है कि वह घटना से जुड़ा हो सकता है। अभी लोग चुनाव में व्यस्त हैं, लेकिन इस घटना ने गुर्जर समुदाय के लोगों के बीच कुछ विवाद पैदा कर दिया है, जो लोगों का एक समूह है। भले ही वे इसे खुलकर न कह रहे हों, लेकिन उनमें से कुछ लोग इस स्थिति से नाखुश हैं। अगर यह सच है, तो Rohtash Khatana को इस चुनाव में हत्या के मामले की वजह से और भी परेशानी हो सकती है।

कांग्रेस ने रोहताश खटाना को चुना है, जो कभी जेजेपी नामक एक अलग समूह का नेतृत्व करते थे, उन्हें सोहना-तावडू क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए। भले ही उनके पास मजबूत लोगों और पैसे का बहुत समर्थन है, लेकिन वे पिछले तीन चुनाव हार चुके हैं। इस बार, वे कांग्रेस पार्टी की मदद से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि वे गुर्जर नामक समूह से हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक उनका पूरा समर्थन नहीं किया है।

कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि रोहताश के भाई जोगिंदर को भाजपा पार्टी के एक नेता की हत्या में शामिल होने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। हालाँकि जोगिंदर अभी जेल से बाहर है, लेकिन मामला अभी भी अदालत में चल रहा है। पुलिस ने कहा कि रोहताश ने कुछ भी गलत नहीं किया, लेकिन अब सुखी का बेटा मदद के लिए मामले को अदालत में ले जाना चाहता है।

गुज्जर समुदाय के कुछ लोग इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि रोहताश खटाना का परिवार सुखबीर की मौत के लिए ज़िम्मेदार है, जो उनके समुदाय से ही था। इस गुस्से की वजह से वे कुछ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि दो अन्य उम्मीदवारों का समर्थन कर रहे हैं: इनेलो-बसपा से सुरेंद्र भड़ाना और भाजपा से तेजपाल तंवर।

दोनों ही समूह समस्या को और बदतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं और लोगों को रोहताश खटाना को वोट न देने के लिए उकसा रहे हैं। लोग नाराज़ और डरे हुए हैं क्योंकि उनके समुदाय के किसी व्यक्ति की हत्या चुनाव की वजह से हुई है, और उन्हें इस बात की चिंता है कि वे इसमें शामिल शक्तिशाली लोगों के खिलाफ़ क्या कर सकते हैं। इन सब के चलते सोहना में इस बार गुर्जर समुदाय अलग-अलग गुटों में बंट गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कहा कि सुखी के जीजा चमन उसकी मौत के लिए जिम्मेदार है, क्योंकि उसने कई लोगों के सामने सुखी को गोली मारी थी। सुखी के परिवार और दोस्तों का मानना ​​है कि चुनाव से जुड़े झगड़े की वजह से ऐसा हुआ।

एसटीएफ ने मामले की बहुत बारीकी से जांच की और कई सबूत पाए। इसके बाद उन्होंने जोगिंदर खटाना नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया, जो रोहताश खटाना का भाई है और उसे जेल ले गया। सतीश बालन नाम के एक शख्स ने बताया कि जब चमन करीब 15 साल का था, तो उसे सुखी नाम के एक लड़के से परेशानी थी, क्योंकि सुखी की बहन ने प्रेम विवाह कर लिया था। बाद में चमन की मुलाकात जोगिंदर खटाना नाम के एक शख्स से हुई, जिसने उसे गलत काम करने के लिए उकसाया और उसे बहुत सारा पैसा भी दिया- 25 लाख रुपये! रोहताश खटाना परिवार और सुखी खटाना परिवार के बीच 2012-2014 और फिर 2019 में हुए कुछ चुनावों को लेकर भी काफ़ी मतभेद था।

उनका मानना ​​था कि 2019 का चुनाव वे सुखी नाम के एक व्यक्ति की वजह से नहीं जीत पाए। सुखी का परिवार कहता रहता है कि दूसरे लोग अपराध में शामिल थे। अब जब फिर से चुनाव का समय आ गया है, तो सोहना इलाके में हर कोई फिर से इस अपराध के बारे में बात कर रहा है।

