Uttar Pradesh

‘काल का ध्यान रखोगे तो महाकाल भी देंगे साथ’, पुलिस मंथन के समापन पर CM Yogi का सख्त संदेश

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानून के राज को सबसे बड़ी ताकत बताया। उन्होंने कहा कि कानून का राज ही वह आधार है, जिसने यूपी में लोगों के मन से असुरक्षा का भाव दूर किया और विश्वास का वातावरण बनाया। यहां सुरक्षा और कानून का राज है, इसलिए प्रदेश निवेश का ड्रीम डेस्टिनेशन भी बना है। कानून का राज ही विश्वास पैदा करता है और लोकतंत्र को मजबूत बनाता है। सीएम योगी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि देश भर में यूपी मॉडल की चर्चा है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को पुलिस हेडक्वार्टर में आयोजित “पुलिस मंथन” वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के समापन समारोह में कही। मुख्यमंत्री ने पुलिस मंथन के अभिनव प्रयास के लिए डीजीपी व उनकी टीम को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने पदक अलंकरण समारोह में पुलिस अधिकारियों व कार्मिकों को सम्मानित किया और सभी 11 सत्र की चर्चा की।

लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण कड़ी, उनसे संवाद जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि ह्यूमन इंटेलिजेंस हम सबका सबसे बड़ा हथियार है, इसका बेहतर उपयोग कर सकते हैं। सीएम ने संवाद पर जोर देते हुए कहा कि थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा, सर्किल इंचार्ज, जिले के कप्तान, रेंज व जोन के अधिकारियों को भी अलग-अलग तबके के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए। त्योहारों पर पीस कमेटी की बैठक बुलाते हैं, लेकिन अन्य अवसरों पर भूल जाते हैं। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि महत्वपूर्ण कड़ी हैं। महीने में उनके साथ बैठें। कोई भी जनप्रतिनिधि गलत कार्य के लिए नहीं बोलता है। उन्हें वास्तविक स्थिति से अवगत कराएं, उनका फोन रिसीव करें। साथ ही समाज के अलग-अलग पृष्ठभूमि (धर्माचार्यों, उद्यमियों, व्यापारियों) से भी संवाद करें। इससे धरातल की हकीकत पता चलेगी। केवल मुख्यालय पर बैठकर पुलिसिंग नहीं हो सकती।

थाना, सर्किल, पुलिस लाइन में भी बेहतर समन्वय पर सीएम का जोर
सीएम योगी ने थाना, सर्किल, पुलिस लाइन में भी बेहतर समन्वय पर जोर दिया। बोले-घटना घटित होती है तो थाना इंचार्ज को जवाबदेह बनाते हैं। सर्किल की भूमिका और समन्वय में कितना योगदान दे रहा है, हमने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया। यदि तीनों में बेहतर समन्वय बना लें तो सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में यह बड़ा योगदान दे सकता है। पुलिस बल का दोस्ताना व्यवहार व संवेदना आमजन की समस्या का समाधान करती है और उनके मन में पुलिस के प्रति बेहतर धारणा भी बनाती है।

सीएम ने पुलिस अधिकारियों से कहा- आपको कार्य करने की दी गई स्वतंत्रता
सीएम बोले, हमने प्रयास किया कि राजनीतिक हस्तक्षेप न्यूनतम रहे। आपको कार्य करने की स्वतंत्रता दी गई है, ताकि आप परफॉर्म कर सकें। सीएम ने पुलिस कर्मियों के दायित्व पर भी चर्चा की। अब औसतन पुलिस अधिकारी न्यूनतम दो वर्ष तक जनपद-रेंज में सेवा देते हैं, पिछले आंकड़ों बताते हैं कि पहले एक महीने, तीन-चार महीने या कुछ ही दिन में स्थानांतरण हो जाता था। जब तक वह सामाजिक और भौगोलिक स्थिति को समझते, उससे पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता था। इससे अव्यवस्था पैदा होती थी, लेकिन अब स्थिरता दी गई।

