Punjab
Ludhiana West Bypoll से पहले Congress को करारा झटका, सैकड़ों कार्यकर्ता और ProminentBusinessmen ‘AAP’ में शामिल

लुधियाना वेस्ट उपचुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी को एक और तगड़ा झटका लगा है। वार्ड नंबर 65 से कांग्रेस के सैकड़ों नेता और कार्यकर्ता आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए हैं। इसके साथ ही शहर के कई जाने-माने कारोबारियों ने भी ‘आप’ में शामिल होने का एलान कर दिया है।
शनिवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी पंजाब के कार्यकारी अध्यक्ष अमनशेर सिंह शैरी कलसी ने इन सभी नेताओं और कारोबारियों का पार्टी में स्वागत किया। कार्यक्रम में आप पंजाब के महासचिव हरचंद सिंह बरसट, डॉ. सनी आहलूवालिया, विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा, पार्टी नेता रमन बहल और दिल्ली सरकार की पूर्व मंत्री राखी बिड़ला भी मौजूद रहीं।
ये हैं ‘आप’ में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरे:
वार्ड नंबर 65 से कांग्रेस छोड़कर ‘आप’ में आने वाले नेताओं में एडवोकेट बॉबी कुमार, एडवोकेट अर्जुन गांधी, सोनू कल्याण, रवि, अंकुर, मनोज, सचिन, कवि, रवि अटवाल, निखिल, वंश, नीटू बिड़ला, मोनू बिड़ला, पुलकित, रितिक, राम, लक्ष्मण, सोनू शर्मा, मनोज चनालिया, अमित सूद, साहिल तिसवर, विक्की, और अक्ष जैसे नाम शामिल हैं। इसके अलावा सुरिंदर सिंह, प्रिंसिपल मंजू, गीता और क्रिस्टी चौहान भी ‘आप’ में शामिल हो गईं।
वहीं लुधियाना के जाने-माने कारोबारी हिमांशु महाजन, दीपक बेरी, सुरेश बत्रा, सुरेश जिंदल, विक्की मल्होत्रा, विशाल खोसला, विकास खोसला, अमित दत्ता, नितीश जसरा, लवनीश अरोड़ा, हरमेश अरोड़ा, मनप्रीत सेखों, मनिंदर सिंह, साहिल सिद्धू, और प्रभदीप सिंह जैसे नामों ने भी आम आदमी पार्टी का दामन थामा।
‘आप’ सरकार पर बढ़ता भरोसा: शैरी कलसी
इस मौके पर शैरी कलसी ने कहा कि यह सिर्फ पार्टी का विस्तार नहीं है, बल्कि यह लोगों के भरोसे का संकेत है। उन्होंने कहा, “AAP सरकार की ईमानदारी, काम करने के तरीके और विकास मॉडल ने लोगों को प्रभावित किया है। आज जो लोग हमारे साथ जुड़े हैं, वो समाज के हर वर्ग से हैं — वकील, कारोबारी, प्रोफेशनल्स और युवा।”
कलसी ने आगे कहा कि लुधियाना वेस्ट की जनता का जोश और भरोसा देखकर यह साफ है कि “आप उम्मीदवार संजीव अरोड़ा की जीत अब सिर्फ औपचारिकता रह गई है।”
कुल मिलाकर, लुधियाना वेस्ट में आम आदमी पार्टी का ग्राफ लगातार ऊपर जा रहा है और कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कार्यकर्ताओं और कारोबारियों का इस तरह पार्टी में आना बताता है कि उपचुनाव में ‘आप’ का पलड़ा भारी हो सकता है।