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Panchkula में महिला से ठगों ने मुंबई पुलिस बताकर ठगे 10 लाख, ड्रग्स सप्लाई के झूठे मामले में फंसाने की दी धमकी

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Panchkula साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक हैरान कर देने वाली घटना हुई। एक कंप्यूटर कंपनी में काम करने वाली महिला को मुंबई के पुलिस अधिकारी होने का दिखावा करने वाले कुछ बदमाशों ने धोखा दिया। उन्होंने उसे यह कहकर डरा दिया कि अगर वह उन्हें बहुत सारा पैसा नहीं देगी, तो वे उस पर ड्रग्स बेचने का आरोप लगा देंगे! जालंधर में रहने वाली और चंडीगढ़ में आईटी पार्क नामक जगह पर काम करने वाली नबदीप कौर नाम की महिला ने बताया कि उसके साथ कुछ अजीब हुआ।

11 सितंबर को उसे अलग-अलग लोगों के फोन आए। उनमें से एक ने कहा कि वह मुंबई का एक पुलिस अधिकारी है और उसका नाम रविकांत है। उसने नबदीप से कहा कि उसके पास उसका आधार कार्ड और पैन कार्ड की जानकारी है और उसने वादा किया कि वह वास्तव में एक पुलिस अधिकारी है। किसी ने फोन करके कहा कि नबदीप कौर नाम की एक महिला के लिए भारत से ईरान एक पैकेज भेजा जा रहा है। इस पैकेज में कपड़े, लैपटॉप, पासपोर्ट और 450 ग्राम ड्रग्स थे। उन्होंने यह भी बताया कि इस पैकेज की वजह से इस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके बाद उन्होंने उसे वीडियो कॉल पर कनेक्ट किया और मुंबई के प्रदीप सावंत नामक पुलिस अधिकारी होने का नाटक किया।

कुछ बदमाशों ने नवदीप को झांसा देकर उसके बैंक खाते की जानकारी दे दी। फिर उन्होंने उसके खाते में बड़ी रकम, लगभग 10 लाख रुपये, डाल दिए। इसके बाद उन्होंने जल्दी से वह पैसा निकालकर अपने खाते में डाल लिया। जब नवदीप ने अपने खाते को देखा तो उसने पाया कि यह पैसा दरअसल उसके नाम पर लिया गया लोन था, लेकिन जालसाजों ने सारा पैसा अपने खाते में डाल लिया।

नवदीप कौर ने तुरंत पंचकूला में पुलिस को अपनी समस्या बताई। पुलिस ने उसकी बात सुनी और मामले की जांच करने का फैसला किया। अब वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि जालसाजों ने उसे कैसे झांसा देकर इतना बड़ा घोटाला किया।

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Haryana में प्रेमी संग घर से भागी लड़की, परिजनों ने उन्हें घर आने की बात कही पर वह नहीं लौटे

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Haryana के मतलौडा कस्बे में एक लड़की अपने घर से गायब हो गई, और यह थोड़ा अजीब लगा। उसे तलाशते हुए, उसके परिवार को उस लड़के का नाम और फ़ोन नंबर पता चला जिसे वह पसंद करती थी। उन्होंने उसे व्हाट्सएप पर एक संदेश भेजा और लड़की और लड़के दोनों से बात की।

परिवार चाहता था कि वे घर वापस आ जाएँ और उनकी शादी में मदद करने का वादा किया। उन्होंने उनसे कहा कि वे सुरक्षित रहेंगे और उन्हें कोई चोट नहीं लगेगी। लेकिन इसके बावजूद, वे वापस नहीं आए। इसलिए, परिवार ने पुलिस को इस बारे में बताया। पुलिस ने परिवार की शिकायत के कारण उन्हें लापता होने की बात लिखी।

