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दो दिन तक Rainfall पड़ने के बाद मौसम ने ली करवट, पूर्व दिशा से चल रही हवा फसलों पर डाल सकती है बुरा असर

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अगस्त की शुरुआत में मौसम में बदलाव आना शुरू हो गया था। दो दिन तक मौसम ठंडा रहा, लेकिन बुधवार को फिर से गर्मी बढ़ गई। अभी इलाके में Rainfall हो रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पूर्व दिशा से बहुत तेज़ हवाएँ चल रही हैं। इससे पौधों को बढ़ने में मुश्किल हो रही है और किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित हैं। बुधवार को मौसम बहुत गर्म था, अधिकतम तापमान 35 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच गया।

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले दो दिनों तक मौसम ऐसा ही रहेगा। लेकिन किसान बारिश रुकने की कामना कर रहे हैं ताकि वे अपने फूल लगा सकें।

अगस्त में आमतौर पर हवाएँ पूर्व दिशा से बहुत तेज़ चलती हैं। चूँकि कपास के पौधों पर पर्याप्त फूल नहीं हैं, इसलिए हमें इस साल उतनी कपास नहीं मिल सकती।

चूँकि हवा बहुत नम है, इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि पौधे बीमार हो जाएँ। हवा पूर्व दिशा से चल रही है, जिससे कपास के पौधों में नमी आ रही है। इससे किसान चिंतित हैं।

इस बार हवा के कारण कपास के पौधों को फल लगने में दिक्कत हो रही है। आमतौर पर पश्चिम से आने वाली विशेष हवा के कारण पौधों को फल लगने में मदद मिलती है, लेकिन इस साल यह हवा सिर्फ़ कुछ दिनों के लिए ही चली। इस वजह से किसान चिंतित हैं। पिछले कुछ दिनों से बहुत बारिश हो रही है, जिसकी वजह से पौधों में पर्याप्त पानी होने के बावजूद फल नहीं लग रहे हैं। किसानों का कहना है कि सितंबर का महीना जल्द ही शुरू हो जाएगा। अगर पौधों में अभी फल नहीं लगे, तो आपको क्या लगता है आगे क्या होगा?

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Haryana के मौसम में बदलाव, तापमान में वृद्धि और प्रदूषण में सुधार

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Haryana में पिछले 24 घंटे में मौसम में बदलाव देखा गया है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हुई है। दिन के तापमान में 0.2 डिग्री की वृद्धि हुई, जबकि रात का तापमान 1.3 डिग्री तक बढ़ा है। करनाल में सबसे ठंडा दिन दर्ज किया गया, जहां दिन का अधिकतम तापमान 25.0 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, सोनीपत में सबसे ठंडी रातें रही, जहां न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री सेल्सियस रहा।

मौसम में बदलाव के कारण

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के कई जिलों में बादल छाने की संभावना है, जिससे रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, पहाड़ों से आने वाली हवाओं के कारण दिन के तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।

वायु गुणवत्ता में सुधार

प्रदेश में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से नीचे आ गया है। हवा की दिशा में बदलाव के कारण प्रदूषण के स्तर में सुधार हुआ है। शनिवार को प्रदेश के सभी शहरों में औसत एयर क्वालिटी सूचकांक 300 से नीचे रहा। हिसार का AQI 217 के करीब रहा, जो अन्य जिलों के मुकाबले सबसे अधिक था। वहीं, फरीदाबाद का AQI 190, भिवानी का 186, बहादुरगढ़ का 183, सिरसा का 182, रोहतक का 176, जींद का 168, कुरुक्षेत्र का 164, गुरुग्राम का 163 और मुरथल का 160 दर्ज किया गया। मांडीखेड़ा और पलवल में हवा सबसे साफ पाई गई।

आगे का मौसम

कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, 2 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। हालांकि, एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण हवा की दिशा में बदलाव होगा, जिससे बादल छाने की संभावना है और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो सकती है।

आने वाले दिनों में, मौसम साफ रहने के साथ-साथ पहाड़ों से चलने वाली हवाओं के प्रभाव से दिन और रात के तापमान में गिरावट देखी जा सकती है।

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गीता महोत्सव: Manohar Lal की पहल ने गीता संदेश को विश्व पटल पर पहुंचाया

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कुरुक्षेत्र: विश्वभर में गीता संदेश अब एक समाधान के रूप में स्थापित हो चुका है, और इस श्रेय का एक बड़ा हिस्सा हरियाणा के मुख्यमंत्री Manohar Lal को जाता है। गीता के दिव्य संदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाने में उनकी भूमिका अहम रही है। मनोहर लाल की पहल पर ही अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव को वैश्विक मंच पर पहुंचाया गया, और इस महोत्सव का आयोजन अब पांच देशों में किया जा चुका है।

