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UAE भारत में 50 में 50 अरब डॉलर विचार का निवेश करने करने पर कर रहा
नेशनल डेस्क: अपने दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार भारत में 50 अरब डॉलर लगाने की सोच रहा है, क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है। इस निवेश में से 5 अरब डॉलर की रकम इंडियन प्रीमियर लीग (आई.पी.एल.) में लगाए जाने की योजना है। फिलहाल आई.पी.एल. की ब्रांड वैल्यू 30 बिलियन डॉलर हैं। यू.ए.ई. अगले साल की शुरूआत में अपनी योजनाओं के बारे में बता सकता है। जुलाई में नरेंद्र मोदी की यू.ए.ई. के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद से मुलाकात के बाद वे और अधिक निवेश के बारे में सोच रहे हैं। पिछले 10 सालों में दोनों देश अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं और तेल के अलावा अन्य व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं। मोदी ने हाल ही में अबू धाबी का दौरा किया था, जो 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से खाड़ी देश की उनकी 5वीं यात्रा है। उनसे पहले यू.ए.ई. का दौरा करने वाली आखिरी भारतीय प्रधानमंत्री 1981 में इंदिरा गांधी थीं।
लोकसभा चुनावों से पहले हो सकती है डील्स की घोषणा जिन डील्स पर चर्चा की जा रही है उनमें फरवरी महीने में सऊदी अरब के टूरिज्म विभाग के साथ किए गए करार के दौरान मंच पर मौजूद आई.पी.एल. के वाइस प्रैजीडेंट राजीव शुक्ला व बी. सी. सी. आई. के जय प्रमुख भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजैक्ट और राज्य के स्वामित्व वाली संपत्तियों में हिस्सेदारी शामिल है, जिसकी घोषणा अगले साल होने वाले चुनावों से पहले होने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि कुछ निवेशों में अबू धाबी इन्वैस्टमैंट अथॉरिटी, मुबाडाला इन्वैस्टमैंट कंपनी और ए.डी.क्यू. जैसे सॉवरेन वैल्थ फंड शामिल हो सकते हैं। अभी निवेश के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए विशिष्ट समय-सीमा तय नहीं की गई है और घोषणाओं के आकार या समय पर कोई निश्चित निर्णय नहीं लिया गया है।
सूत्रों के मताबिक शेख तहनून बिन जायद अल नाहयान भारत में अरबों का निवेश करने पर विचार कर रहे हैं। उनकी प्रारंभिक बातचीत हुई है, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। यू.ए.ई. के राष्ट्रपति के भाई शेख तहनून इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी के चेयरमेन हैं, जिन्होंने हाल ही में गौतम अडानी के प्रमुख समूह में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी का खुलासा किया है।
अडानी की दो कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के बावजूद वे भारत के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, इस बारे में भारतीय मंत्रालयों, यू.ए.ई. सरकार, रॉयल ग्रुप (शेख तहन्नून की निजी निवेश फर्म), ए.डी.आई.ए., ए.डी. क्यू. या मुबाडाला से कोई कॉमेंट नहीं मिला।