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आटा-दाल के बाद अब सस्ता मिलेगा चावल, आम आदमी को अब 25 रुपये किलो मिलेगा

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नई दिल्ली। भारत आटा और भारत ताड़ल के बाद अब सरकार ने भारत चावल पेश किया है। आम आदमी पर महंगाई की छाया न पड़े इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है। बाजार चाहे कितना भी महंगा क्यों न हो, आम आदमी की थाली सस्ती रखने के लिए हर चीज डिस्काउंट रेट पर बेची जा रही है।

मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय चावल 25 रुपये प्रति किलो बेचा जाएगा। यह चावल सरकारी एजेंसियों के जरिए आम आदमी तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NCCF), सेंट्रल भंडार की दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए बेचने की तैयारी की जा रही है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चावल की बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए भारतीय चावल बेचने की जरूरत है। मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल चावल की कीमत में 14.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और इसकी कीमत 43.3 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। अधिकारी का कहना है कि हमारी कोशिश हमेशा यही रही है कि पहले कीमतों पर काबू पाया जाए और फिर महंगाई पर।

फिलहाल केंद्र सरकार आटा और चना भी सस्ते दाम पर बेच रही है. सरकारी एजेंसियों के आउटलेट पर भारतीय आटा 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम और भारतीय दाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम बेची जा रही है। इसके लिए देशभर में 2,000 रिटेल प्वाइंट बनाए गए हैं. भारतीय चावल भी इसी तरह बिकेगा।

सरकार अपने आउटलेट्स पर न सिर्फ अनाज बल्कि प्याज और टमाटर भी सस्ते दामों पर बेचती है। प्याज की बात करें तो यह मदर डेयरी, सफल समेत कई माध्यमों से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सरकार ने पिछले कुछ दिनों में खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

इससे पहले सरकार ने खुदरा बाजार में चावल की कीमत को नियंत्रित करने के लिए गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इतना ही नहीं, बासमती चावल निर्यात के लिए फ्लोर प्राइस भी 1,200 डॉलर प्रति टन तय किया गया था, जिसे बाद में घटाकर 950 डॉलर कर दिया गया। भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने हाल ही में 29 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर लगभग 4 लाख टन चावल की नीलामी की है। सरकार के पास फिलहाल 1.79 करोड़ टन चावल का भंडार है।

नवंबर महीने में अनाज की महंगाई दर 10.3 फीसदी रही, जिससे आम आदमी की थाली पर भी असर पड़ा है। यही कारण है कि सरकार ने सभी आवश्यक वस्तुओं को सस्ते दामों पर बेचना शुरू कर दिया है।

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