Punjab

Open Debate: CM मान ने पंजाब पर चढ़े कर्ज को लेकर विरोधियों की खोली आंखें, रखे आंकड़ें

Published

on

लुधियाना: लुधियाना में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से एक बड़ी बहस रखी गई। हालांकि इस बहस में पंजाब की सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं को आमंत्रित किया गया था, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, बीजेपी अध्यक्ष सुनील जाखड़ और विपक्ष के नेता प्रताप बाजवा भी शामिल थे, लेकिन इनमें से कोई भी नेता इसमें शामिल नहीं हुआ। इन नेताओं के ऑडिटोरियम में कुर्सियों पर नाम लिखकर रखे गए थे.जिस पर सिर्फ मुख्यमंत्री भगवंत मान ही बैठे नजर आए।

10 वर्षों में दोगुना हो गया कर्ज 

इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के खजाने पर कर्ज का बोझ 2012 से पड़ना शुरू हुआ। 2012 में कर्ज 83099 हजार करोड़ था जो 2017 में अचानक बढ़कर 1 लाख 82 हजार करोड़ हो गया। इसके बाद कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार आई जिसने 1 लाख करोड़ और बढ़ा दिए। इन 10 सालों में पंजाब के सिर पर 2 लाख करोड़ का कर्ज चढ़ गया। मान ने कहा कि हमने सब पता कर लिया है, इस दौरान न सरकारी कॉलेज बना, न यूनिवर्सिटी बनी, न नौकरी दी गई, न रोजगार दिया गया, जिस पर यह पैसा खर्च किया गया हो। तो फिर 2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज कहां गया? इस दौरान किसी गवर्नर ने पत्र नहीं लिखा कि इतना कर्ज क्यों लिया गया और कहां निवेश किया गया?

मान ने कहा कि हमने 37-38 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिसमें से 27 हजार करोड़ रुपए विरासत में मिले कर्ज की किस्त ही जाती है। जबिक बिजली सब्सिडी का एक भी रुपया नहीं देना, लोगों को हम मुफ्त बिजली दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब नौकरियां नहीं मिलीं, ब्रेन डोन होने लग पड़े, फिर नौजवानों ने विदेश जाने का रुख किया। फिर पंजाब में धड़ाधड़ पासपोर्ट बनने शुरू हो गए। 25 साल में कोई भर्ती नहीं हुई। चुनाव के समय भर्तियों की घोषणाएं तो हुईं लेकिन वे पूरी नहीं हुईं। स्कूलों में शिक्षक नहीं थे लेकिन स्कूल के सामने की टंकी शिक्षकों से भरी रहती थी। मान ने कहा कि हमने एक नहीं बल्कि अलग-अलग विभागों में 37,946 नौकरियां दी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version