Connect with us

Blog

निर्भया के पिता ने 11वीं बरसी पर बेटी को श्रद्धांजलिः बोले- देश में आज भी बेटियां और महिलाएं नहीं हैं सुरक्षित

Published

on

बलियाः राजधानी दिल्ली में घटित हुई निर्भया कांड की घटना ने न केवल देश को झकझोर कर रख दिया बल्कि दुनियाभर में इस घटना की निंदा हुई। इस घटना की 11वीं बरसी पर शनिवार को उसके पिता ने बड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इस कांड के ग्यारह साल बाद अब तक कुछ नहीं बदला है और देश में आज भी बेटियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार ने देश को कई मामले में ऊंचाई पर ले जाने का ऐतिहासिक कार्य किया है, लेकिन महिला सुरक्षा और महिलाओं के साथ दरिंदगी रोकने के मामले में अब तक वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं।’’ 

बस के भीतर छह लोगों ने किया था सामूहिक दुष्कर्म
फिजियोथेरेपी की 23 वर्षीय प्रशिक्षु (बदला नाम निर्भया) से 16 दिसंबर 2012 की रात को दक्षिण दिल्ली में एक बस के भीतर छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था और उससे क्रूरता की थी। इसके बाद चलती बस से उसे फेंक दिया था। निर्भया की 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में मौत हो गयी थी। घटना के ग्यारह साल बाद शनिवार को निर्भया के पिता ने अपनी बेटी को बलिया जिले स्थित अपने पैतृक गांव में श्रद्धांजलि दी। 

देश में अब तक कुछ बदला नहीं है
पिता ने बातचीत में कहा, ‘‘निर्भया सामूहिक बलात्कार कांड और हत्या के ग्यारह साल बाद देश में अब तक कुछ बदला नहीं है और देश में आज भी बेटियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘कानून बनने और सख्त होने से कोई बदलाव नहीं आएगा। सबसे पहले पुलिसिया तंत्र के कामकाज में सुधार लाना पड़ेगा।’’ 

दरिंदगी की घटनाओं को सबसे पहले पुलिस दबाने में जुट जाती है
पीड़िता के पिता ने कहा, ‘‘आज हालात यह है कि जब भी दरिंदगी की कोई घटना होती है तो पुलिस सबसे पहले मामले की लीपापोती और इसे दबाने में जुट जाती है। पुलिस मजबूरी में कार्रवाई करती भी है तो घटना से संबंधित साक्ष्यों को सुरक्षित रखने तथा अपराधी कानून के शिकंजे से बाहर न आ जाए, इसको लेकर गंभीर नहीं रहती।”

अभियोजन तंत्र की व्यवस्था में भी परिवर्तन करने की आवश्यकता
उन्होंने कहा, ‘‘अभियोजन तंत्र की व्यवस्था में भी परिवर्तन करने की आवश्यकता है। अपराधी मंहगे जाने माने वकील के जरिए केस लड़ते हैं। इसकी बदौलत उन्हें जमानत मिल जाती है और मुकदमे से वे छूट भी जाते हैं। दूसरी तरफ पीड़ित पक्ष से सरकारी वकील की लचर पैरवी होती है।” 

Continue Reading
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
Punjab3 hours ago

मुख्यमंत्री Mann के नेतृत्व में मंत्रिमंडल द्वारा प्रशासनिक ढांचे के उन्नयन, भूमि सुधारों तथा विशेष शिक्षक शिक्षकों को राहत देने को मंजूरी 

Punjab3 hours ago

पंजाब में बागवानी को बढ़ावा, किसानों को नए बाग लगाने पर मिलेगी 40% सब्सिडी

Punjab3 hours ago

328 श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के लापता सरूपों पर सीएम मान सख्त, कहा– दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा जाँच के लिए गठित की SIT

Punjab21 hours ago

CM मान बोले- अकाली दल छिपकलियों की पार्टी बन गया:साहिबजादों के कार्टून पर BJP पर कार्रवाई क्यों नहीं; पावन स्वरूपों के मामले में एक्शन होगा

Haryana21 hours ago

हरियाणा के युवाओं के लिए खुशखबरी, नववर्ष में निकाली जाएंगी नौकरियां, लक्ष्य 2 लाख युवा को रोजगार