अपने आचरण व व्यवहार से बनाएं जगह
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि मैं अलग-अलग तबके से बात करता हूं। अच्छे पुलिस अधिकारी का स्थानांतरण होता है तो आमजन सिफारिश करते हैं कि अच्छा अधिकारी था, लेकिन जब गलत व्यक्ति को हटाया जाता है तो पब्लिक हमें धन्यवाद देती है कि इस बला को टाल दिया। हम दोनों स्थितियों को फेस करते हैं और आमजन से कहते हैं कि अच्छे अधिकारी को दूसरी जगह भी काम करना चाहिए। अन्य जगहों पर भी अच्छाई का लाभ मिले। प्रयास करना चाहिए कि अपने आचरण और व्यवहार से उसे और सुदृढ़ करें।

विकसित व आत्मनिर्भर भारत के लिए राज्यों की भी भूमिका तय
सीएम योगी ने कहा कि 2047 तक भारत विकसित व आत्मनिर्भर हो, इसमें केवल भारत सरकार ही नहीं, बल्कि राज्य सरकारों की भी भूमिका है। उन्होंने कहा कि साढ़े आठ वर्षों में हमारे प्रति धारणा बदली है। यदि यूपी में ऐसे ही दंगे, गुंडागर्दी, अराजकता, कर्फ्यू रहता तो हमारे बारे में भी धारणाएं नहीं बदलतीं। धारणा बदलने के लिए हमने प्रयास किया। हर व्यक्ति को कानून के दायरे का अहसास कराया, इसलिए अब हर व्यक्ति मानता है कि यूपी में परिवर्तन हुआ है। सुरक्षा नहीं होती तो इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं होता। देश का 55 फीसदी एक्सप्रेसवे यूपी में है, यह सभी पिछले साढ़े 8 वर्ष में तैयार किए गए हैं। यूपी में एयर क्नेक्टिविटी का सबसे बड़ा नेटवर्क है। अगले महीने देश के सबसे बड़ा एयरपोर्ट का शुभारंभ भी होगा। यूपी में 16 हजार किमी. का रेल नेटवर्क है। सर्वाधिक शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा यूपी के पास है। देश की पहली रैपिड रेल व वाटरवे यूपी में संचालित हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने दिया था ‘स्मार्ट पुलिस’ का विजन


सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यूपी में हुए डीजीपी व आईजी कॉन्फ्रेंस में ‘स्मार्ट पुलिस’ का विजन दिया था। यह मंत्र था- स्टिक एंड सेंसेटिव, मॉडर्न एंड मोबाइल, अलर्ट एंड अकाउंटेबल, रिलायबल व रिस्पांसिव, टेक्नोसेवी एंड ट्रेंड। यह सूत्र कानून परिवर्तन के लिए भविष्य की चुनौतियों को लेकर मार्गदर्शन करता है। अधिकारियों को इन मंत्रों को जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा।

‘जनता दर्शन’ से मुझे पता चलती है जमीनी हकीकत


सीएम ने थाना प्रबंधन के सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि यह हमारी नींव है। आमजन के प्रति हमारा व्यवहार केवल संवेदनशीलता को ही प्रदर्शित नहीं करता, बल्कि ह्यूमन इंटेलिजेंस का भी माध्यम बनता है। मेरे पास जो भी सूचना आती है, अधिकांश की हकीकत ह्यूमन इंटेलिजेंस से ही पता चलती है। ‘जनता दर्शन’ में मैं इसलिए ही नियमित रूप से जाता हूं। फरियादी सिर्फ शिकायत नहीं करता, बल्कि उसके प्रार्थना पत्र और पीड़ा को देख जमीनी हकीकत का पता चलता है।

आपने काल का ध्यान रखा तो महाकाल भी सहयोग करेगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त संदेश भी दिया। सीएम योगी ने कहा कि अक्सर होता है कि कोई व्यक्ति काल का शिकार क्यों होता है? क्योंकि वह काल का ध्यान नहीं देता है। लेकिन यहां पर मुझे लगता है कि आपने काल का ध्यान रखा है तो महाकाल भी आपका सहयोग करेगा।

