Uttar Pradesh
यूपी में बात नहीं बनी तो, Akhilesh ने महाराष्ट्र में कांग्रेस के सामने रख दी सीटों की बड़ी डिमांड
समाजवादी पार्टी के नेता Akhilesh Yadav का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जानबूझकर मिल्कीपुर में चुनाव टाले हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे हार जाएंगे। उनका कहना है कि भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया में शामिल कुछ महत्वपूर्ण लोगों को बदल दिया और पिछड़े और दलित समुदायों जैसे कुछ समूहों का समर्थन करने वालों को हटा दिया। उनकी संभावनाओं की जांच करने के बाद, मुख्यमंत्री ने पाया कि वे हारने की संभावना रखते हैं, इसलिए उन्होंने चुनाव टालने का फैसला किया।
अखिलेश यादव को लगता है कि भाजपा चुनाव कराने के लिए अदालत और चुनाव आयोग में जाकर बुरा दिखने से बचने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि अगर वे दो दिनों में इसे नहीं सुलझाते हैं, तो चुनाव शायद ही हो। वह उनसे अदालत से अपना अनुरोध जल्दी वापस लेने के लिए कह रहे हैं। अखिलेश यादव कह रहे हैं कि सरकार में शामिल लोगों, जिन्हें भाजपा कहा जाता है, ने अच्छे काम करने के बजाय समस्याएं पैदा करने और अन्याय करने में बहुत समय बिताया। अब वे एक नया कन्वेंशन सेंटर बनाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अखिलेश को लगता है कि उन्हें जाने का समय आ गया है क्योंकि उन्होंने सत्ता में रहते हुए पर्याप्त अच्छे काम नहीं किए हैं। अखिलेश यादव, जो कभी प्रदेश के नेता हुआ करते थे, ने कहा कि बहराइच में हुए कार्यक्रम के दौरान जिम्मेदार लोगों ने अपना काम ठीक से नहीं किया।
उन्होंने कहा कि वे हमेशा कहते हैं कि वे बुरी चीजों को होने से रोकना चाहते हैं, लेकिन जब कोई बड़ा कार्यक्रम चल रहा था, तो सभी को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त पुलिस नहीं थी। उनका मानना है कि जिम्मेदार लोग और पुलिस सभी के साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जयंती मनाने के लिए समाजवादी पार्टी ने वाल्मीकि समुदाय के लिए छुट्टी कर दी है। वे अभी भी इस बारे में बात करते हैं कि अपने समुदाय के लोगों को नौकरी कैसे दिलवाई जाए। उनका मानना है कि उन्हें मदद मिलनी चाहिए, लेकिन सरकार पर्याप्त मदद नहीं कर रही है। जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी, तो वे यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि वाल्मीकि समुदाय को नौकरी और सम्मान मिले। समाजवादी पार्टी के नेता ने कहा कि वे कल महाराष्ट्र जा रहे हैं, ताकि भारतीय गठबंधन को जीत दिला सकें। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव लड़ने के लिए और सीटें मांगी हैं, ताकि उन्हें पहले से ज्यादा सीटें मिल सकें। अखिलेश ने वादा किया कि वे अखिल भारतीय गठबंधन का भरपूर समर्थन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे जल्द ही उत्तर प्रदेश में चुनाव स्थलों को बांटने पर निर्णय लेंगे।
Uttar Pradesh
Muzaffarnagar में दामाद को तालिबानी सजा, गले मे चप्पलों की माला, हाथ-पैर में लोहे की जंजीर
