Delhi
मोदी के नेतृत्व व अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय लद्दाख के विकास में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध: गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय
जैतो : गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में लद्दाख के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आज नई दिल्ली में आयोजित की गई। एपेक्स बॉडी लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने बैठक में भाग लिया। नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय लद्दाख के विकास में तेजी लाने और लद्दाख के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि 2019 में केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद लद्दाख में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। केंद्र शासित प्रदेश के गठन के इस ऐतिहासिक कदम के कारण, प्रशासन और विकास को लद्दाख के लोगों के करीब लाया गया है। उन्होंने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषदों को प्रदान की गई धनराशि में वृद्धि, चौतरफा कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने और मोबाइल नेटवर्क, सड़कें,नए हेलीपैड के निर्माण जैसे बुनियादी ढांचों का विकास भी तीव्र गति से किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के समग्र और सतत विकास के लिए एबीएल और केडीए और लद्दाख के लोगों के साथ नियमित आधार पर काम करना जारी रखेगी।
एपेक्स बॉडी लेह और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस ने संदर्भों की शर्तों को संशोधित करने और नए सदस्यों को शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय के निर्णय का स्वागत किया।एबीएल और केडीए सदस्यों ने लद्दाख निवासियों के अधिकारों की रक्षा, भर्ती प्रक्रियाओं में तेज़ी, एलएएचडीसी को मजबूत करने, विभिन्न माध्यमों द्वारा निर्णय लेने में अधिक भागीदारी जैसे विभिन्न मुद्दे रखे।
गृह मंत्रालय ने गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया है, जिसके मुख्य उद्देश्य हैं जिसमें लद्दाख की भौगोलिक परिस्थिति तथा सामरिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र की अनूठी संस्कृति और भाषा की रक्षा के उपायों पर चर्चा करना, लद्दाख के लोगों की भूमि और रोजगार की सुरक्षा सुनिश्चित करना, लद्दाख के समावेशी विकास और रोजगार सृजन के उपायों पर चर्चा करना, एलएएचडीसी,लेह और कारगिल के सशक्तिकरण से संबंधित उपायों पर चर्चा करना और संवैधानिक सुरक्षा उपाय जो उक्त उपायों और रक्षाओं को सुनिश्चित करने के लिए दिए जा सकते हैं।