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Provident Fund धारकों के लिए जरूरी खबर, Retire हो चुके कर्मचारियों की पहचान कर रहा विभाग

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पंजाब डेस्क: इम्प्लाइज प्रोवीडैंट फण्ड आर्गेनाईजेशन (ई.पी.एफ.ओ.) उन लोगों के लिए बड़ा मददगार बनकर खड़ा हुआ है, जिन लोगों की मृत्यु किसी भी कारण से हो चुकी है और उनके परिजनों को इस बात का पता ही नहीं है कि मरने वाले व्यक्ति के पी.एफ. खाते में कितने प्रकार का फंड बचा है।

डिपार्टमैंट ऐसे लोगों की भी पहचान करने में जुटा है, जो सेवानिवृत्त तो हो चुके हैं, लेकिन पैंशन के लिए ई.पी.एफ.ओ. में अप्लाई नहीं किया है। ई.पी.एफ.ओ. ने अब 15 साल पुराने उन सभी पी.एफ. खातों को खंगालना शुरू कर दिया है, जिन लोगों का पैसा अभी भी अलग-अलग स्कीमों के तहत पी.एफ. खातों में जमा है। इस पर पी.एफ. कमिश्नर रीजनल ऑफिस लुधियाना सौरभ स्वामी ने कहा कि जिस व्यक्ति का पी.एफ. कटता है और उस व्यक्ति की अगर मृत्यु हो चुकी है तो उसके परिजन भी सीधे पी.एफ. ऑफिस में संपर्क कर सकते हैं।

पी.एफ. धारक का तीन प्रकार से जमा होता है पैसा
ई.पी.एफ.ओ. की तरफ से पी.एफ. खाते में तीन प्रकार की स्कीम पी.एफ., इंश्योरेंस और पेंशन स्कीम का पैसा जमा होता है। अक्सर ये देखने में आया है कि अंशधारक की मृत्यु हो जाने के बाद उसके परिजनों को ये पता नहीं रहता है कि उसके खाते में तीन स्कीम का पैसा जमा रहता है। ऐसे में सिर्फ एक ही स्कीम का पैसा निकलवा कर बाकी का पैसा भूल जाते हैं। अब अगर किसी अंशधारक की मृत्यु हो चुकी है और उसके खाते में इंश्योरैंस और पैंशन का पैसा बचा है तो उसके परिजनों को 2.5 लाख रुपए तक इंश्योरैंस का पैसा मिल सकता है।

पंजाब और हरियाणा, चंडीगढ़ रीजन में कुल 15591 लोगों ने नहीं किया क्लेम
लोगों में पी.एफ. के प्रति जागरूकता कम होने के कारण अधिकतम अपने ही पैसे क्लेम नहीं कर पाते। प्राप्त डाटा के अनुसार पंजाब और हरियाणा, चंडीगढ़ रीजन में कुल 15591 लोगों ने अपने पी.एफ. में पड़े पैसे क्लेम नहीं किए। वहीं पूरे भारत में कुल 490286 लोगों ने अपने पैसों का क्लेम नहीं किया और जो अभी भी पी.एफ. डिपार्टमैंट के पास ही पड़े हैं।

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