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Barah Khurd: बाल विवाह निषेध टीम ने 12 वर्षीय बच्ची की शादी रुकवाई, परिवार को किया जागरूक

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Barah Khurd गांव में रविवार को बाल विवाह निषेध अधिकारी टीम ने समय पर कार्रवाई कर 12 वर्षीय बच्ची की शादी को रुकवाया। टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को बाल विवाह अधिनियम के तहत बालिका विवाह के दुष्परिणाम समझाए और भविष्य में बालिग होने तक शादी न करने का लिखित आश्वासन लिया।

घटना का विवरण

बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता को सूचना मिली कि बराह खुर्द गांव में एक 12 वर्षीय लड़की की शादी हो रही है। शादी के लिए बारात करनाल के शांपली गांव से आई थी।

टीम की त्वरित कार्रवाई

सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान। मौके पर पहुंचकर टीम ने परिजनों से लड़की के जन्म संबंधी दस्तावेज मांगे। शुरुआत में परिवार ने शादी न होने की बात कहकर स्थिति को टालने की कोशिश की। अन्य ग्रामवासियों और गवाहों को बुलाने के बाद परिजनों ने दस्तावेज पेश किए।

जांच के परिणाम

दूल्हा-दुल्हन की उम्र में लगभग 19 साल का अंतर पाया गया। परिजनों ने बताया कि वे अनपढ़ हैं और कानून की जानकारी के अभाव में शादी का निर्णय लिया।

परिवार को दी गई चेतावनी और सलाह

सहायक बाल विवाह निषेध अधिकारी रवि लोहान ने परिजनों को कानून का पालन करने की चेतावनी दी। परिजनों को बताया गया कि नाबालिग की शादी करना बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत अपराध है। परिवार ने आश्वासन दिया कि बालिग होने के बाद ही लड़की की शादी करेंगे।

समुदाय का सहयोग

कार्रवाई के दौरान एम.डी.डी. ऑफ इंडिया के जिला समन्वयक नरेंद्र शर्मा और सामुदायिक सामाजिक कार्यकर्ता रमन ने भी परिजनों को जागरूक किया।

लिखित बयान और भविष्य की कार्रवाई

परिवार ने लिखित रूप से यह वादा किया कि वे कानून का पालन करेंगे। यदि भविष्य में नाबालिग लड़की की शादी की कोशिश की गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बाल विवाह निषेध टीम की तत्परता और जागरूकता प्रयासों ने न केवल एक बच्ची को बाल विवाह से बचाया, बल्कि समुदाय में बाल विवाह के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई। यह कदम बाल अधिकारों और लड़कियों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

Editor Two

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