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MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन नए चरण में, आज बड़ा ऐलान संभव

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न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन अब अगले चरण में प्रवेश करने को तैयार है। शनिवार को किसान एक बार फिर चंडीगढ़ के किसान भवन में मीडिया से बातचीत करेंगे, जहां वे अपनी आगामी नीतियों और रणनीतियों की जानकारी देंगे।

बीजेपी पर आरोप, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर निशाना

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी पर अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन भाजपा सरकार इस पर कार्रवाई करने से बच रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की नीतियों के कारण देश में महंगाई दर 6.25 प्रतिशत से अधिक हो गई है और रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही है। पंधेर ने यह भी कहा कि भाजपा गरीब मजदूरों के लिए कोई ठोस योजना नहीं ला सकी और बेरोजगारी दर भारत में ऐतिहासिक रूप से सबसे ऊंचे स्तर पर है।

शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से चल रहा है आंदोलन

किसानों का यह आंदोलन मुख्य रूप से एमएसपी पर कानूनी गारंटी, बुजुर्ग किसानों और मजदूरों के लिए मासिक पेंशन और कृषि ऋण माफी जैसी मांगों पर केंद्रित है। शंभू बॉर्डर पर लंबे समय से जारी इस विरोध प्रदर्शन ने स्थानीय निवासियों, व्यापारियों और छात्रों की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित किया है।

किसानों को समर्थन की उम्मीद

सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश के लोग उनकी समस्याओं को समझेंगे और किसानों को अपना समर्थन देंगे। किसान संगठनों का दावा है कि आंदोलन से जुड़ी सड़कों को बंद करने का निर्णय किसानों का नहीं, बल्कि सरकार का है।

संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं नेतृत्व

आंदोलन का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। आज दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जिससे आंदोलन को नई दिशा मिलने की संभावना है।

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