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पाकिस्तान में तोड़ दिए गए हिंगलाज माता मंदिर व UNESCO धरोहर शारदा पीठ, हिंदुओं ने किया विरोध

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पेशावरः पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है और इसी श्रृंखला में अधिकारियों द्वारा लगातार हिंदू पूजा स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है। सिंध प्रांत में हिंगलाज माता मंदिर (मंदिर) धार्मिक अल्पसंख्यकों पर इस कार्रवाई का शिकार हो गया। कोर्ट के आदेश के बाद हिंदू मंदिर तोड़े जाने की कार्रवाई की गई।थारपारकर जिले के अधिकारियों ने मीठी शहर में विध्वंस को उचित ठहराने के लिए अदालत के आदेश का हवाला दिया।

इस दौरान वहां मौजूद हिंदू समुदाय ने नारे लगाए और मंदिर तोड़े जाने का तीव्र विरोध किया। मीठी शहर पाकिस्तान का हिंदू बहुल इलाका है। यहां बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग रहते हैं। हिंदू बहुल मीठी शहर को देखने के लिए पूरे पाकिस्तान से लोग आते हैं। इसके अलावा नियंत्रण रेखा (LoC ) के पास यूनेस्को धरोहर में शामिल एक और हिंदू स्थल शारदा पीठ मंदिर (मंदिर) के विध्वंस का पता चलता है। यह कार्रवाई मंदिर की सुरक्षा के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद हुई। रिपोर्ट में मंदिर के पास एक कॉफी हाउस के निर्माण का भी संकेत दिया गया है, जिसका उद्घाटन इस साल नवंबर में होना है।

पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ इस तरह के अत्याचार कोई अलग घटनाएँ नहीं हैं। समुदाय को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें लक्षित हिंसा, हत्याएं और उनकी भूमि पर अतिक्रमण शामिल हैं। ध्वंस अंतरराष्ट्रीय संरक्षण प्रयासों का खंडन करता है और क्षेत्र में सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत की रक्षा के बारे में सवाल उठाता है। ये घटनाएं देश में हिंदुओं पर चल रहे उत्पीड़न को रेखांकित करती हैं। पाकिस्तान में गैर मुस्लिमों के साथ ऐसे अभियान पहले भी होते रहे हैं। वहीं हिंदू और सिख समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाओं पर पाकिस्तान की सरकार द्वारा कोई ​ठोस निर्णय नहीं लिए जाते। सरकार मूकदर्शक बनी रहती है। इससे हिंदुओं के साथ ही सिख धर्म के लोगों की भावनाएं भी आहत होती हैं।

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