National

देश की बेटियों ने रचा इतिहास: NDA से पहली बार 17 महिला कैडेट्स की पासिंग आउट परेड

Published

on

पुणे, 1 जुन 2025: नेशनल डिफेंस अकादमी (NDA), जो अब तक केवल पुरुष कैडेट्स के प्रशिक्षण के लिए जानी जाती थी, आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर पहुंच गई। 30 मई 2025 को NDA के इतिहास में पहली बार 17 महिला कैडेट्स ने सफलतापूर्वक तीन साल की कठिन और कड़ी ट्रेनिंग पूरी कर पासिंग आउट परेड (POP) में हिस्सा लिया। यह अवसर न केवल भारतीय रक्षा इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, बल्कि लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ी छलांग भी है।

तीन साल की कड़ी ट्रेनिंग बराबरी के साथ

इन महिला कैडेट्स ने NDA में पुरुष कैडेट्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर वही फिजिकल ट्रेनिंग, ड्रिल, हथियारों की ट्रेनिंग और अकादमिक शिक्षा प्राप्त की जो अब तक सिर्फ पुरुष कैडेट्स को दी जाती थी। यहां कोई अलग सुविधा या “स्पेशल ट्रीटमेंट” नहीं था – हर महिला कैडेट ने पुरुष कैडेट्स के साथ बराबरी की ट्रेनिंग ली और खुद को साबित किया।

इस बैच में कुल 300 से अधिक कैडेट्स शामिल थे, जिनमें ये 17 बेटियाँ भी उतनी ही मजबूती से खड़ी रहीं और हर मोर्चे पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

शानदार उपलब्धियाँ और नेतृत्व में बेटियाँ आगे

इस ऐतिहासिक बैच में दो महिला कैडेट्स ने विशेष उपलब्धियाँ हासिल कीं:

•           कैडेट श्रुति दक्ष ने आर्ट्स स्ट्रीम में टॉप कर यह साबित कर दिया कि ज्ञान और नेतृत्व की कोई सीमा नहीं होती।

•           कैडेट रितुल दुहन बनीं NDA की पहली महिला बटालियन कैडेट कैप्टन। यह पद एक प्रतिष्ठित नेतृत्व भूमिका है, जिसमें कैडेट अपने पूरे बैच का नेतृत्व करता है।

इन दोनों कैडेट्स की सफलता आने वाली पीढ़ियों की लड़कियों को प्रेरित करेगी कि अगर लगन और हौसला हो, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

पासिंग आउट परेड का गौरवपूर्ण दृश्य

NDA परिसर में आयोजित पासिंग आउट परेड एक भव्य दृश्य था। इस परेड में सुखोई जेट्स, हेलीकॉप्टर्स और ग्लाइडर्स की फ्लाईपास्ट ने माहौल को रोमांचक बना दिया। परेड के दौरान दर्शकों की आंखों में गर्व और गौरव साफ नजर आ रहा था।

इस ऐतिहासिक समारोह में पूर्व सेना प्रमुख और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वी.के. सिंह विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे। उन्होंने महिला कैडेट्स के इस ऐतिहासिक सफर को ‘भारतीय सशस्त्र बलों में एक क्रांतिकारी बदलाव’ बताया।

लड़कियों का सपना, अब हकीकत

जो काम कभी नामुमकिन लगता था, आज वो मुमकिन हो गया है। देश की बेटियाँ सिर्फ सपने नहीं देखतीं, उन्हें हकीकत में बदलना भी जानती हैं। ये सिर्फ एक पासिंग आउट परेड नहीं थी, बल्कि यह “ब्रेकिंग बैरियर्स” की शुरुआत है। यह दिन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है कि अब कोई भी क्षेत्र केवल “पुरुषों का क्षेत्र” नहीं है।

सलाम उन वीर बेटियों को

इन 17 महिला कैडेट्स ने न केवल NDA का दरवाजा खोला, बल्कि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में बतौर अधिकारी अपनी भूमिका निभाने की दिशा में एक साहसिक कदम बढ़ाया है। देश उन्हें सलाम करता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version