Uttar Pradesh

Jhansi मेडिकल कॉलेज में भीषण अग्निकांड: नर्स की बहादुरी से बचे 15 नवजात, 10 की मौत

Published

on

उत्तर प्रदेश के Jhansi स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शनिवार को हुए दिल दहलाने वाले अग्निकांड में 10 नवजात बच्चों की जान चली गई। इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। वहीं, एक नर्स की बहादुरी और तत्परता ने 15 मासूमों की जान बचाने का कारनामा कर दिखाया। नर्स मेघा जेम्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने साथियों के साथ मिलकर इन बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।

अफरा-तफरी के बीच दिखाया साहस

अस्पताल के नवजात शिशु इकाई में अचानक आग लगने से पूरे वार्ड में अफरा-तफरी मच गई थी। धुएं और अंधेरे के बीच नर्स मेघा ने अपने कर्तव्य का परिचय देते हुए 15 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान मेघा के कपड़ों का एक हिस्सा और चप्पल जल गई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

घटना का विवरण

मेघा ने बताया, “मैं एक बच्चे को टीका लगाने के लिए सिरिंज लेने गई थी। वापस आने पर देखा कि कंसंट्रेटर में आग लगी हुई थी। मैंने तुरंत वार्ड बॉय को बुलाया, जिसने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग फैल चुकी थी।”
घटना के दौरान बिजली कट जाने से अंधेरा छा गया, और चारों तरफ घना धुआं फैल गया। मेघा के शब्दों में, “धुएं और अंधेरे के कारण कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। मेरी चप्पल और सलवार में आग लग गई थी, लेकिन मैं और स्टाफ ने मिलकर बच्चों को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की।”

और बच्चों को बचाया जा सकता था

मेघा ने दुख व्यक्त करते हुए कहा, “अगर बिजली होती और हमें कुछ समय पहले घटना का अंदेशा होता, तो हम और भी बच्चों को बचा सकते थे।”

सुरक्षा पर सवाल

इस हादसे ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्थाओं और आपातकालीन प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। नर्स मेघा की बहादुरी ने जहां उम्मीद की किरण दिखाई, वहीं इस त्रासदी ने प्रशासन को बेहतर इंतजाम करने की चेतावनी दी है।

झांसी के इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है और यह याद दिलाया है कि अस्पतालों में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है।

Editor Two

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version