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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष से की फोन पर बात, हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रही चर्चा

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नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शेप्स से टेलीफोन पर बातचीत की और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-ब्रिटेन के बीच गहन सहयोग विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सिंह और शेप्स ने दोनों देशों के बीच जारी द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी की संक्षिप्त समीक्षा की और नए-नए क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर बातचीत की। 

दोनों मंत्रियों ने रक्षा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर की चर्चा 
मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शेप्स से 13 नवंबर को फोन पर बातचीत की। दोनों मंत्रियों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए रक्षा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की।” इसमें कहा गया कि सिंह और शेप्स ने करीबी रक्षा संबंध विकसित करने के तरीकों पर भी चर्चा की। बयान के अनुसार, ‘‘ग्रांट शेप्स ने रक्षा मंत्री सिंह को निकट भविष्य में ब्रिटेन यात्रा का न्योता दिया। सिंह ने रक्षा मंत्री के रूप में नियुक्ति पर शेप्स को बधाई दी।” 

शेप्स को अगस्त में ब्रिटेन का रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया था। उन्होंने बेन वालास की जगह ली थी। बाद में सिंह ने ‘एक्स’ पर लिखा कि उन्होंने और शेप्स ने विभिन्न रक्षा और सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की और विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित रखा गया। सिंह और शेप्स की टेलीफोन वार्ता ऐसे समय में हुई है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। 

मई 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के बीच आयोजित भारत-ब्रिटेन आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ब्रिटेन संबंध को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक उन्नत किया गया था। सम्मेलन में दोनों पक्षों ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन तथा जनता के बीच संपर्क के अहम क्षेत्रों में संबंधों के विस्तार के लिए 10 वर्ष की रूपरेखा को अपनाया था। पिछले महीने भारत-ब्रिटेन का ‘2 प्लस 2′ विदेश और रक्षा मंत्री संवाद हुआ था जिसमें व्यापार और निवेश, रक्षा, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, नागर विमानन, स्वास्थ्य और ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

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