National
क्या आज हड़ताल पर हैं Swiggy-Zomato delivery boys? जानिए क्या है अभी तक की स्थिति
साल 2025 को विदा करने और 2026 का स्वागत करने की तैयारी में अगर आप यह सोचकर बैठे हैं कि पार्टी का सामान, खाना और ड्रिंक्स आखिरी मिनट पर ‘क्विक कॉमर्स’ या ‘फूड डिलीवरी’ ऐप्स से मंगा लेंगे तो आप बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि नव वर्ष की पूर्व संध्या यानी न्यू ईयर ईव पर डिलीवरी वर्कर्स यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया है. यह हड़ताल वेतन में पारदर्शिता की कमी, बिना बताए वर्कर आईडी ब्लॉक किए जाने और ’10-मिनट डिलीवरी मॉडल’ के विरोध में बुलाई गई है. हाल ही में क्रिसमस पर भी डिलीवरी वर्कर्स ने हड़ताल की थी जिसमें करीब 50,000 डिलीवरी पार्टनर्स ने भाग लिया था. इससे गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद में दोपहर और शाम के दौरान स्विगी और जोमैटो की डिलीवरी प्रभावित हुई थी. आज दोपहर बाद डिलीवरी पार्टनर्स हड़ताल पर रहेंगे. अभी स्थिति सामान्य है.
यह हड़ताल तेलंगाना स्थित तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (TGPWU) और कर्नाटक स्थित इंडियन फेडरेशन ऑफ ऐप-बेस्ड ट्रांसपोर्ट (IFAT) वर्कर्स यूनियन द्वारा बुलाई गई हैं, जिन्हें दिल्ली स्थित गिग वर्कर्स एसोसिएशन (GiGWA) का समर्थन मिला है. TGPWU के अध्यक्ष शेख सलाहुद्दीन के मुताबिक, बुधवार को होने वाली हड़ताल में करीब 1.5 लाख वर्कर्स के शामिल होने की उम्मीद है. सरकारी अनुमानों के अनुसार, देश में गिग वर्कर्स की संख्या 1 करोड़ से अधिक है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, डिलीवरी पार्टनर्स का आरोप है कि कंपनियां ’10-मिनट डिलीवरी’ के चक्कर में उनकी जान जोखिम में डाल रही हैं. ईस्ट ऑफ कैलाश में काम करने वाले एक एजेंट ने बताया कि अगर डिलीवरी में एक सेकंड भी लेट हो जाएं, तो पूरे दिन का इंसेंटिव काट लिया जाता है. इसलिए रेड लाइट जंप करनी पड़ती है और कोहरे में भी तेज गाड़ी चलानी पड़ती है. वेतन को लेकर भी भारी असंतोष है. पहले जहाँ पिक-अप और डिलीवरी की सीमा 2 किलोमीटर होती थी, अब उसे बढ़ाकर 5 किलोमीटर कर दिया गया है, लेकिन भुगतान कम हो गया है.
गुरुग्राम के एक एजेंट के मुताबिक, पहले 25 डिलीवरी पर जो इंसेंटिव मिलता था, अब वह 34 डिलीवरी पूरी करने पर मिलता है. 13-15 घंटे की हाड़तोड़ मेहनत के बाद पेट्रोल और बाइक का खर्चा काटकर उनके हाथ में केवल 300-400 रुपये ही बचते हैं.
रेस्टोरेंट्स और ग्राहकों के लिए ‘अलर्ट’
नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष प्रणव रुंगटा का कहना है कि वे जोमैटो और स्विगी के संपर्क में हैं. हड़ताल की स्थिति को लेकर औपचारिक सूचना का इंतजार कर रहे हैं. 25 दिसंबर को NCR खासकर गुरुग्राम में कारोबार प्रभावित हुआ था. राइडर्स समझदार हैं, वे जानते हैं कि कौन-सी तारीखें सबसे ज्यादा असर डालेंगी. रेस्टोरेंट्स की मुख्य चिंता कारोबार पर असर के साथ-साथ खाने की बर्बादी को लेकर भी है, और ग्राहकों को होने वाली असुविधा भी एक बड़ा मुद्दा है.
रेस्टोरेंट मालिकों की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर डिलीवरी बॉय नहीं आए, तो तैयार किया गया खाना बर्बाद हो जाएगा और ग्राहकों को भारी असुविधा होगी. 25 दिसंबर (क्रिसमस) को भी NCR में भारी असर देखा गया था, लेकिन इस बार राइडर्स ने सबसे ज्यादा असर डालने वाली तारीख यानी 31 दिसंबर को चुना है.