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इकोसिख ने 56 महीनों में लगाए 850 पवित्र जंगल

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चंडीगढ़ : पर्यावरण संगठन इकोसिख ने पंजाब और भारत के छह अन्य प्रदेशों में मात्र 56 महीनों में 850 गुरु नानक पवित्र जंगलों को पूरा करने की घोषणा की है। प्रत्येक जंगल में देसी प्रजातियों के 550 पेड़ हैं जिनका कुल योग अब तक 4 लाख 70 हजार पेड़ो का है। इकोसिख ने बताया कि उनकी टीम हर महीने ऐसे 100 ओर जंगल लगाने की क्षमता रखती है। इकोसिख ने रिफोरेस्टेशन अभियान के तहत 650 जंगल पंजाब में ही लगाये हैं। इकोसिख के ग्लोबल प्रेजीडेंट डॉ राजवंत सिंह ने पत्रकार वात्र्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु नानक की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में फरवरी 2019 में यह पहल शुरु की थी और इकोसिख ने दस लाख पेड़ लगाने की प्रतिबद्धता जताई थी। इकोसिख इस माह लगभग आधा सफर तय कर चुका है।

पक्षियों को मिल रहा है सुरक्षित आवास
उन्होंनें कहा कि वनों से वायु की गुणवत्ता को बेहतर और पक्षियों तथा पोलीनेटर्स को सुरक्षित आवास दिलवाने में मदद मिल रही है। इकोसिख ने  घोषित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लोगों, गुरुद्वारों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्योगों के साथ काम किया है। महाराष्ट्र के एक अग्रणीय उद्योगपति चरण सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन (क्लाईमेट चैंज) के रुख को मोडऩे के लिये समाज का सामूहिक प्रयास भविष्य की आने वाली पीडिय़ों के लिये कारगर साबित होगा।

जापानी पद्धाति के मियावाकी वन में लगाएंगे पेड़
पायनियर इंडस्ट्रीज प्राईवेट लिमेटिड के प्रबंध निदेशक जगत अग्रवाल ने इकोसिख के साथ जपानी पद्धाति के मियावाकी वन में 43500 से भी अधिक पेड़ लगाने का बीड़ा उठाया है। चैंबर आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआईसीयू) के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने अब तक 139 ऐसे गुरु नानक पवित्र वन लगाकर च्लंग्स आफ लुधियाना परियोजना के प्रति उत्साहजनक प्रतिबद्धता दिखाई है 

हर मौसम में लगा रहे हैं पेड़
इकोसिख इंडिया की अध्यक्षा डॉ सुप्रीत कौर ने पंजाबी युवाओं, इकोसिख के मेहनतकश वन रचनाकारों की भूमिका साझा की जो मियावाकी पद्धति (जापानी पद्धति) के साथ रोपण में पूरी से तरह से कुशल हैं। उन्हें इस तकनीक के विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञ शुभेंदु शर्मा द्वारा मार्गदर्शन दिया गया है। अब उनके पास पूरे पंजाब में 45 बेहतरीन तरीके से प्रशिक्षित यंग फोरेस्ट मेकर्स हैं और वे अत्याधिक गर्म मौसम या बरसात के दिनों में भी प्रत्येक दिन जंगल लगा रहे हैं। 

अब वापिस आ रहे हैं गायब हुए पेड़
खेड़ा माझा के सरपंच कुलविंदर सिंह ने बताया कि ये जंगल पेड़ों की उन प्रजातियों को वापस ला रहे हैं जो पिछले कई दशकों से गायब हो गई हैं। उन्होंनें बताया कि ये पेड़ कई अलग अलग पक्षियों और जैव विविधताओं को वापस आमंत्रित कर रहें हैं जो मिट्टी को पुनर्जीवित करने में मदद करता है और प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

इकोसिख है पर्यावरणीय संगठन
इकोसिख एक ग्लोबल एक्शन ओरियेंटेड पर्यावरण संगठन है जो जलवायु समाधान पर केन्द्रित है। इसे व्हाइट हाउस, यूएन, वेटिकन और दुनिया भर के कई सरकारी संगठनों द्वारा विभिन्न प्लेटफार्मों पर आमंत्रित किया गया है। यह युवाओं और महिलाओं को अपनी परियोजनाओं में शामिल करता है। इकोसिख द्वारा अमृतसर में  जंगल लगाने का भी लक्ष्य है क्योंकि 2027 में अमृतसर का 450 वां स्थापना दिवस है।
 

Editor One

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