Uttar Pradesh
निषाद पार्टी के अध्यक्ष बोले, Supreme Court गरीबों के साथ, इसमें गलत क्या
डॉ. संजय निषाद उत्तर प्रदेश में निषाद पार्टी नामक पार्टी के नेता हैं। वे Supreme Court के इस बड़े फैसले से सहमत हैं कि नौकरी और शिक्षा के लिए किसे विशेष मदद मिलनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन लोगों को मदद की जरूरत है, उनमें से भी यह तय करने का तरीका होना चाहिए कि किसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। इस विचार को “क्रीमी लेयर” कहा जाता है। डॉ. संजय की अपनी पार्टी भाजपा में भी कुछ लोग इस विचार से सहमत नहीं हैं और इस पर राजनीति में काफी चर्चा और बहस हो रही है।
बुधवार को अपने घर पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हमेशा कमजोर लोगों की मदद की है। पार्टी का नाम “निषाद पार्टी” दरअसल “निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल” है, जिसका मतलब है कि वे भारत में कमजोर लोगों की मदद करने की परवाह करते हैं। उन्होंने राज्य में 10 सीटों के लिए होने वाले आगामी चुनावों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी अपने पार्टी चिन्ह के जरिए मझवा और कटेहरी नामक दो जगहों पर जीतने की कोशिश करेगी। लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए की बैठक में सीटों पर चर्चा कर सहमति बनाई जाएगी।
संजय निषाद ने कहा कि एससी-एसटी वर्ग के लिए विशेष नियम होना चाहिए, ताकि लाभ उन लोगों को मिले, जिन्हें वास्तव में उनकी जरूरत है। कुछ बड़ी राजनीतिक पार्टियों को यह विचार पसंद नहीं है, क्योंकि उन्हें डर है कि इससे उनके वोटर छिन जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट गरीब लोगों की मदद करना चाहता है, तो यह अच्छी बात है। उनका मानना है कि लोगों को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर बहस या लड़ाई नहीं करनी चाहिए।
एक विशेष चुनाव के दौरान निषाद पार्टी के नेता ने कहा कि वे एनडीए समूह के मित्र हैं। वे भाजपा के साथ मिलकर सभी 10 सीटें जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। निषाद पार्टी के लोग 2022 के चुनाव में मझवा और कटेहरी नामक जगहों पर चुनाव लड़ रहे हैं। वे इन जगहों के बारे में भाजपा से बात कर रहे हैं। नेता ने 16 अगस्त को पार्टी के जन्मदिन समारोह की तैयारी के बारे में भी पत्रकारों से बात की।
पार्टी की शुरुआत के खास दिन पर वे इस बारे में बात करेंगे कि कैसे सभी को उचित मौका मिले। वे इस बात पर गौर करेंगे कि पिछले कुछ सालों में उन्होंने क्या अच्छा किया है और उन्हें अभी और क्या बेहतर करने की ज़रूरत है। वे इन चीज़ों के बारे में नेताओं से भी बात करेंगे। जो लोग कड़ी मेहनत कर रहे हैं, उन्हें मदद करने के लिए महत्वपूर्ण काम मिलेंगे।