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हरियाणा में जीत की हैट्रिक के लिए भाजपा तैयार, कांग्रेस के नेतृत्व और नीतियों को मतदाता ने नकारा: डॉ. चौहान

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चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के  चुनावी नतीजे हरियाणा सहित देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए  नए उत्साह की  सियासी संजीवनी के रूप में काम करेगी। नतीजों के बाद कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के हौंसले पस्त नज़र आने लगे हैं। कांग्रेस के आंगन में राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, हरियाणा में भी आने वाला समय में खलबली और भगदड़ वाला हो सकता है।

हरियाणा भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने  यहां जारी एक बयान में कहा कि इन  राज्यों में  मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अलावा पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नायब सिंह सैनी  निवर्तमान अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ और करनाल के सांसद संजय भाटिया सहित सैकड़ों नेता व कार्यकर्ता प्रचार हेतु गए थे। डॉ वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि जहां हरियाणा भाजपा के कार्यकर्ता और नेता चुनावी राज्यों में अच्छे नतीजे के संवाहक बने, वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से इन राज्यों में प्रभारी और ऑब्जर्वर बनाकर भेजे गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा और  सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला वहां से मुंह की खाकर लौट रहे हैं।  अब हरियाणा की जनता आगामी लोक सभा चुनाव में आपस में एक दूसरे से  लठम-लट्ठा करने वाले कथित दिग्गज कांग्रेसियों को उनकी घरेलू पिच पर  राजनीतिक धूल  चाटने के लिए विवश करेगी। 

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन के बयान के हवाले से भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस को रसातल में धकेलने में उसकी सनातन और राम विरोधी सोच की अहम भूमिका है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय चैनलों पर पार्टी के प्रवक्ता के रूप में नज़र आने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णन ने कहा है कि सनातन के श्राप ने कांग्रेस की हार का रास्ता तैयार किया। 

भाजपा प्रवक्ता डॉ चौहान ने कहा कि चार राज्यों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी  के कदम हर जगह आगे बढ़े हैं।  तेलंगाना में भाजपा की  सीट संख्या और वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है।  राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी ने वहां की सत्ताधारी कांग्रेस से सत्ता छीन कर कमल खिलाने का कार्य किया है।  मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तमाम षड्यंत्र और दुष्प्रचार के बावजूद भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार फिर से बनाने की स्थिति में खड़ी है। 

Editor One

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