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Ludhiana: जिला प्रशासन ने निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन अधिकारियों की नियुक्ति की

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Ludhiana जिला प्रशासन ने नगर निगम और विभिन्न नगर परिषदों के तहत आने वाले सभी 95 वार्डों में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) और सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) की नियुक्ति की है। यह कदम जिले में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

विशेष मतदाता शिविर:
अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. हरजिंदर सिंह बेदी ने बताया कि पंजीकरण, सुधार, और विलोपन के लिए 23 और 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक विशेष मतदाता शिविर आयोजित किए जाएंगे। हर बूथ पर बीएलओ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।

ईआरओ और एईआरओ के कार्य:
इन अधिकारी फॉर्म 7 (नाम जोड़ने), फॉर्म 8 (आपत्ति), फॉर्म 9 (संशोधन), फॉर्म 17 (मतदाता स्थानांतरण), और फॉर्म 18 (मतदाता नाम विलोपन) के लिए जिम्मेदार होंगे।

वार्ड और उनके प्रभारी अधिकारियों की सूची:

  1. वार्ड (2-7) और (11-15):

ईआरओ: एसडीएम ईस्ट रोहित गुप्ता (98150-08658)

एईआरओ: नायब तहसीलदार परमपाल सिंह (95018-80008)

  1. वार्ड (16-20), (21-25), और (26):

ईआरओ: एसीए गलाडा विनीत कुमार (70870-84857)

एईआरओ: कार्यकारी अभियंता सरबजीत सिंह (81460-07755)

  1. वार्ड (27), (31-39), और (43):

ईआरओ: एसडीएम पायल प्रदीप सिंह बैंस (98558-00024)

एईआरओ: डीडीपीओ नवदीप कौर (80545-40919)

  1. वार्ड (40-42) और (44-51):

ईआरओ: एसडीएम वेस्ट पूनमप्रीत कौर (96465-01343)

एईआरओ: तहसीलदार रेशम सिंह (98781-36437)

  1. वार्ड (30), (52), (74-80), और (82):

ईआरओ: सचिव आरटीए कुलदीप बावा (98157-11006)

एईआरओ: सीएओ प्रकाश सिंह (84272-00330)

  1. वार्ड (1) और (86-95):

ईआरओ: ईओ गलाडा अमन गुप्ता (99888-02562)

एईआरओ: कार्यकारी अभियंता यादविंदर सिंह (97799-18189)

  1. वार्ड (8, 9-10, 28-29, 81, और 83-85):

ईआरओ: एसडीएम समराला रजनीश अरोड़ा (88474-19946)

एईआरओ: डीडीएमओ सुभाष कुमार (99884-71822)

  1. वार्ड (63-73):

ईआरओ: एसडीएम जगराओं सिमरनदीप सिंह (80510-13103)

एईआरओ: तहसीलदार रणजीत सिंह (77103-50805)

  1. वार्ड (53-62):

ईआरओ: एसडीएम खन्ना बलजिंदर सिंह ढिल्लों (81468-00028)

एईआरओ: कार्यकारी अभियंता जतिन सिंगला (98153-24258)

नगर परिषदों के लिए नियुक्त अधिकारी:

  1. माछीवाड़ा:

ईआरओ: तहसीलदार करमजोत सिंह (84486-36143)

एईआरओ: नायब तहसीलदार दलविंदर सिंह (98780-00379)

  1. मलूद:

ईआरओ: तहसीलदार गुरप्रीत सिंह ढिल्लों (98142-91917)

एईआरओ: नायब तहसीलदार विकासदीप (99157-04778)

  1. मुल्लांपुर दाखा:

ईआरओ: तहसीलदार जसगसीर सिंह (80541-00059)

एईआरओ: नायब तहसीलदार अभिषेक चंद्र (97802-00015)

  1. साहनेवाल:

ईआरओ: एईटीसी दीपक भाटिया (81461-95700)

एईआरओ: तहसीलदार परमपाल सिंह (95018-80008)

  1. खन्ना:

ईआरओ: बीडीपीओ प्यार सिंह (81466-18369)

एईआरओ: नायब तहसीलदार करमजीत सिंह (97796-00043)

  1. समराला:

ईआरओ: बीडीपीओ लेनिन गर्ग (98725-21300)