9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव

इस साल, 9वां अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव ब्रह्मसरोवर के तट पर शुरू हो चुका है और 15 दिसंबर तक यह आयोजन जारी रहेगा। इस महोत्सव की शुरुआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2016 में की थी और तब से लेकर अब तक इस महोत्सव ने अंतरराष्ट्रीय स्वरूप ग्रहण कर लिया है।

मनोहर लाल की पहल ने गीता महोत्सव को नया आकार दिया

मनोहर लाल की पहल पर ही गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली। इस महोत्सव का आयोजन अब न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी होता है। मारिशस, इंडोनेशिया, बाली, आस्ट्रेलिया, कनाडा और इस बार तंजानिया भी गीता महोत्सव के कंट्री पार्टनर के रूप में जुड़ चुका है। ओडिशा इस बार राज्य पार्टनर के रूप में शामिल होगा।

गीता महोत्सव: एक वैश्विक पहल

2019 में, मारिशस और लंदन में पहले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया था। उसके बाद, कनाडा (सितंबर 2022), आस्ट्रेलिया (अप्रैल 2023), श्रीलंका, इंग्लैंड में भी इस महोत्सव का आयोजन हो चुका है। खास बात यह है कि कनाडा की संसद में गीता की स्थापना भी की गई है।

कृष्णा सर्किट और गीता स्थली का जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गीता की उत्पत्ति स्थली ज्योतिसर, ब्रह्मसरोवर और सन्निहित सरोवर के विकास के लिए योजनाएं बनाई। उन्होंने कृष्णा सर्किट में कुरुक्षेत्र को शामिल किया और इन धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया। इसके अलावा, 48 कोस तीर्थों के विकास के लिए 48 कोस तीर्थ निगरानी कमेटी का गठन भी किया गया।

अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन

मनोहर लाल की पहल पर हरियाणा अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य महोत्सव के आयोजन और प्रबंधन को सुव्यवस्थित करना था। इस प्राधिकरण से मिलने वाली आय से भविष्य के आयोजनों को आयोजित किया जाएगा।

गीता के संदेश में समाधान की शक्ति

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता के उपदेशों में संपूर्ण विश्व की समस्याओं का समाधान निहित है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भारत की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराता है। उन्होंने केडीबी अधिकारियों से एक ऐसी लोकल तीर्थ यात्रा सर्किट योजना तैयार करने का निर्देश दिया जिससे तीर्थयात्री कुरुक्षेत्र के धार्मिक स्थलों का भ्रमण कर सकें।

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Barah Khurd: बाल विवाह निषेध टीम ने 12 वर्षीय बच्ची की शादी रुकवाई, परिवार को किया जागरूक

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Barah Khurd गांव में रविवार को बाल विवाह निषेध अधिकारी टीम ने समय पर कार्रवाई कर 12 वर्षीय बच्ची की शादी को रुकवाया। टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को बाल विवाह अधिनियम के तहत बालिका विवाह के दुष्परिणाम समझाए और भविष्य में बालिग होने तक शादी न करने का लिखित आश्वासन लिया।

घटना का विवरण

बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली कि बराह खुर्द गांव में एक 12 वर्षीय लड़की की शादी हो रही है। शादी के लिए बारात करनाल के शांपली गांव से आई थी।

टीम की त्वरित कार्रवाई

सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान। मौके पर पहुंचकर टीम ने परिजनों से लड़की के जन्म संबंधी दस्तावेज मांगे। शुरुआत में परिवार ने शादी न होने की बात कहकर स्थिति को टालने की कोशिश की। अन्य ग्रामवासियों और गवाहों को बुलाने के बाद परिजनों ने दस्तावेज पेश किए।

जांच के परिणाम

दूल्हा-दुल्हन की उम्र में लगभग 19 साल का अंतर पाया गया। परिजनों ने बताया कि वे अनपढ़ हैं और कानून की जानकारी के अभाव में शादी का निर्णय लिया।

परिवार को दी गई चेतावनी और सलाह

सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को कानून का पालन करने की चेतावनी दी। परिजनों को बताया गया कि नाबालिग की शादी करना बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत अपराध है। परिवार ने आश्वासन दिया कि बालिग होने के बाद ही लड़की की शादी करेंगे।

समुदाय का सहयोग

कार्रवाई के दौरान एम.डी.डी. ऑफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा और सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता रमन ने भी परिजनों को जागरूक किया।

लिखित बयान और भविष्य की कार्रवाई

परिवार ने लिखित रूप से यह वादा किया कि वे कानून का पालन करेंगे। यदि भविष्य में नाबालिग लड़की की शादी की कोशिश की गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाल विवाह निषेध टीम की तत्परता और जागरूकता प्रयासों ने न केवल एक बच्ची को बाल विवाह से बचाया, बल्कि समुदाय में बाल विवाह के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। यह कदम बाल अधिकारों और लड़कियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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