भारत के Muzaffarnagar में एक अजीबोगरीब और हैरान कर देने वाली घटना हुई। एक शादीशुदा व्यक्ति (जिसे दामाद कहा जाता है) के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया गया। उसे जूतों का हार पहनाया गया और जंजीरों से बांध दिया गया। यह सब तब शुरू हुआ जब वह सऊदी अरब से काम करके वापस आया और अपनी पत्नी के परिवार से मिलने गया। उसकी पत्नी उससे बहुत नाराज़ थी। उसके भाई को लगा कि दामाद ने उसकी बहन को चोट पहुँचाई है और उसे बेच भी दिया है, इसलिए उसने उसकी पिटाई कर दी। जब परिवार को पता चला कि क्या हो रहा है, तो उन्होंने पुलिस को बुलाया, जो मदद के लिए आई और दामाद को जंजीरों से मुक्त कराया। अब, पुलिस यह सुनिश्चित कर रही है कि उसे चोट पहुँचाने वाले लोगों को उनके किए की सज़ा मिले। बुधवार की रात करीब 8 बजे सहारनपुर नामक जगह से कुछ लोग छपार थाने गए। उन्होंने कहा कि उनके भाई को उसकी मर्जी के खिलाफ़ उसके ससुराल वालों ने खुड्डा नामक गाँव में रखा हुआ है। उन्होंने पुलिस को एक वीडियो भी दिखाया जिसमें आप देख सकते हैं कि युवक के हाथ-पैर बंधे हुए हैं और उसे जूतों का हार पहनाया गया है। पुलिस ने जब वीडियो देखा तो वे तुरंत खुड्डा गांव गए और युवक को बचाया।
सोहनचिड़ा नामक गांव में रहने वाले यासिर अरफाज नामक युवक की शादी 8 साल पहले खुड्डा नामक जगह पर हुई थी। हाल ही में वह सऊदी अरब में काम करता था और बुधवार को घर वापस आया था। वहां पहुंचने के बाद वह अपनी पत्नी से बात करने के लिए खुड्डा में उसके परिवार से मिलने गया। जब वह वहां था, तो उसकी पत्नी के भाई और कुछ अन्य लोगों ने उसे पकड़ लिया और जंजीरों से बांध दिया। उन पर उसकी पत्नी के लिए लाया गया सोने का कंगन, उसका फोन और कुछ पैसे भी छीनने का आरोप है।
यासिर अरफाज अपनी पत्नी के साथ बहुत बुरा व्यवहार कर रहा था और उसका परिवार इतना परेशान था कि उन्होंने कार्रवाई करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि उसने उसे फेसबुक पर बहुत सारे पैसे के लिए बेचने की कोशिश की। उन्होंने एक वीडियो भी बनाया जिसमें उसने सभी को बताया कि उसने क्या किया। जब पुलिस को इस बारे में पता चला, तो वे मदद के लिए दौड़े और यासिर को बंधे हुए और जूतों से बना हार पहने हुए पाया। उन्होंने उसे बचाया और पुलिस स्टेशन ले आए। लेकिन जब यासिर के परिवार को पता चला कि पुलिस आ रही है, तो उन्होंने उसे पड़ोसी के घर में ले जाकर छोड़ दिया। सौभाग्य से, मदद के लिए उसकी चीखें सुनने के बाद पुलिस ने उसे वहीं पाया।
Uttar Pradesh
Lucknow में युवती से छेड़छाड़ मामले में लिया बड़ा एक्शन, जांच के दौरान SHO समेत पांच पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया
जुलाई में Lucknow के गोमती नगर में बारिश के दौरान एक दौरान युवती के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था| जांच करने के बाद पता चला है कि हेड ऑफिसर समेत पांच पुलिस अधिकारियों ने अपना काम ठीक से नहीं किया और जो हुआ उसके लिए वे जिम्मेदार हैं। इस वजह से उन्हें उनकी गलतियों की सजा मिलेगी।
जांच में पता चला कि घटना के समय पुलिस अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे थे। प्रभारी लोगों ने उन सभी के साथ जो हुआ उसकी जांच करने का फैसला किया और उन्होंने पाया कि उन्होंने कुछ गलत किया है। इस वजह से उन्हें अपने किए की सजा मिलेगी। इसमें शामिल लोग हैं: गोमतीनगर के पुलिस अधिकारी दीपक कुमार पांडे, इंस्पेक्टर ऋषि विवेक, इंस्पेक्टर कपिल कुमार, कांस्टेबल धर्मवीर और कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार। लखनऊ में 31 जुलाई को बहुत बारिश हुई और मरीन ड्राइव नामक पुल के नीचे पानी जमा हो गया। करीब 30 से 40 युवकों का एक समूह इकट्ठा हुआ और उत्पात मचाना शुरू कर दिया। इस दौरान एक लड़की अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर जा रही थी।
समूह ने उन्हें घेर लिया, लड़की को बाइक से नीचे गिरा दिया और उसके साथ बुरा व्यवहार किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैल गया। जब पुलिस ने घटना की जांच की, तो पाया कि उपद्रव शुरू होने के समय इलाके पर नज़र रखने वाले पुलिस अधिकारी वहां मौजूद नहीं थे। इस वजह से, अधिकारियों को अपने कर्तव्य में लापरवाही बरती गई।
