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Haryana

चलती Car में लगी भयानक आग, 2 मासूम सहित पिता की झुलसने से मौत, 5 घायल

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रविवार की सुबह-सुबह, कुरुक्षेत्र और अंबाला दो स्थानों के बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 44 एक सड़क पर एक दुखद दुर्घटना हुई। एक Car में अचानक विस्फोट हुआ और उसमें आग लग गई। दुखद बात यह है कि आग लगने से कार में सवार तीन लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए। इलाज के लिए उनको पीजीआई चंडीगढ़ भेज दिया गया है, जहां पर उनकी स्थिति काफी नाजुक बताई जा रही है|

संदीप और उनकी दो बेटियों को कार दुर्घटना में नहीं बचाया जा सका। कार में आठ लोग सवार थे और आस-पास के कुछ लोगों ने उनमें से पांच को बाहर निकालने में मदद की। दुर्भाग्य से, संदीप और उनकी बेटियाँ समय पर बाहर नहीं निकल पाईं और दुखद रूप से आग लगने के कारण उनकी मृत्यु हो गई। बचाए गए अन्य पांच लोगों को चिकित्सा सहायता मिल रही है, लेकिन वे अभी भी बहुत बीमार हैं। उनके परिवार के लोग उनसे मिलने अस्पताल आए हैं।

Car की डिक्की में आग लगी और यह तेजी से फैल गई, जिससे संदीप और उनकी दो बेटियाँ, ख़ुशी, उम्र 6 साल और परी, उम्र 4 साल, कार के अंदर फंस गईं। हालाँकि सुशील कार का दरवाज़ा खोलने और सभी को बाहर निकालने में सफल रहे, लेकिन संदीप और उनकी बेटियों के लिए बहुत देर हो चुकी थी। वहां से गुजर रहे कुछ लोगों ने परिवार को अस्पताल पहुंचाने में मदद की। सुशील, उनकी पत्नी आरती और उनके 10 वर्षीय बेटे यश का इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई, लेकिन दुख की बात है कि संदीप और उनकी बेटियां बच नहीं पाईं। डॉक्टर संदीप के परिवार के अन्य सदस्यों सुदेश और लक्ष्मी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित थे और उन्हें अधिक मदद के लिए बड़े अस्पताल में भेजा गया। पुलिस ने घटना की जांच की और पाया कि आग ट्रंक में चिंगारी की वजह से लगी थी। कार में सवार आठ परिवार के सदस्यों में से केवल सुशील, आरती और यश ही सुरक्षित थे।

सांसद सतनाम संधू एक भयानक दुर्घटना से बहुत दुखी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा कि डॉ. संदीप नासिर और उनकी दो बेटियों की मौत की खबर सुनकर उनका दिल टूट गया। उन्होंने बताया कि यह वाकई चौंकाने वाला था क्योंकि कुछ दिन पहले ही डॉ. नासिर अपनी पीएचडी पूरी करने का जश्न मनाने के लिए उनसे मिलने आए थे। डॉ. नासिर न केवल एक महान शिक्षक थे बल्कि वह दूसरों की मदद करने के बारे में भी बहुत परवाह करते थे। सतनाम संधू उन्हें अपना सच्चा दोस्त मानते थे।

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Editor Two
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