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पुलिस और निहंगों के बीच विवाद पर बड़ा खुलासा, चश्मदीदों ने बताई असली सच्चाई

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सुल्तानपुर लोधी : श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व से कुछ दिन पहले पुलिस निहंग सिंहों के बीच हुए विवाद को लेकर रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और शिरोमणि अकाली दल राजनीतिक फायदा लेने के लिए इस जगह के विवाद का राजनीतिकरण करते हुए सुल्तानपुर लोधी गुरुद्वारा बेर साहिब के सामने धरना शुरू कर दिया गया है और आरोप लगाया जा रहा है कि प्रमुख के आदेश पंजाब के मंत्री और पुलिस ने निहंग सिंहों पर गोलियां बरसाईं और गुरुद्वारा साहिब में घुसकर मर्यादा तोड़ी, जबकि उस दिन गुरुद्वारा बेर साहिब के सामने मौजूद दुकानदार दविंदर सिंह (गोटी) ने निडर होकर कैमरे के सामने सच ला दिया है।

उन्होंने बताया कि 23 नवंबर की सुबह जब पुलिस गुरुद्वारा नवाब कपूर साहिब के बाहर सड़क पर खड़ी थी, उसी समय गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब के अंदर से एक सुनियोजित योजना के तहत छावनी के विभिन्न मोर्चों से निहंग सिंहों के बाणे में खड़े व्यक्तियों पर ताड़बतोड़ गोलियां चला दीं। इस दौरान एक पुलिस कर्मी जो सड़क पर डंडा लेकर खड़ा था, गोली लगने से शहीद हो गया और कई पुलिसकर्मियों को गोली लग गई और पुलिसकर्मी अपनी जान बचाने के लिए डंडे लेकर भागते नजर आए।

पुलिस गुरुद्वारा साहिब के अंदर नहीं गई
दविंदर सिंह ने बातचीत करते हुए कहा कि उस दिन गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब को अंदर से ताला लगाया हुआ था और पुलिस गुरुद्वारा साहिब के अंदर बिल्कुल भी नहीं गई थी, लेकिन गुरुद्वारा साहिब के पीछे निहंग सिंहों की छावनी थी, जहां सिंहों की रिहायश और घोड़े आदि बांध कर रखे जाते हैं। उसी तरफ से पुलिस पार्टी अंदर घुस गई थी लेकिन जैसे ही निहंग सिंहों ने गोलियां बरसाईं तो पुलिस के जवान अपनी जान बचाने के लिए सड़क पर खड़ी बसों के पीछे छिप गए। इस बीच पुलिस ने निहंगों की ओर से आंसू गैस के गोले भी फेंके लेकिन फिर भी गोलियां नहीं रुकीं। गुरसिख नेता दविंदर सिंह ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की जयंती के अवसर पर इस स्थान पर कब्जा करना एक दुर्भाग्यपूर्ण कार्रवाई थी और जिसके कारण 2 दिनों तक माहौल तनाव भरा रहा, लेकिन पुलिस ने बहुत समझदारी से गोलीबारी नहीं की और मामले को शांत कर दिया।

उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी की पवित्र नगरी सुल्तानपुर लोधी पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर यहां का माहौल खराब करने के लिए गलत प्रचार कर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सिखों से अपील की कि वे सच्चाई जाने बिना न बोलें और सच्चाई यह है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई, क्योंकि अगर पुलिस गोली चलाती तो कई निहंग सिंह घायल हो जाते, लेकिन किसी को गोली लगने की खबर नहीं है। पुलिस ने समझदारी से काम लिया और अपने घायल कर्मचारियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई। उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के 1 होम गार्ड के जवान जसपाल सिंह शहीद हो गए, जिसका अधिकांश राजनीतिक नेताओं को कोई नुकसान नहीं हुआ, जो शर्मनाक है।

इसी प्रकार, एक अन्य धर्मनिष्ठ व्यक्ति, आर्मी कॉलोनी निवासी कुन्दन सिंह, ने गुरुद्वारा बेर साहिब के दर्शन करने के बाद बातचीत करते हुए कहा कि वह सामान्य अमृत के समय गुरुद्वारा बेर साहिब के दर्शन करने आते हैं और उस दिन भी जब वह गुरुद्वारा बेर साहिब से बाहर मोटरसाइकिल पार्किंग से बाहर आया था, तभी उसने गोलियों की आवाज सुनी। गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब की ओर से पुलिस पर गोलियां चलाई जा रही हैं। उसने यह भी देखा कि पुलिसवाले डंडे लेकर आए थे और जब सामने से गोलियां चलीं तो वे अपनी सुरक्षा के लिए भागते दिखे।

कुन्दन सिंह ने कहा कि निहंग सिंह छावनी के अंदर से निहंग सिंह चिल्लाते हुए पुलिस का पीछा कर रहे थे, जबकि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। उसने अपनी आंखों से देखा कि उस समय गुरुद्वारा अकाल बुंगा साहिब के गेट पर गुरुद्वारा बेर साहिब की तरफ बैरिकेड लगा दिया गया था और पुलिस गुरुद्वारा साहिब की तरफ गई ही नहीं, जबकि कुछ कर्मचारी छावनी में घुसने की कोशिश कर रहे थे पीछे की तरफ से और अंदर से फायरिंग होने पर वे भी भागते नजर आए।

माहौल खराब करने की साजिश
एक अन्य श्रद्धालु ने बातचीत में कहा कि प्रकाश पर्व के दौरान सुल्तानपुर लोधी में एक साजिश के तहत माहौल खराब करने की कोशिश की गई ताकि गोली मारकर इसे बरगाड़ी कांड का रूप भी दिया जा सके, लेकिन समझदार पुलिस अधिकारी गुस्से में आ गए और जवाबी फायरिंग नहीं की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा किसी जूतों के साथ गुरुद्वारा साहिब में प्रवेश करने को लेकर झूठा प्रचार किया जा रहा है, जबकि हमने ऐसा कुछ नहीं देखा है। उन्होंने यहां तक ​​कहा कि हम गुरु साहब के सिख भक्त हैं। उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि इस विवादित जगह पर गुरुद्वारा बेर साहिब की एक बड़ी पार्किंग बनाई जाए ताकि विवाद हमेशा के लिए खत्म हो सके। उधर, बुड्ढा दल प्रमुख बाबा मान सिंह का गुट लगातार आरोप लगा रहा था कि पुलिस ने फायरिंग की है और गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा का उल्लंघन किया है। अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है।

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