National

Nepal में सियासी भूचाल: Sushila Karki बनीं पहली Female Prime Minister, GenZ Protests के बाद KP Oli का Resigns, March में होंगे Elections

Published

on

नेपाल इन दिनों बड़े राजनीतिक बदलावों से गुजर रहा है। पिछले हफ्ते सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुए Gen Z प्रोटेस्ट्स ने पूरे देश की राजनीति को हिला कर रख दिया। इन प्रदर्शनों में हिंसा के चलते 51 लोगों की मौत हो गई और 1,300 से ज्यादा लोग घायल हुए। हालात बेकाबू होने पर आखिरकार प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली को 9 सितंबर को इस्तीफा देना पड़ा।

शुक्रवार (12 सितंबर) को नेपाल की सियासत में ऐतिहासिक कदम उठाया गया जब पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की (73) ने नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। वे एक इंटरिम गवर्नमेंट (अंतरिम सरकार) की कमान संभालेंगी, जिसका मुख्य काम 6 महीने के भीतर चुनाव कराना होगा।

कैसे बनीं सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री

सुशीला कार्की का नाम युवाओं और जनता की तरफ से सुझाया गया, क्योंकि उन्हें ईमानदार और गैर-राजनीतिक चेहरा माना जाता है।
राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल, नेपाल आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिग्देल और Gen Z आंदोलन के नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया।

  • राष्ट्रपति पौडेल ने संसद को भंग कर 5 मार्च 2026 को नए चुनाव कराने का ऐलान किया।
  • शपथ ग्रहण कार्यक्रम राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास में हुआ, जिसे लाइव टेलीविजन पर दिखाया गया।

सुशीला कार्की का सफर गांव की बेटी से देश की प्रधानमंत्री तक

  • जन्म और पढ़ाई:
    • 1952 में नेपाल के पूर्वी हिस्से के एक किसान परिवार में जन्म।
    • BA (1972) – महेंद्र मोरंग कैंपस, नेपाल
    • MA (Political Science) (1975) – बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU), वाराणसी, भारत
    • LLB (1978) – त्रिभुवन यूनिवर्सिटी, काठमांडू
  • करियर की शुरुआत:
    • 1979 से बिराटनगर में वकालत शुरू की।
    • 1985 में महेंद्र मल्टिपल कैंपस, धरान में असिस्टेंट टीचर रहीं।
  • न्यायपालिका में योगदान:
    • 2009 में सुप्रीम कोर्ट में अस्थायी जज बनीं।
    • 2010 में स्थायी जज बनीं।
    • 2016 में पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं।
    • भ्रष्टाचार के खिलाफ कई सख्त फैसले सुनाए।
    • 2017 में उन पर इम्पीचमेंट मोशन (महाभियोग) लाया गया, लेकिन जनता के जबरदस्त समर्थन और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह हट गया।
  • महत्वपूर्ण केस:
    • इंफॉर्मेशन और कम्युनिकेशन मिनिस्टर जय प्रकाश प्रसाद गुप्ता को भ्रष्टाचार केस में दोषी करार दिया।

भारत से जुड़ाव: BHU में पढ़ाई और हाइजैकिंग कनेक्शन

सुशीला कार्की का भारत से गहरा रिश्ता है।

  • BHU में पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात दुर्गा प्रसाद सुवेदी से हुई, जो बाद में उनके पति बने।
  • सुवेदी 1973 में नेपाल एयरलाइंस के हाइजैकिंग केस में शामिल थे।
    • इस विमान में करीब 40 लाख नेपाली रुपए (उस समय लगभग $400,000) थे, जो नेपाल स्टेट बैंक के थे।
    • यह प्लेन बिहार के फोर्ब्सगंज में उतारा गया।
    • यह पैसा नेपाल में राजशाही के खिलाफ लोकतांत्रिक संघर्ष के लिए हथियार खरीदने में इस्तेमाल हुआ।
    • सुवेदी और अन्य साथियों को भारत में गिरफ्तार कर 2 साल जेल में रखा गया, बाद में वे नेपाल लौट आए।

Gen Z आंदोलन क्यों भड़की हिंसा

  • ओली सरकार ने सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया था।
  • यह फैसला आवाज दबाने की कोशिश माना गया और इसका सीधा असर युवाओं पर पड़ा।
  • इसके बाद Gen Z यानी युवा पीढ़ी ने पूरे देश में आंदोलन शुरू कर दिया।
  • आंदोलन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भयंकर हिंसा हुई।
    • 51 लोगों की मौत हुई।
    • 1,300 से ज्यादा घायल हुए।
    • मारे गए लोगों में 21 प्रदर्शनकारी, 9 कैदी, 3 पुलिसकर्मी और 18 अन्य लोग शामिल थे।

काठमांडू मेयर बालन शाह ने प्रदर्शनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि “Gen Z ने देश में बदलाव लाने के लिए जो कुर्बानी दी है, वह हमेशा याद रखी जाएगी।”

हालात अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं

  • शनिवार (13 सितंबर) को सरकार ने कर्फ्यू और सभी प्रतिबंध हटाने का फैसला किया।
  • दुकानें, बाजार और मॉल फिर से खुल गए हैं।
  • सड़कों पर ट्रैफिक धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है।
  • अब पुलिस राइफल्स की जगह सिर्फ डंडे लेकर तैनात है, ताकि हिंसा न बढ़े।

भारत और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

  • PM नरेंद्र मोदी ने सुशीला कार्की को बधाई देते हुए कहा कि भारत नेपाल की शांति और तरक्की के लिए हमेशा साथ रहेगा।”
  • भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी बयान जारी कर कहा कि भारत नेपाल के साथ मिलकर स्थिरता और विकास के लिए काम करता रहेगा।

आगे क्या होगा

  • नेपाल में अगले 6 महीने में चुनाव कराए जाएंगे
  • अंतरिम सरकार का फोकस शांति, स्थिरता और पारदर्शी चुनाव पर होगा।
  • सुशीला कार्की की ईमानदार छवि और न्यायिक अनुभव से जनता को नई उम्मीद मिली है।

नेपाल में यह बदलाव युवा शक्ति और जनता की ताकत का नतीजा है।
सुशीला कार्की का प्रधानमंत्री बनना न सिर्फ महिला सशक्तिकरण की मिसाल है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि लोकतंत्र में जनता की आवाज सबसे ऊपर है
आने वाले 6 महीने नेपाल के लिए बेहद अहम होंगे, जो तय करेंगे कि देश शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ेगा या फिर सियासी अस्थिरता जारी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version