एईआरओ: नायब तहसीलदार रविंदरजीत कौर (82840-75171)

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Ila Arun ने दिलजीत दोसांझ के शो पर उठाए सवाल, कहा- ‘लोग गाने सुनने नहीं, शराब पीने आते हैं’

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पंजाबी सिनेमा के रॉक स्टार दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने ‘दिल-लुमिनाती’ टूर को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में उन्होंने दिल्ली, जयपुर और कोलकाता में शानदार कॉन्सर्ट किए, जहां हजारों प्रशंसकों ने उनकी आवाज का आनंद लिया। लेकिन इस दौरान बॉलीवुड की मशहूर गायिका Ila Arun ने दिलजीत के कॉन्सर्ट पर एक चौंकाने वाला बयान दिया है।

Ila Arun ने हाल ही में एक साहित्यिक समारोह में दिलजीत के कॉन्सर्ट को लेकर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने कहा, “दिलजीत बहुत अच्छा गाते हैं, लेकिन मुझे यह पूछना है कि क्या लोग वास्तव में उन्हें सुनने आए थे। वहां ज्यादातर लोग शराब पी रहे थे। मैंने लखनऊ और जयपुर में संगीत कार्यक्रम देखे हैं, जहां लोग नशे में थे और मुझे लगता है कि वे वहां संगीत का आनंद लेने नहीं, बल्कि मनोरंजन और शराब पीने के लिए आए थे।”

इला ने आगे कहा, “मैंने वहां अपना चेहरा छुपा लिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि लोग मुझे पहचानें। गाने की लय और ताल इतनी प्रभावशाली होती है कि आपको डांस करने के लिए शराब की जरूरत नहीं होती। मैं युवाओं के लिए भी गाती हूं, लेकिन मेरे गाने लोक कला और भारतीय संस्कृति के बारे में बात करते हैं।”

इला अरुण के इस बयान के बाद दिलजीत के फैंस हैरान रह गए हैं और अब सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर चर्चा का माहौल गरम हो गया है।

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने राज्य चुनाव आयोग से की अपील, कहा शहीदी हफ्ते के दौरान नगर निकाय के चुनाव न कराए जाएं।

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‘AAP’ पंजाब के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने कहा कि शहीदी दिवस पंजाब के लोगों की भावनाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण मुद्दा है। चुनाव आयोग को चुनाव तारीखों का ऐलान करने से पहले इस पर विचार करना चाहिए।

अरोड़ा ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर पार्टी ने चुनाव आयोग के सीईओ के सामने अपनी चिंता जताई है। विभिन्न राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों ने भी इस विषय को उठाया है, क्योंकि यह लोगों की धार्मिक भावनाओं से संबंधित है। हम भी यही मानते हैं कि शहीदी हफ्ते के दौरान चुनाव नहीं होने चाहिए।

अरोड़ा ने आगे कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादे, बाबा फतेह सिंह और बाबा जोरावर सिंह की शहादत सिख धर्म ही नहीं, बल्कि पूरे देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है। उनका बलिदान हम सभी के लिए प्रेरणादायक है। इतनी कम उम्र में उन्होंने धर्म और समाज के लिए जो बलिदान दिया, वह पूरी दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं मिलता।

‘AAP’ के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि शहीदी हफ्ते के दौरान पंजाब में शोक का माहौल रहता है। लोग इस समय को श्रद्धा और सम्मान से बिताते हैं, और उनके दिलों में ग़म की भावना होती है। इस दौरान, लोग इतनी सर्दी में भी धरती पर सोते हैं और कोई शुभ कार्य या त्योहार नहीं मनाते। इसलिए चुनाव आयोग को तारीखों के ऐलान के वक्त इस संवेदनशील मामले का ध्यान रखना चाहिए और संगत की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।

अरोड़ा ने यह भी कहा कि हालांकि निकाय चुनाव के संबंध में उच्च न्यायालय के कुछ सख्त आदेश हैं, जिनका पालन चुनाव आयोग को करना है, जिससे आयोग को तारीख निर्धारित करने में कुछ संशय हो सकता है।

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श्री दरबार साहिब पहुंचे Sukhbir Badal और ढींडसा, गले में तख्ती लेकर धार्मिक सेवा शुरू की