बदलती चुनौतियों के अनुरूप खुद को निरंतर अपडेट रखें


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था केवल नियंत्रण का विषय नहीं, बल्कि विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आह्वान किया कि बदलती चुनौतियों के अनुरूप खुद को निरंतर अपडेट रखें और समय रहते निर्णय लें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष जुलाई से लागू भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता न्याय आधारित व्यवस्था की नींव हैं। इन कानूनों के प्रति हर पुलिसकर्मी को जागरूक होना होगा और समाज के हर वर्ग तक इसकी जानकारी पहुंचानी होगी।

पुलिस ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जर्जर बैरकों में जवान रहने को मजबूर थे, लेकिन अब कई जिलों में हाईराइज पुलिस भवन बन चुके हैं। वर्षों से लंबित पुलिस लाइनों का निर्माण कराया गया है और संसाधनों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। हमने वह समय भी देखा है, जब जर्जर खपरैल और एसबेस्टस के नीचे जवानों को रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले 10 जनपद ऐसे थे, जहां पर दो-तीन दशक से पुलिस लाइन नहीं बन पाई थी। हम लोगों ने वहां पर सुविधाएं बढ़ाई। पीएसी की जिन कंपनियों को समाप्त किया गया था, उनका पुनर्गठन और महिला वाहिनियों का गठन किया गया।

महिला सशक्तिकरण और तकनीकी मजबूती


महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 13 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो गई है। महिला वाहिनियों का गठन, मिशन शक्ति, साइबर मुख्यालय, मॉडल थाने और आधुनिक संसाधनों से पुलिस को और सक्षम बनाया जा रहा है।

पुलिस मंथन’ बना भविष्य की दिशा तय करने वाला मंच
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मंथन केवल चर्चा का मंच नहीं, बल्कि नीति निर्माण और क्रियान्वयन का आधार है। हर सुझाव पर फॉलोअप, हर चुनौती पर रणनीति और हर निर्णय का मूल्यांकन जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस मंच को हर वर्ष आयोजित कर इसे स्थायी व्यवस्था बनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली चुनौतियां केवल कानून-व्यवस्था से जुड़ी नहीं होंगी, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर अपराध और सामाजिक स्थिरता से भी जुड़ी होंगी। ऐसे में समय, तकनीक और रणनीति तीनों पर समान ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि स्मार्ट पुलिसिंग और ‘विजन 2047 विकसित-आत्मनिर्भर भारत’ के लिए कैसी पुलिस चाहिए, उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दो दिन में रोडमैप तैयार किया गया। 11 सत्रों में 55 वक्ताओं का विचार भावी कार्ययोजना व रणनीति का महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होने वाला है। पुलिस मंथन अलग-अलग क्षेत्र में नवाचार, समसामयिक चुनौतियों से जूझने व उसकी रणनीति तैयार करने पर आधारित था। सीएम ने यूपी पुलिस की समयबद्धता की भी तारीफ की। सीएम ने प्रस्तुतिकरण के आधार बीट पुलिसिंग की चर्चा की।

मिशन शक्ति के सफलतम रिजल्ट की भी किया जिक्र


उन्होंने 2020 में प्रारंभ हुए मिशन शक्ति के सफलतम रिजल्ट का जिक्र किया। इसके पांचवें संस्करण की सफलता, महिला व बाल सुरक्षा, मानव तस्करी से जुड़ी चुनौतियों से जुड़े सत्र की भी बात हुई। सीएम ने कहा कि मिशन शक्ति से जुड़ी जो महिला बीट अधिकारी हैं, उनका भी ध्यान देना होगा। उन्हें स्कूटी उपलब्ध हो।

इस दौरान पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा, प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, निदेशक एसपीजी आलोक शर्मा, पुलिस महानिदेशक (कारागार) पीसी मीणा आदि मौजूद रहे।

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