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Malout के पंजाबी जूतों पर GST का असर, कारीगरों और व्यापारियों की सरकार से सहायता की अपील

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Malout के पंजाबी जूते न केवल देश भर में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। इस व्यवसाय में हजारों परिवार जुड़े हुए हैं, जिनमें गृहिणियां, छात्र और घरेलू कारीगर शामिल हैं, जो हाथ से जूते बनाते हैं। यह व्यवसाय न केवल रोजगार का स्रोत है, बल्कि पूरे परिवार के जीवन यापन का एक महत्वपूर्ण साधन भी है।

जीएसटी पर व्यापारियों की चिंता

पंजाबी जूता निर्माता और व्यापारी अब इस व्यवसाय पर लगे जीएसटी को हटाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जबकि यह एक हस्तशिल्प व्यवसाय है, जिसमें छोटे परिवार शामिल हैं, जीएसटी का बोझ उनके लिए बहुत भारी पड़ रहा है।

घर पर काम करने वाले कारीगरों की स्थिति

Malout के जूता कारीगरों ने बताया कि वे कमीशन बेस पर घर पर ही जूते बनाते हैं। महिलाएं घर के कामकाज के बाद इस काम में समय लगाती हैं, जबकि पढ़ाई करने वाले लड़के-लड़कियां भी इस व्यवसाय से जुड़कर अपना जीवन यापन करते हैं। कारीगरों ने सरकार से अपील की है कि घरेलू कारीगरों को आसान किस्तों पर ऋण और अन्य सरकारी सहायता प्रदान की जाए, ताकि वे अपना व्यवसाय बढ़ा सकें।

सरकार से सहायता की अपील

व्यापारियों का कहना है कि मलोट से बने पंजाबी जूते देशभर के विभिन्न राज्यों और विदेशों तक भेजे जाते हैं। जीएसटी लागू होने से छोटे व्यापारियों और कारीगरों के लिए इस व्यवसाय को चलाना कठिन हो गया है। इसलिए, उन्होंने सरकार से जीएसटी हटाने और विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान करने की अपील की है।

अब सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस पारंपरिक उद्योग को समर्थन दे, जिससे कारीगरों की समस्याओं का समाधान हो सके और उनका व्यवसाय आगे बढ़ सके।

Editor Two

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