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पशु क्रूरता रोकने के लिए Punjab सरकार ने कुत्ते पालने वालों और दुकानों का पंजीकरण किया अनिवार्य।

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Punjab सरकार ने पशु क्रूरता को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राज्य में कुत्ते पालने वालों और पालतू जानवरों की दुकानों का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा। यह पंजीकरण पशु क्रूरता निवारण (विनियमन) 2016 के अंतर्गत किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि जानवरों के प्रति अधिक मानवीय और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाए।

Punjab सरकार ने कुत्ते के प्रजनकों, पालतू जानवरों की दुकानों और पशु कल्याण संगठनों के लिए पंजीकरण को पंजाब पशु कल्याण बोर्ड के तहत अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय Punjab के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां की अध्यक्षता में पंजाब पशु कल्याण बोर्ड की बैठक में लिया गया, जो मोहाली शहर के पशुधन परिसर, सेक्टर-68, एसएएस नगर में आयोजित की गई थी।

गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि पशुओं के साथ क्रूरता को रोकने के लिए कुत्ता पालने वालों और पालतू जानवरों की दुकानों को कुत्ता प्रजनन एवं विपणन नियम 2016 के तहत पंजीकरण कराना होगा। इस कदम का मुख्य उद्देश्य जानवरों के प्रति असंवेदनशील और अमानवीय व्यवहार को रोकना और राज्य में जिम्मेदार प्रजनन प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

पशुपालन मंत्री ने बताया कि बोर्ड प्रजनकों और पालतू पशुओं की दुकानों की गतिविधियों की निगरानी और नियंत्रण करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे पशु स्वास्थ्य और कल्याण से जुड़े सभी मानकों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पशुओं के साथ किसी प्रकार का अमानवीय व्यवहार न हो, उनकी उचित देखभाल की जाए और अत्यधिक प्रजनन की गतिविधियाँ रोकी जाएं। इसके अलावा, पालतू जानवरों, जैसे कुत्तों और बिल्लियों, के विपणन में नैतिक प्रथाओं को बढ़ावा देने का उद्देश्य भी रखा जाएगा।

गुरमीत सिंह खुडियां ने बोर्ड के सदस्यों और संबंधित अधिकारियों को पशुपालकों और पालतू जानवरों की देखभाल और कल्याण के नियमों के बारे में जागरूक करने की सलाह दी। इस बैठक में पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव राहुल भंडारी, निदेशक डॉ. गुरशरणजीत सिंह बेदी, और बोर्ड के सदस्य अमित चौहान, सुरजीत सिंह बेहर, और डॉ. नरेंद्र घग्गन भी उपस्थित थे।

पशुपालन मंत्री ने बोर्ड के सदस्यों से आग्रह किया कि वे पशुओं के अधिकारों और नियमों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करें, ताकि पशुओं के प्रति असंवेदनशील और क्रूर व्यवहार को रोका जा सके।

Editor Two

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