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दिल्ली में Bhagwant Mann के सरकारी आवास पर छापेमारी, राजनीति गरमाई

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पंजाब के मुख्यमंत्री और दिल्ली विधानसभा चुनाव के स्टार प्रचारक Bhgawant Mann के सरकारी आवास कपूरथला हाउस पर छापेमारी की गई है। चुनावी माहौल में इस छापेमारी ने दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीति को और भी गरमा दिया है।

आम आदमी पार्टी ने इस कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस की एक टीम भगवंत मान के घर पर छापेमारी करने पहुंची है। हालांकि, कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यह छापेमारी चुनाव आयोग की टीम द्वारा की गई थी। अब सवाल यह है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के सरकारी आवास पर किसने छापा मारा?

असल में, चुनाव आयोग चुनाव के दौरान शिकायतों का तुरंत निपटारा करने के लिए एक विशेष टीम गठित करता है। इस टीम का हिस्सा होती है फ्लाइंग स्क्वायड टीम (एफएसटी), जो रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) के अधीन काम करती है। जब सी-विजिल ऐप पर कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो एफएसटी तुरंत सक्रिय हो जाती है और त्वरित कार्रवाई करती है। अगर एफएसटी को लगता है कि पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता है, तो वे राज्य पुलिस को सूचित करते हैं, और इसके बाद पुलिस सुरक्षा में एफएसटी घटनास्थल पर पहुंचती है और तलाशी अभियान चलाती है।

अब दूसरा बड़ा सवाल यह है कि सी-विजिल ऐप पर किसी शिकायत के मिलने के बाद चुनाव आयोग क्या कार्रवाई करता है और क्या इसके लिए कोई समय सीमा होती है? इस संबंध में नियमों के अनुसार, सी-विजिल ऐप पर शिकायत मिलने के 100 घंटे के भीतर कार्रवाई की जानी चाहिए। भगवंत मान के मामले में भी एफएसटी ने इस प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की थी।

चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, सी-विजिल ऐप पर चुनावी अनियमितता की शिकायत मिलते ही एफएसटी तुरंत कार्रवाई करती है। भगवंत मान के मामले में सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग की ओर से कोई छापेमारी आदेश नहीं दिया गया था। एफएसटी ने मानक प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करते हुए कपूरथला हाउस में नकदी वितरण के संबंध में मिली शिकायत पर तलाशी ली।

Editor Two

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