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बजरंग के बाद विनेश फोगाट ने किया अवार्ड वापसी का ऐलान

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नेशनल डेस्कः पहलवान बजरंग पुनिया के बाद अब विनेश फोगाट ने भी अपने अवार्ड लौटाने का ऐलान कर दिया है। विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ। इस हालत में पहुँचाने के लिए ताकतवर का बहुत बहुत धन्यवाद। विनेश ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लेटर को शेयर करते हुए लिखा, “मैं अपना मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड वापस कर रही हूँ।“ हालांकि, खेल मंत्रालय ने कुश्ती फेडरेशन को भंग कर दिया है। विनेश का यह फैसला फेडरेशन को भंग करने के दो दिन बाद आया है।

गौरतलब है कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नई संस्था की मान्यता रद्द कर दी है। मंत्रालय ने WFI के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी निलंबित कर दिया है। नए अध्यक्ष संजय सिंह ने घोषणा कर दी थी कि अंडर 15 और अंडर 19 के मुकाबले गोण्डा में होंगे, जबकि इसके लिए नियमों का पालन नही किया गया। इस वजह से खेल मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। खेल मंत्रालय ने नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों को भी निरस्त करने का फैसला किया है। खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया। हमने महासंघ को बर्खास्त नहीं किया है बल्कि अगले आदेश तक निलंबित किया है। उन्हें बस उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।”

बता दें कि, गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह को पूर्व WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। संजय सिंह को अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहलवानों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पहलवानों का कहना था कि वह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं और ऐसे में डब्ल्यूएफआई में किसी भी तरह के सुधार की उम्मीद नजर नहीं आती। सिंह के अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली रेसलर साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। वहीं, बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री भी लौटा दिया था।

बताते चलें कि पिछले हफ्ते भारतीय कुश्ती संघ चुनाव के फैसले के तुरंत बाद साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया। पूनिया ने एक दिन बाद ‘एक्स’ पर बयान जारी कर कहा, ‘‘मैं अपना पद्श्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा बयान है। ” इस पत्र में उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लेकर उनके करीबी के चुनाव जीतने तक तथा सरकार के एक मंत्री से हुई बातचीत और उनके आश्वासन के बारे में बताया। और अंत में पद्श्री लौटाने की बात कही।

पूनिया ने लौटाया पद्मश्री
पूनिया ने लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस व्यस्तता के बीच आपका ध्यान देश की कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। ” उन्होंने लिखा, ‘‘आपको पता होगा कि इस साल जनवरी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगायो थे। मैं भी उनके आंदोलन में शामिल हो गया था। सरकार ने जब ठोस कार्रवाई की बात की तो आंदोलन रूक गया था। ”

अपनी निराशा व्यक्त करते हुए इस स्टार पहलवान ने लिखा, ‘‘लेकिन तीन महीने तक बृजभूषण के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी। हम अप्रैल में फिर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने लगे ताकि पुलिस कम से कम उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करे। ” पूनिया ने लिखा, ‘‘जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल आते आते सात रह गई। यानी इन तीन महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया। ”

जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पत्र सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया। पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है। अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता। मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं। ”

तीनों पहलवानों ने किया चुनावों का विरोध
आंखों में आंसू लिये रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को यहां बृज भूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष पद के चुनाव में जीत का विरोध करते हुए अपने कुश्ती के जूते टेबल पर रखे और कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की। डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की।

टेबल पर अपने जूते रखकर साक्षी ने नाटकीय अंदाज में संन्यास की घोषणा की। साक्षी की आंखों में आंसू थे, उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी लेकिन बृजभूषण जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं। आज के बाद आप मुझे मैट पर नहीं देखोगे। ”

राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता 31 वर्षीय साक्षी ने कहा, ‘‘हम एक महिला अध्यक्ष चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ” साक्षी के 13 साल के करियर का आकर्षण 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतना रहा, उन्होंने अपने करियर में राष्ट्रमंडल खेलों में तीन पदक जीते जिसमें 2022 चरण का स्वर्ण पदक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने एशियाई चैम्पियनशिप में भी चार पदक अपने नाम किये। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बनी थीं।

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Sandeep Pathak: जो भी हमें कमजोर आंकेगा, वो भविष्य में स्वयं पछताएगा

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हरियाणा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के बारे में काफी चर्चा हो रही है। आम आदमी पार्टी के Sandeep Pathak पाठक ने कहा कि वे तैयार हैं और बस पार्टी की ओर से उन्हें क्या करना है, इसका इंतजार कर रहे हैं। एक बार उन्हें हरी झंडी मिल जाए, तो वे अपनी योजनाओं को साझा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे हर जगह मजबूती से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं और जो लोग सोचते हैं कि वे गंभीर प्रतियोगी नहीं हैं, उन्हें बाद में आश्चर्य होगा।

आम आदमी पार्टी (आप) की ओर से बात करने वाली प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि वे अभी भी हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोई भी विवरण साझा करना जल्दबाजी होगी। आप वहां सभी चुनावों में उतरने के लिए तैयार है और मजबूत महसूस कर रही है, क्योंकि उनके पास एक अच्छी टीम है। वे एक-दो दिन में सभी को बता देंगे कि उनके उम्मीदवार कौन हैं और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही साथ मिलकर काम करने के बारे में फैसला हो जाएगा।

राघव चड्ढा ने कहा कि उनका मानना ​​है कि देश और हरियाणा की भलाई के लिए विभिन्न समूहों को साथ मिलकर काम करना चाहिए। लेकिन उन्होंने इस बारे में बात नहीं की कि वे नौकरियों या पदों को कैसे साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि अभी वे हरियाणा में कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर काम करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे सबकी मदद के लिए साथ आ सकते हैं।