Uttar Pradesh
UP में 150 एनकाउंटर कर चुका ये पुलिस वाला, फ़िल्मी परदे पर भी दिखेगा जलवा, रियल सिंघम
UP के बहराइच में एक त्यौहार के दौरान कुछ गड़बड़ हो गई, जहाँ लोग पानी में मूर्तियाँ डालकर जश्न मना रहे थे। इस परेशानी की वजह से पुलिस को आगे आना पड़ा और चीज़ों को सुरक्षित रखना पड़ा। अमिताभ यश नाम के एक पुलिस अधिकारी को लोगों को परेशान करने के लिए दौड़ते हुए देखा गया। वह अब यूपी में काफी मशहूर हो चुके हैं और उनके बारे में एक फिल्म भी बन चुकी है! जियो स्टूडियो द्वारा बनाई गई यह फिल्म उनके और ददुआ नामक व्यक्ति के बीच लड़ाई की कहानी बताती है और इसे इस सप्ताह MAMI नामक फिल्म फेस्टिवल में दिखाया जाएगा। मूल रूप से, फिल्म का नाम “यश” था और इरफान खान नामक एक प्रसिद्ध अभिनेता ददुआ की भूमिका निभाने वाले थे। आइए अमिताभ यश के बारे में और जानें!
अमिताभ यश बिहार नामक जगह से एक विशेष पुलिस अधिकारी हैं। वह भोजपुर नामक जिले में पले-बढ़े हैं। उनके पिता, रामयश सिंह भी एक पुलिस अधिकारी थे और एक उच्च पदस्थ अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त होने तक उन्होंने कड़ी मेहनत की। अभी, अमिताभ उत्तर प्रदेश नामक जगह में एक महत्वपूर्ण पुलिस नेता हैं, जहाँ वह चीजों को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने में मदद करते हैं। उनका जन्म 11 अप्रैल 1971 को हुआ था और बचपन से ही उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बहुत समय बिताया। उन्होंने पुलिस स्टेशन में ही पढ़ाई की और खाना भी खाया, जिससे उन्हें छोटी उम्र से ही पुलिस की नौकरी से जुड़ाव महसूस हुआ। अमिताभ यश ने बहुत मेहनत की और खूब पढ़ाई की।
उन्होंने जो कुछ भी सीखा, उसकी वजह से वे यूपीएससी नामक बड़ी परीक्षा पास करने में सफल रहे और आईपीएस अधिकारी बन गए, जो पुलिस में एक खास नौकरी है। स्कूल खत्म करने के बाद अमिताभ और भी सीखने के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज नामक एक प्रसिद्ध स्कूल से स्नातक किया। फिर, वे आगे की पढ़ाई के लिए आईआईटी कानपुर नामक जगह चले गए। बहुत समय पहले, 1996 में अमिताभ यश नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी बनने के लिए एक बड़ी परीक्षा पास की। दो साल बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश नामक जगह पर पुलिस के लिए काम करना शुरू कर दिया। उनकी पहली नौकरी संत कबीर नगर नामक एक कस्बे में थी। 11 महीने बाद, वे बाराबंकी नामक दूसरी जगह चले गए। उसके बाद उन्होंने हरदोई, जालौन, सहारनपुर, महाराजगंज, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा और कानपुर जैसे कई अलग-अलग शहरों में काम किया।
2007 में, उन्होंने STF नामक एक विशेष पुलिस टीम के नेता के रूप में एक नई नौकरी शुरू की। इस दौरान, उन्होंने ददुआ नामक एक बहुत ही खतरनाक अपराधी को पकड़ने में मदद की, जो वास्तव में बहुत बुरा था क्योंकि उसने बहुत से लोगों को चोट पहुँचाई थी – 150 से भी ज़्यादा! ददुआ का असली नाम शिव कुमार पटेल था और वह 30 साल तक चंबल नामक जगह पर बहुत ही खौफनाक होने के लिए जाना जाता था। यहाँ तक कि बड़े-बड़े लोग भी उससे डरते थे। 2017 में, वह STF में उच्च पद पर आसीन हो गया और 2021 तक उसे और भी बड़ी नौकरी मिल गई। इसी साल जनवरी में, उसे यूपी नामक जगह में ADG लॉ एंड ऑर्डर नामक एक नया पद दिया गया।
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