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श्री अकाल तख्त साहिब से पंझ सिंह साहिबान द्वारा सरकार के दौरान हुई गलतियों के लिए मिली सजा को स्वीकार करते हुए Sukhbir Badal श्री दरबार साहिब पहुंच गए हैं। उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर सेवा करना शुरू कर दिया है। उनके साथ शिरोमणि अकाली दल के वे नेता भी हैं, जिन्हें सिंह साहिबान द्वारा सजा सुनाई गई है, उन्होंने भी सेवा करना शुरू कर दिया है।

Sukhbir Badal श्री दरबार साहिब के प्रवेश द्वार पर सेवदारों की वर्दी पहनकर गले में तख्ती बांधकर और हाथ में बरछा पकड़कर सेवा कर रहे हैं। यह सेवा 2 दिन करनी है, जिसमें 2-2 घंटे के लिए दमदमा साहिब और केसगढ़ साहिब में भी सेवा करनी है। इसके बाद, वे स्नान करके लंगर घर में बर्तन धोने की सेवा करेंगे।

यह बताया गया कि हाल ही में श्री अकाल तख्त साहिब के फसील से जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर सिंह बादल को सजा का एलान करते हुए कई बड़े ऐलान किए थे। इस दौरान ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था कि सुखबीर सिंह बादल ने जो सवाल सिंह साहिबान द्वारा किए गए थे, उन्होंने अपने गुनाह कबूल किए हैं। उनके साथियों ने भी अपनी हिस्सेदारी स्वीकार की है। जिसके कारण सुखबीर बादल और उनके साथियों को यह धार्मिक सजा दी जाती है।

इसलिए वे मंगलवार, 3 दिसंबर 2024 से रोजाना 12 बजे से 1 बजे तक पखाने साफ करेंगे। इसके बाद स्नान करेंगे और फिर लंगर हाल में जाकर 1 घंटे तक बर्तन धोने की सेवा करेंगे। इसके बाद वे 1 घंटा कीर्तन सुनेंगे। जत्थेदार साहिब ने कहा कि इस दौरान विशेष रूप से उनके गले में तख्ती बांधी जाएगी। इसके साथ ही जत्थेदार साहिब ने कहा कि क्योंकि सुखबीर सिंह बादल की टांग में फ्रैक्चर हुआ है, इसलिए सुखबीर सिंह बादल दरबार साहिब के बाहर घंटे घर के पास दर्शन सेवा के पोशाक पहनकर ड्यूटी दौरान हाथ में बरछा पकड़कर अपनी व्हीलचेयर पर बैठेंगे। इस दौरान विशेष रूप से उनके गले में तख्ती बांधी जाएगी। इसके बाद वे बर्तन साफ करने और कीर्तन सुनने के बाद सुखमनी साहिब का पाठ भी करेंगे।

2 दिन की सेवा दरबार में करने के बाद वे अगले 2-2 दिन श्री केसगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब, श्री मुक्तसर साहिब, और श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवा करके अपनी तनख्वाह पूरी करेंगे। बरछी पकड़कर बैठने का उनका समय यहां 9 से 10 बजे तक होगा। यह सजा अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर सिंह बादल सहित अकाली दल की कोर कमेटी के सदस्य और साल 2015 में जो नेता कैबिनेट सदस्य रहे हैं, उनके लिए लगाई है। सुखबीर सिंह के साथ ही पखाने साफ करने से सुखदेव सिंह ढींढसा को भी छूट दी गई है, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। ढींढसा भी हाथ में बरछा पकड़कर गले में तख्ती बांधकर सुखबीर सिंह बादल की तरह सेवादार की वर्दी में सेवा करेंगे।

इस सजा में यह भी आदेश दिया गया कि सच्चे सौदे से संबंधित इश्तेहारों के लिए शिरोमणि कमेटी के पैसे को ब्याज सहित अकाउंट ब्रांच में जमा करवाया जाएगा। जत्थेदार साहिब ने फसील से आदेश दिया कि इस रकम की भरपाई सुखबीर सिंह बादल, सुच्चा सिंह लंगाह, गुलजार सिंह, दलजीत सिंह चीमा, भूंडड़ और हीरा सिंह गाबड़िया से वसूल की जाएगी।

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