एक पिता अपनी समस्या साझा करने के लिए मतलौडा पुलिस स्टेशन गया। वह वैसर नामक गाँव में रहता है। उसने बताया कि उसकी 19 वर्षीय बेटी 13 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजे अजीब तरीके से लापता हो गई। परिवार ने 4 से 5 बजे के बीच अपने पड़ोस में उसकी तलाश शुरू की।

उन्होंने पूरे गाँव में उसकी तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। फिर, उन्होंने उसके परिवार से पूछा कि क्या उन्हें पता है कि वह कहाँ है, लेकिन उन्हें भी नहीं पता था। जब वे उसे ढूँढ रहे थे, तो उन्हें लगा कि वह सुरेंद्र नाम के किसी लड़के के साथ हो सकती है। उन्होंने उसे फ़ोन करने की कोशिश की, लेकिन उसका फ़ोन बंद था।

उसके बाद, उसने अपने परिवार को कॉल करने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल किया। जब वे बात कर रहे थे, तो परिवार ने कहा कि वे उनकी शादी करवाने में मदद करेंगे, लेकिन उन्हें पहले घर वापस आना होगा। उन्होंने वादा किया कि वे उनसे नाराज़ नहीं होंगे। लेकिन उन दोनों ने घर न जाने का फ़ैसला किया।

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Gurugram पुलिस ने बच्चा चोर गिरोह का किए खुलासा, भीख मंगवाने के लिए किया था अगवा

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हरियाणा के Gurugram पुलिस ने आज बच्चों की चोरी करने वाले कुछ बदमाशों को पकड़कर एक बड़ा काम किया है। पुलिस ने दो महिलाओं समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और एक पांच साल के बच्चे को भी बचाया है, जिसे ये बदमाश चुराकर ले गए थे। मंगलवार को कुछ लोगों ने एक छोटे बच्चे को उठा लिया। पुलिस ने बताया कि बुधवार शाम को बेहरामपुर गांव के किसी व्यक्ति ने उन्हें घटना के बारे में बताया। उसने बताया कि एक अजनबी महिला उसके पांच साल के बेटे को खेल रहे समय उठाकर ले गई।

जब पुलिस स्टेशन को पता चला कि कोई बच्चा चुराकर ले गया है, तो वहां काफी हलचल मच गई। इस वजह से उन्होंने आधिकारिक जांच शुरू कर दी। उन्होंने लापता बच्चे की तलाश के लिए पुलिस अधिकारियों के दो विशेष दल बनाए। पुलिस बच्चे को खोजने पर बहुत ध्यान केंद्रित कर रही थी और उसे पता चला कि बच्चे को चुराने वाले लोग सेक्टर 52 नामक जगह पर हैं। देर रात विशेष टीमें उस इलाके में गईं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर इसमें शामिल होने का संदेह था।

दो महिलाओं को पुलिस ने इसलिए पकड़ा क्योंकि वे एक बच्चे को चुराने की कोशिश कर रही थीं। पुलिस ने उनसे बात करके पता लगाया कि आखिर हुआ क्या था। महिलाओं का नाम वर्षा है, जो 27 साल की है और आशा है, जो 23 साल की है और सपना नाम से भी जानी जाती है। आशा के पति मुकेश की उम्र भी 27 साल है। मंगलवार को दोनों महिलाएं बच्चे को लेने के लिए बेहरामपुर गांव में आई थीं। उन्होंने बच्चे को खेलते हुए देखा और वर्षा उसे लेकर घाटा गांव में चली गई। मुकुल और सपना घाटा गांव से एक बच्चे को लेकर किराए के कमरे में चले गए क्योंकि वे बच्चे को बिहार ले जाना चाहते थे।

लेकिन पुलिस ने समय रहते बच्चे को ढूंढ़ लिया और उसे बचा लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुरे लोग बच्चे को इसलिए ले गए थे ताकि वह सड़कों पर भीख मांग सके। अब वे जांच कर रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था। बच्चों को चुराने वाले गिरोह के बारे में इस खबर ने गुरुग्राम में बहुत से लोगों को चौंका दिया है।

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