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German के गुरुद्वारे में Sikh Family पर लगी Ban हटाने के आदेश – Akal Takht ने दी सख्त हिदायत

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जर्मनी के सिंगेन (Singen) शहर में स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में एक सिख परिवार के प्रवेश पर लगाई गई पाबंदी के मामले में अकाल तख्त ने सख्त रुख अपनाया है। अकाल तख्त ने गुरुद्वारा प्रबंधन को तुरंत यह बैन हटाने और पूरे मामले पर दो हफ्तों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

क्या है मामला?

दलजीत सिंह और परमजीत सिंह नाम के दो भाइयों और उनके परिवार को गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इसी वजह से परिवार अपनी एक बुजुर्ग महिला रिश्तेदार के निधन के बाद अंतिम अरदास (Antim Ardas) और भोग का कार्यक्रम गुरुद्वारे में नहीं कर सका।

इस शिकायत पर अमृतसर स्थित अकाल तख्त ने संज्ञान लिया। अकाल तख्त सचिवालय के इंचार्ज बगीचा सिंह ने जानकारी दी कि गुरुद्वारा सिंह सभा, सिंगेन के अध्यक्ष दविंदर सिंह को पत्र भेजकर साफ निर्देश दिए गए हैं कि परिवार पर लगी पाबंदी तुरंत हटाई जाए।

अकाल तख्त का सख्त संदेश

अकाल तख्त ने अपने निर्देश में साफ कहा है –

“किसी भी सिख या व्यक्ति को गुरुद्वारे में प्रवेश से नहीं रोका जा सकता। यह सिख परंपरा और गुरमत सिद्धांतों के खिलाफ है।”

इसके साथ ही प्रबंधन से कहा गया है कि वे इस फैसले का कारण बताते हुए लिखित सफाई दो हफ्तों में भेजें।

पृष्ठभूमि और दखलअंदाजी

हाल ही में राजवंत सिंह, जिन्होंने गुरुद्वारे के विकास में योगदान दिया था, ने अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी। इसके बाद ही अकाल तख्त ने आधिकारिक कार्रवाई की।

समझौते की अपील

अकाल तख्त ने दलजीत सिंह और परमजीत सिंह को भी सलाह दी है कि वे गुरुद्वारा प्रबंधन के साथ बैठकर समझौता करें और किसी भी ऐसे कदम से बचें जिससे विवाद और न बढ़े।

इस मामले ने प्रवासी सिख समुदाय में भी चर्चा छेड़ दी है, क्योंकि यह मुद्दा धार्मिक स्वतंत्रता और गुरुद्वारे में सबके लिए खुले दरवाज़ों के सिद्धांत से जुड़ा हुआ है।

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