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‘Constitution Murder Day’ पर बोले PM Modi– “हम Democracy के Protecter हर Warrior को Salute करते हैं”

25 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में 1975 में लगे आपातकाल (Emergency) की 50वीं बरसी पर इसे ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में याद किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर कई पोस्ट शेयर करते हुए उस दौर की घटनाओं को याद किया और लोकतंत्र की रक्षा में जुटे लोगों को श्रद्धांजलि और सम्मान दिया।
क्या था Emergency?
25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया था, जो कि 21 महीने (मार्च 1977 तक) चला। इस दौरान:
- संविधान में निहित मौलिक अधिकारों को सस्पेंड कर दिया गया,
- प्रेस की आज़ादी छीन ली गई,
- हजारों राजनीतिक विरोधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को बिना किसी मुकदमे के जेल में डाल दिया गया।
देशभर में डर का माहौल था और लोकतंत्र पर गहरा संकट था।
पीएम मोदी का भावुक संदेश
पीएम मोदी ने लिखा:
“आज भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक, आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे संविधान की मूल आत्मा को कुचल दिया गया था।”
उन्होंने कहा कि जो लोग आज लोकतंत्र की बात करते हैं, वही कभी लोकतंत्र को खत्म करने वालों में शामिल थे।
लोकतंत्र बचाने वाले योद्धाओं को नमन
एक अन्य पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा: “हम आपातकाल के खिलाफ डटकर खड़े रहे हर व्यक्ति को सलाम करते हैं। वे भारत के हर कोने से थे, अलग-अलग विचारधाराओं से थे, लेकिन एकजुट होकर लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़े।”
उन्होंने बताया कि जनता के दबाव के चलते उस समय की कांग्रेस सरकार को लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई।
पीएम मोदी ने साझा किया अपना अनुभव
पीएम मोदी ने बताया कि जब आपातकाल लगा था, तब वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक युवा प्रचारक थे। उन्होंने इस दौर को अपने लिए सीखने का अनुभव बताया।
“आपातकाल विरोधी आंदोलन से मुझे लोकतंत्र की अहमियत को गहराई से समझने का मौका मिला। मैंने अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं से जुड़े लोगों से बहुत कुछ सीखा।”
‘The Emergency Diaries’ नामक किताब का विमोचन
प्रधानमंत्री मोदी ने ब्लू क्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित नई किताब ‘The Emergency Diaries – Years That Forged a Leader’ का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि इस किताब में आपातकाल के दौरान के अनुभवों और संघर्षों को दस्तावेज़ की तरह प्रस्तुत किया गया है।
- इस किताब की प्रस्तावना पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने लिखी है।
- इसका विमोचन आज केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा किया गया।
लेटेस्ट अपडेट
- अमित शाह ने किताब विमोचन कार्यक्रम में कहा कि – “आपातकाल की सच्चाई को जानना हर युवा भारतीय के लिए जरूरी है, ताकि फिर कभी लोकतंत्र पर आंच न आए।”
- भाजपा ने इस अवसर पर देशभर में कई जगह ‘लोकतंत्र बचाओ मार्च’ और सेमिनार्स का आयोजन किया है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश सिर्फ अतीत की याद नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहने का आह्वान भी है। यह दिन उन लोगों की याद दिलाता है जिन्होंने बोलने की आज़ादी, अभिव्यक्ति के हक और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष किया।