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Akali Dal ने मांग की कि विश्वविद्यालय के विरासत स्वरूप को हर कीमत पर संरक्षित किया जाए

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शिरोमणि Akali Dal ने कल पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ की सीनेट को खत्म करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर गंभीर चिंता व्यक्त की और प्रस्ताव को तत्काल वापस लेने की अपील की।

यहां जारी एक बयान में पार्टी के वरिष्ठ नेता डाॅ. दलजीत सिंह चीमा ने केंद्रीय गृह मंत्री से इस गलत इरादे को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया जो पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 की भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अधिनियम के अनुसार, पीयू एक अंतरराज्यीय निकाय कॉरपोरेट है और इसकी सीनेट के साथ कोई भी छेड़छाड़ उक्त अधिनियम का उल्लंघन माना जाएगा और यह पंजाब और पंजाबियों के साथ एक और गंभीर अन्याय होगा।

Akali Dal ने मांग की कि विश्वविद्यालय के विरासत स्वरूप को हर कीमत पर संरक्षित किया जाना चाहिए। पार्टी ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से यह बताने की भी अपील की कि क्या उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी सहमति दी है और इस मामले पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाया है।

डॉ। चीमा ने कहा कि पहले हरियाणा को अलग विधानसभा के लिए सीटें आवंटित करने का प्रयास किया गया था, तब पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब विरोधी प्रस्ताव के साथ इसका समर्थन किया था, लेकिन अकाली दल ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था. उन्होंने कहा कि इसके बाद हरियाणा के कॉलेजों को यूनिवर्सिटी से मान्यता दिलाने की कोशिश की गई, जिसका हमने पुरजोर विरोध किया|

Akali Dal नेता ने कहा कि पार्टी इस नापाक मंसूबे को सफल नहीं होने देगी और केंद्र सरकार को ऐसे पंजाब विरोधी कदम उठाने के खिलाफ चेतावनी भी दी|

Editor Two

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