Punjab

Municipal Election: कई संभावित AAP उम्मीदवारों को आ रही मुश्किलें, जानें क्यों

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जालंधर : हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत प्राप्त करने के बाद आम आदमी पार्टी ने अब जुलाई अगस्त महीने में जालंधर municipal election करवाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं  परंतु अभी तक आम आदमी पार्टी निगम चुनाव हेतु वार्डबंदी को ही फाइनल नहीं कर पाई। यह प्रक्रिया जालंधर निगम द्वारा पिछले 6 महीने से चलाई जा रही है परंतु अभी तक वार्डबंदी का जो ड्राफ्ट सामने आया है उससे सत्तापक्ष यानी ‘ आप ‘ के कई संभावित उम्मीदवारों को मुश्किलें पेश आ रही हैं ।  ऐसे में शहर में चर्चा है कि यदि वार्डबंदी में बदलाव ना किया गया तो आम आदमी पार्टी निगम चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी ।


चंडीगढ़ के एक ड्राफ्ट्समैन की सेवाएं लेगी पार्टी
आज से कई माह पहले जब जालंधर निगम की वार्डबंदी की प्रक्रिया शुरू की गई  , तब जालंधर निगम के अधिकारियों के साथ-साथ लोकल बॉडीज विभाग चंडीगढ़ के एक सुपरिटेंडेंट लेवल के अधिकारी की भी सेवाएं ली गई थी । यह अधिकारी वार्डबंदी का विशेषज्ञ माना जाता है और पिछली वार्डबंदी में भी इसी अधिकारी ने कांग्रेसी नेताओं के साथ मिलकर उनकी मनमर्जी से वार्डबंदी फाइनल की थी । उसी वार्डबंदी के आधार पर कांग्रेसी 80 में से 65 सीटें जीतने में कामयाब हो गए थे । इस बार आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इसी  अधिकारी के बल पर वार्डबंदी को फाइनल रुप दिया परंतु जब इसका ड्राफ्ट डीलिमिटेशन बोर्ड की बैठक में रखा गया तब उसमें काफी बदलाव देखा गया जिसके बाद संदेह व्यक्त किया जाने लगा कि चंडीगढ़ के इस अधिकारी ने कुछ लोगों के साथ मिलकर वार्डबंदी के ड्राफ्ट को ही बदल दिया है ।अब आम आदमी पार्टी के नेताओं ने चंडीगढ़ लोकल बॉडीज के एक  ड्राफ्टमैन की सेवाएं ली है जो इसी सप्ताह जालंधर आकर वार्डबंदी में कुछ बदलाव करेंगे और उसे ‘  आप ‘ की जीत का आधार बनाया जाएगा ।


अंदरखाते कई कांग्रेसी नेता भी वार्डबंदी ठीक करवाने के प्रयास में
इस  समय शहर के राजनीतिक हालात अत्यंत अजीब बने हुए हैं ।  शहर के कई कांग्रेसी और भाजपा नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं जबकि कई आप  में जाने को तैयार बैठे हैं । जो नेता कांग्रेस पार्टी के ही टिकट पर चुनाव लड़ना चाह रहे हैं वह भी अपने उन पुराने साथियों के बल पर वार्डबंदी में बदलाव चाह रहे हैं जो आप में चले गए हैं । अब देखना है कि किस-किस उम्मीदवार की इच्छा के मुताबिक वार्डबंदी में बदलाव होता है।

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