राघव चड्ढा ने बताया कि हरियाणा में लोग अभी भी साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं, लेकिन वे अभी हर छोटी-बड़ी बात साझा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ अच्छा होने की उम्मीद है। हरियाणा में 90 सीटों के लिए लोग 5 अक्टूबर को मतदान करेंगे और विजेताओं की घोषणा 8 अक्टूबर को की जाएगी। अभी यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) काबिज है और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं।

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बच्चों और महिलाओं के लिए Ambala में फ्री में शुरू करवाई ई-रिक्शा, संस्था कर रही सेवा प्रदान

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दुनिया में जैसे-जैसे चीजें बदल रही हैं, वैसे-वैसे महिलाओं को देखने का हमारा नज़रिया भी बदल रहा है। आजकल महिलाओं के साथ पुरुषों जैसा ही व्यवहार किया जाता है। Ambala में, समुदाय की मदद करने वाले एक समूह ने सिर्फ़ महिलाओं और बच्चों के लिए एक मुफ़्त ई-रिक्शा सेवा शुरू की है। इस सेवा का उद्देश्य उन्हें आसानी से और सुरक्षित तरीके से अपनी ज़रूरत के स्थान पर पहुँचने में मदद करना है।

नन्हे कदम ट्रस्ट एक विशेष समूह है जो महिलाओं और बच्चों की मदद करता है। उन्होंने एक ऐसी सेवा शुरू की है जिसके तहत महिलाएँ मुफ़्त ई-रिक्शा चला सकती हैं, जो छोटी इलेक्ट्रिक बसों की तरह हैं, ताकि वे सुबह काम पर जा सकें और बिना कोई पैसा दिए घर वापस आ सकें। बच्चे भी इस मुफ़्त ई-रिक्शा सेवा का इस्तेमाल सुबह स्कूल जाने और स्कूल के बाद घर वापस आने के लिए कर सकते हैं। इसका मुख्य लक्ष्य बच्चों को सुरक्षित रखना और यात्रा के दौरान उन्हें धूप में ज़्यादा गर्मी से बचाना है।

अंबाला शहर में अब महिलाओं के लिए एक विशेष ई-रिक्शा सेवा उपलब्ध है। वे सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक इन ई-रिक्शा में मुफ़्त सवारी कर सकती हैं। इसका मतलब है कि महिलाएँ बिना कोई पैसा दिए अपनी मर्ज़ी से कहीं भी जा सकती हैं। साथ ही, बच्चे भी इस सेवा का इस्तेमाल मुफ़्त में स्कूल जाने और घर वापस आने के लिए कर सकते हैं!

यह विचार महिलाओं की मदद करने के बारे में है क्योंकि वे आज हमारी दुनिया में बहुत सारे महत्वपूर्ण काम करती हैं। हम उनके लिए चीजों को आसान बनाना चाहते हैं। साथ ही, बुजुर्ग लोग इस ई-रिक्शा सेवा का मुफ़्त उपयोग कर सकते हैं, जो उनके लिए भी बहुत मददगार है!

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कांग्रेस में शामिल होने जा रही Vinesh Phogat, हरियाणा की इस विधानसभा सीट से लड़ेंगी चुनाव

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हरियाणा की महिला पहलवान Vinesh Phogat राजनीति में उतरने की योजना बना रही हैं। वह कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव लड़ेंगी। आज सुबह 11:30 बजे वह आधिकारिक तौर पर दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होंगी। कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रचार के दौरान एक अन्य पहलवान बजरंग पुनिया से भी मदद मांग सकती है। विनेश तीन जगहों में से किसी एक से चुनाव लड़ने के बारे में सोच रही हैं: चरखी दादरी, बाढड़ा या जुलाना। यह जानना जरूरी है कि विनेश ने भाजपा पार्टी के एक नेता पर खराब व्यवहार का आरोप लगाया था। कांग्रेस पार्टी इस आरोप का इस्तेमाल मौजूदा सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ चुनाव में करना चाहती है।

पिछले साल जब पहलवान विरोध कर रहे थे, तो प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे कुछ कांग्रेस नेताओं ने सार्वजनिक रूप से उनका समर्थन किया था। विनेश फोगट ने गुरुवार को राहुल गांधी नामक एक राजनेता से मुलाकात की और उनके साथ बजरंग पुनिया भी थे। राहुल गांधी ने उनकी मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की, जिससे लोगों को आश्चर्य हुआ कि क्या पहलवान राजनीति में शामिल होना चाहते हैं। कुछ लोगों का मानना ​​है कि चरखी दादरी से आने वाली विनेश वहां चुनाव लड़ सकती हैं।

लेकिन चूंकि उनका परिवार काफी मशहूर है, इसलिए वे जींद जिले के जुलाना नामक नजदीकी जगह से चुनाव लड़ सकती हैं। विनेश फोगट हाल ही में काफी व्यस्त रही हैं। वे पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर किसानों का समर्थन करने गईं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगों को सुनना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए। विनेश ने किसानों से कहा कि वे उनके साथ खड़ी हैं और उनकी मांगें जायज हैं। जब उन्होंने पत्रकारों से बात की, तो उन्होंने बताया कि किसान अभी भी परेशान हैं क्योंकि उनकी जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि उन्हें लगता है कि पहलवान विनेश और बजरंग अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान राजनीति में उलझे हुए हैं। उनका मानना ​​है कि विरोध प्रदर्शन काफी बड़ा हो गया है और इसे राजनीतिक कारणों से शुरू किया गया है। उन्हें लगता है कि पहलवान कांग्रेस नामक एक राजनीतिक समूह से मदद लेने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे उन्हें लगता है कि उनके बीच कोई संबंध है। उनका मानना ​​है कि वे जो पहले कह रहे थे, वह अब स्पष्ट हो गया है।

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